लोक टुडे न्यूज नेटवर्क
– जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने ली समीक्षा बैठक। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा है कि राजस्व संग्रहण किसी भी राज्य के विकास एवं जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन का आधार होता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कर चोरी सहित राजस्व लीकेज के विरूद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति के साथ कार्य कर रही है, जिससे प्रदेश की राजस्व आय में गत वर्ष की तुलना में 12.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
शर्मा गुरूवार को मुख्यमंत्री निवास पर राजस्व अर्जन से संबंधित विभागों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राजस्थान को 350 बिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए राजस्व संग्रहण आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को निर्देश दिए कि टैक्स कम्पाइलेंस बढ़ाने, कर प्रक्रियाओं का सरलीकरण करने एवं राजस्व लीकेज रोकने के साथ ही राजस्व लक्ष्यों का निर्धारण भी किया जाए।
*इंटीग्रेटेड टैक्स मैनेजमेंट सिस्टम से जीएसटी संग्रहण में आएगी सुगमता*
बैठक में वाणिज्यिक कर विभाग के अधिकारियों ने बताया कि राज्य के जीएसटी संग्रहण में पिछले साल की तुलना में 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने उद्यमियों को जीएसटी, वैट एवं अन्य आवश्यक सभी विवरण उपलब्ध कराने के लिए इंटीग्रेटेड टैक्स मैनेजमेंट सिस्टम की घोषणा की है। उन्होंने विभाग के अधिकारियों को उक्त प्रणाली के अधिक से अधिक उपयोग एवं कर से संबंधित जागरूकता को बढ़ावा देने के निर्देश दिए। साथ ही, उन्होंने जीएसटी चोरी से संबंधित मामलों में सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
*अवैध शराब पर लगे रोकथाम, मुखबिरों को किया जाए प्रोत्साहित*
बैठक में आबकारी विभाग के अधिकारियों ने बताया कि आबकारी नीति में किए गए नीतिगत सुधारों से इस वर्ष आबकारी से राजस्व पिछले वित्तीय वर्ष से लगभग 14 प्रतिशत अधिक रहा है। शर्मा ने कहा कि नकली शराब के फैक्ट्रियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने के साथ ही अवैध शराब के संबंध में जानकारी देने वाले मुखबिरों को प्रोत्साहित किया जाए।
*अवैध खनन के खिलाफ हो सख्त कार्रवाई*
बैठक में बताया गया कि पंजीयन एवं मुद्रांक द्वारा डीएलसी दरों में किए गए सुधारों से इस वर्ष स्टांप ड्यूटी से अर्जित राजस्व 15 प्रतिशत बढ़ा है। वहीं नियमित रूप से पूरे वर्ष चली खनन पट्टों की नीलामी से राजस्व अर्जन पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में लगभग 24 प्रतिशत बढ़ा है।
*आईटी आधारित नवाचारों से बढ़ा परिवहन राजस्व*
बैठक में परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि आईटी आधारित नवाचारों को बढ़ावा देने से राजस्व अर्जन में इस वर्ष 13 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
मुख्य सचिव सुधांश पंत ने कहा कि राजस्व अर्जन के संबंधित मामलों में जिला एवं संभागीय स्तर पर मॉनिटरिंग करने की पहल के फलस्वरूप इस वर्ष राजस्व अर्जन पिछले वर्ष की तुलना में 14 हजार करोड़ रुपये अधिक हुआ है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रदेश के विकास के लिए अधिक से अधिक वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से गत वितीय वर्ष में भी निरन्तर समीक्षा करते हुये प्रमुख राजस्व अर्जन करने वाले विभागों को मार्गदर्शन प्रदान किया। इसके फलस्वरूप वित्तीय वर्ष 2023-24 में जहां राजस्व में 4,800 करोड़ रुपये वृद्धि हुई थी वहीं वर्ष 2024-25 में राजस्व में यह वृद्धि 14,000 हजार करोड़ रुपये से अधिक की रही।
बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त अखिल अरोड़ा, प्रमुख सचिव (मुख्यमंत्री) आलोक गुप्ता, प्रमुख शासन सचिव खनन श्री टी. रविकांत, शासन सचिव परिवहन शुचि त्यागी, सचिव वित्त (राजस्व) कुमार पाल गौतम, आयुक्त वाणिज्यिक कर प्रकाश राजपुरोहित, आयुक्त आबकारी शिवप्रकाश एम. नकाते, महानिरीक्षक पंजीयन एवं मुद्रांक आशीष गुप्ता सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।