गर्भवती से, उसके बेटे के सामने कांस्टेबल ने किया दुष्कर्म

0
126
- Advertisement -

लोक टुडे न्यूज नेटवर्क

जयपुर। जब पूरा विश्व अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस  मना रहा था, तब राजधानी जयपुर के सांगानेर थाने का कांस्टेबल भगाराम एक पीड़ित महिला को बयान दर्ज करने के बहाने होटल ले जाता है और उसके 3 साल के बेटे के सामने दुष्कर्म घटना को अंजाम देता है पीड़िता के विरोध करने पर उसके मुंह में कपड़ा ठोस देता है और पति को बंद करने की धमकी भी देता है दुष्कर्म के बाद पीड़िता अपने घर पहुंचती है और अपने पत्नी के साथ मिलकर पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज कराने जाती है। पुलिस कांस्टेबल द्वारा दुष्कर्म करने की जानकारी जब पीड़िता ने अपने पति को दी तब उसने बदनामी के दर से इसे दबाने का प्रयास किया लेकिन जब पीड़िता नहीं मानी और उसने जयपुर ग्रेटर नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष राजीव चौधरी को जब यह घटनाक्रम बताया तब राजीव चौधरी उसे थाना लेकर गए और बड़े अधिकारियों को बताकर आरोपी  कांस्टेबल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया । पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज  जोसफ ने बताया कि कांस्टेबल पर एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।  पीड़िता के पति ने बताया कि जिस समय आरोपी पीड़िता के साथ थाने में जाकर रिपोर्ट लिखवा रहा था  उस समय भी आरोपी कांस्टेबल का पीड़िता के पास फोन आया और बोला अब कोई दिक्कत नहीं है ना। यानी कि वह इतना बेखौफ है कि उसे यह भरोसा है कि शायद वह है अब भी बच निकलेगा।

पीड़िता के पत्नी ने बताया कि शुक्रवार रात को उनका पड़ोसी के साथ झगड़ा हो गया था। पड़ोसियों ने भी उनके साथ मारपीट की।  इस पर दोनों ने मुकदमा दर्ज कराया।  पुलिस दोनों को ही पकड़कर थाने ले गई। पुलिस जप्ने के साथ आरोपी कांस्टेबल भागाराम भी था। शनिवार सुबह है भगाराम बयान दर्ज करने के बहाने घर पर आया और पीड़िता को अपने साथ एक होटल में ले गया। जब महिला ने विरोध की किया तो बताया कि अभी थोड़ी देर में थाने चलते हैं ,पहले मैं अंदर  कोई जरूरी काम करना हैं ।होटल में ले जाने के बाद जैसे ही उसने जबर्दस्ती करने की कोशिश की तो ,महिला चिल्लाने लगी ,तो उसने मुंह में कपड़ा ठूंस दिया और उसके पति को बंद करने की धमकी दी।  जिस समय वह महिला के साथ दुष्कर्म कर रहा था उसका 3 साल का बेटा उसके साथ था । बेटा रोता रहा ,महिला चिल्लाती रही ,लेकिन हैवान पुलिस वाला अपने गंदे मंसूबो को अंजाम देता रहा।  क्योंकि आरोपी कांस्टेबल इस बात को भली भांति जानता था कि पीड़ित महिला  दलित पर्व की है, उसका कुछ नहीं बिगड़ेगा और पीड़ित महिला उसके खिलाफ शिकायत की दर्ज नहीं कराएगी।  लेकिन अब शिकायत दर्ज हो गई है।  देखना यह है कि पुलिस वाले के खिलाफ क्या कार्यवाही होती है, जबकि मुकदमा दर्ज होने के साथ ही सबसे पहले पुलिस वाले को एपीओ किया जाना था ।लेकिन अभी तक पुलिस वाले को एपीओ तक नहीं किया गया है।  जब तक पुलिस वाला वहीं पर तैनात रहेगा तो उसके खिलाफ कैसे निष्पक्ष जांच होगी । ऐसे में पुलिस की साख को बट्टा लगाने वाले ऐसे पुलिसकर्मी को सबसे पहले निलंबित नहीं तो कम से कम एपोओ जरूर किया जाए और उसके बाद में किसी उच्च अधिकारी को जांच कराई जाए, जिससे निष्पक्ष जांच हो सके और आरोपी को सजा मिल सके।

- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here