400 करोड़ रुपये से अधिक की साइबर ठगी का पर्दाफाश,ठगी के मुख्य सरगना मामा – भांजे

0
262
- Advertisement -

 

 

 

 लोक टुडे न्यूज नेटवर्क

भरतपुर से राजेन्द्र शर्मा जती की रिपोर्ट – 
ऑनलाइन गेमिंग एप्स व फर्जी निवेश योजनाओं के जरिए देशभर में हजारों लोगों से ठगी की

मुख्य सरगना मामा MBA और भांजे इंजीनियर है

4000 से ज्यादा शिकायतें दर्ज थीं,14 करोड़ रुपये फ्रीज किए गए 

1000 करोड़ से ज्यादा की ठगी की आशंका

गेटवे और फर्जी गेमिंग एप्स के जरिए करोड़ों की ठगी की

भरतपुर – भरतपुर रेंज आईजी IG राहुल प्रकाश के निर्देशन में रेंज कार्यालय की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 400 करोड़ रुपये से अधिक की साइबर ठगी का पर्दाफाश किया है। आरोपियों के द्वारा ऑनलाइन गेमिंग एप्स व फर्जी निवेश योजनाओं के जरिए देशभर में हजारों लोगों से ठगी की गई। इस ठगी के मुख्य सरगना मामा MBA और भांजे इंजीनियर है। फिनो पेमेंट बैंक के एक खाते के खिलाफ 4000 से ज्यादा शिकायतें दर्ज थीं।इसी कारण पुलिस को शक हुआ और मामले की जांच की उसके बाद सामने आया कि ठगी की रकम चार फर्जी कंपनियों के खातों में भेजी गई, जिनमें रुक्नेक, सेल्वाकृष्णा, एसकेआरसी इन्फोटेक और नित्याश्री शामिल हैं।

इन कंपनियों के खातों में करीब 14 करोड़ रुपये फ्रीज किए गए हैं। मुख्य आरोपी दंपति के नाम पर कई कंपनियां रजिस्टर्ड थीं। आरोपी फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कंपनियां बनाते और बैंक खाते खुलवाते थे। आरोपियों ने पेमेंट गेटवे और फर्जी गेमिंग एप्स के जरिए करोड़ों की ठगी की। भरतपुर रेंज की साइबर टीम, धौलपुर साइबर थाना और दिल्ली पुलिस ने इस कार्रवाई में मिलकर काम किया। जांच में 1000 करोड़ से ज्यादा की ठगी की आशंका जताई गई है..फिलहाल एक महिला सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।

Fino Payment Bank के खाते के खिलाफ साइबर फ्रॉड की शिकायत पर हुआ खुलासा

आईजी राहुल प्रकाश ने बताया कि 06 मार्च 2025 को साइबर थाना धौलपुर पर पीडित हरीसिंह द्वारा 1930 पर Fino Payment Bank के खाते के खिलाफ साइबर फ्रॉड की शिकायत दर्ज करवाई थी। रेंज साइबर वाररूम की टीम के द्वारा प्रतिदिन 1930 की शिकायतों का विश्लेषण किया गया और पीड़ित द्वारा कराई की शिकायत की जांच की तो चौकाने वाले मामले सामने आए।  जिस Fino Payment Bank के विरूद्ध शिकायत दर्ज करवाई गई थी उसी खाते के विरूद्ध 1930 पर उस समय करीब 3000 शिकायत दर्ज थी जो अब 4000 से भी अधिक हो गई हैं। प्रकरण की गम्भीरता को देखते हुए साइबर पुलिस थाना धौलपुर में 1930 की शिकायत के आधार पर त्वरित रूप से प्रकरण दर्ज करने के निर्देश दिए गए।मामले की अनुसंधान रेंज कार्यालय में स्थानातरित कर CI महेन्द्र सिंह दी गई।

4000 से अधिक साइबर फ्रॉड की शिकायत दर्ज

जांच में सामने आया कि फिनो पेमेंट बैंक के जिस खाते के विरूद्ध 4000 से अधिक साइबर फ्रॉड की शिकायत दर्ज पाई गई हैं उसके विश्लेषण से यह ज्ञात हुआ कि धौलपुर के परिवादी के 35 लाख रूपये आगे निम्नलिखित चार कम्पनियों के खातों में ट्रान्सफर किये गए है।जिन कंपनियों के खाते में रुपए भेजे गए उनके बारे में जानकारी की गई जो रूकनेक इंटरप्राईजेज प्राईवेट लिमिटेट हरियाणा,
सेलवा कृष्णा आईटी सोल्यूशन प्राईवेट लिमिटे तमिलनाडु ,
.एसकेआरसी इंफोटेक प्राईवेट लिमिटेड महाराष्ट्र
नित्यश्री मेन पॉवर एंड कॉन्ट्रेक्ट वर्क्स तमिलनाडु के नाम से मिली और ये कम्पनियों का नेचर ऑफ बिजनेश – स्किल्ड बेस्ड गेम है

अनुसंधान अधिकारी द्वारा दौराने अनुसंधान उक्त चारों कम्पनी के बैंक खातों को तत्काल प्रभाव से डेबिट फ्रीज करवाया गया। इन कम्पनियों के बैंक खातों में करीब 14 करोड रूपये की राशि डेबिट फ्रिज है।

उक्त चारों कम्पनी के अनुसंधान से यह तथ्य निकल कर आया कि इनके डायरेक्टर के तौर पर रूकनेक इंटरप्राईजेज प्राईवेट लिमिटेट डायरेक्टर- दिनेश और कुमकुम, सेलवा डायरेक्टर सी कृष्ण कुमार और सेलवा कुमार,
एसकेआरसी इंफोटेक प्राईवेट लिमिटेड डायरेक्टर रोशन बिहोर और वेंकटेश बल्लया बदलाकोंडा, नित्यश्री मेन पॉवर एंड कॉन्ट्रेक्ट वर्क्स डायरेक्टर भारथीघसन सुसराज और पुरूषोत्तम पलानिअप्पन कार्य कर रहे है।

यह लोग वित्तीय रूप से अत्यन्त कमजोर एवं ठगों के द्वारा मासिक रूप से दिये जाने वाली राशि से गुजारा कर रहे हे। इनके द्वारा गैंमिंग एप के फर्जी लिंक, शेयर बजार में इन्वेस्टमेन्ट का झांसा देकर लोगों के साथ ठगी की जा रही है और विगत 04 माह में ही करीब 400 करोड से अधिक की ठगी राशि का लेन-देन इन कम्पनियों के खातों में हुआ है। सम्भावना है कि आगे अनुसंधान में ठगी की राशि 1000 करोड व इससे अधिक हो सकती है।

रगना रविन्द सिंह है जिसने एमबीए और भांजा शशी कांत सिंह हैं आईटी एक्सपर्ट

अनुसंधान के अनुसार इस गैंग का सरगना रविन्द सिंह है जिसने एमबीए तक शिक्षा प्राप्त कर रखी है तथा इसका भांजा शशी कांत सिंह हैं जो तकनीकी रूप से रविन्द्र सिंह का सहयोग करता है जो उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद का रहने वाला है। इन लोगों के द्वारा विभिन्न पेमेन्ट गेट वेपर मर्चेन्ट जारी करवा रखे है। उक्त मर्चेन्ट में आया हुआ पैसा आरोपी के विभिन्न बैंक खाते में प्राप्त करते है जो विभिन्न लेयर से होकर मुख्य सरगना के पास पहुंचता है। इनके द्वारा खुलवाये गये कम्पनी के पते व खातों में दिये हुए पते ज्यादातर फर्जी है तथा इनके द्वारा उपयोग में लिये जा रहे सिम कार्ड भी फर्जी नाम पते से उपयोग में लिये जा रहे है जो रविन्द्र के द्वारा जानबूझकर उपलब्ध करवाये जाते है। संबंधित दस्तावेजों की वेरीफिकेशन का समस्त कार्य रविन्द्र के द्वारा ही कराया जाता है। यह भी जानकारी में आया हे कि इनके द्वारा सी ए की सेवाएँ भी ली जा रही है।

कई कंपनियां बना रखी है 

अभी तक के अनुसंधान से पाया है कि आरोपियों के एवं उनकी कम्पनियों के कई बैंकों में खाते है। खातों की वेरीफिकेशन में क्या प्रक्रिया अपनाई गई है इस हेतु संबंधित बैंक के मैनेजरों को नोटिस जारी कर अनुसंधान किया जाएगा. मुख्य सरगना ने आरोपी दिनेश व कुमकुम के नाम से रुक्नेक के अतिरिक्त 04 और कम्पनियां (रानवा एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड, ज़ोविक एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड, आरडी मार्केटिंग, मून मार्केटिंग रजिस्टर्ड करा रखी है जिनके भी विभिन्न बैंक में खाते है।

आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को पैसे का प्रलोभन देकर खोलते हैं कंपनी

मुख्य सरगना के पहचान वाले एवं आस-पास के ऐसे लोग जो आर्थिक रूप से कमजोर है से धीरे-धीरे नजदीकी बढ़ाता है फिर उन्हें पैसे का प्रलोभन देकर ऐसे 02 लोगों के कागजात के नाम से कम्पनी खुलवाता है। उसके लिये सभी जरूरी कागजात (कम्पनी का पेन कार्ड, जीएसटी, टैन नं., सीआईएन नं.आदि जारी करवाते है और उसको एमसीए (कॉर्पोरेट मामलों का मंत्रालय से रजिस्टर्ड भी करवाते है। कम्पनी के नाम से बैंक में खाता खुलवाते है और उस बैंक खाते को स्वंय हैण्ल करते है। जिन लोगों के नाम से कम्पनी रजिस्टर्ड की जाती है और बैंक में खाते खुलवाये जाते है उनको बहुत ही छोटी राशि मासिक रूप से देकर संतुष्ट कर दिया जाता है।

निवेश के नाम लगवाते हैं पैसे

कम्पनी रजिस्टैंड होने के बाद फर्जी गैंमिंग एप व इनवेस्टमेन्ट का झांसा देकर लोगों के साथ ठगी प्रारम्भ करते है। सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर गेम एवं इनवेस्टमेन्ट के अनकों लिंक भेजकर पहले छोटी-छोटी राशि लगवाने का लालच देते है और जीतने पर राशि खाते में डाल देते है। धीरे-धीरे ये लोग पीडित से राशि बढवाते जाते है और फिर राशि को गबन कर लेते है। इस प्रक्रिया में ये पीडित के मोबाईल का एक्सेस भी प्राप्त कर लेते है और उसी के नाम से उसी के मोबाईल में आईडी बनाकर फ्रॉड करते है।

फिनो पेमेंट बैंक खाते पर लगभग 100 कम्पनी रजिस्टर्ड है

ये लोग एक कम्पनी को सामान्यत 01 वर्ष से कम अवधि के लिये ही उपयोग में लेते है उसके बाद दूसरी कम्पनी खोल लेती है और फिर उस कम्पनी के नाम से फ्रॉड प्रारम्भ कर देती है। यह सतत प्रक्रिया है। इसका पता इसी से चलता है कि फिनो पेमेंट बैंक खाते पर लगभग 100 कम्पनी रजिस्टर्ड है और सभी कम्पनी के विरूद्ध 1930 पर शिकायत दर्ज है। जैसे ही किसी कम्पनी पर शिकायत दर्ज होती है उसमें लेन-देन बंद करके नई कम्पनी में प्रारम्भ कर देते है। आरोपियों की धरपकड में दिल्ली पुलिस के द्वारा भी सहयोग किया गया है.।

- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here