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सीकर में दर्दनाक हादसा: मां ने चार बच्चों संग खाया ज़हर,
पति से अनबन के बाद महिला ने उठाया खौफनाक कदम, कई दिन बाद खुला राज — जब दुर्गंध ने खोला मौत का दरवाज़ा
लोक टुडे न्यूज नेटवर्क
सीकर। (ओमप्रकाश चौधरी) शहर के पालवास रोड स्थित अनिरुद्ध रेजीडेंसी में उस वक्त दिल दहलाने वाला मंजर देखने को मिला, जब एक फ्लैट का दरवाज़ा खोला गया। अंदर पांच लाशें पड़ी थीं — मां और उसके चार मासूम बच्चे। शरीर पूरी तरह सड़ चुके थे, चेहरों की पहचान तक मुश्किल थी।
मां का नाम किरण उर्फ पिंकी बताया गया है, जो पति से अनबन के चलते अपने चारों बच्चों के साथ पिछले कुछ महीनों से अलग रह रही थी। बताया जा रहा है कि घरेलू कलह और मानसिक तनाव से परेशान होकर किरण ने अपने बच्चों के साथ ज़हर खाकर जान दे दी।
फ्लैट से उठी दुर्गंध बनी मौत की गवाह
कई दिनों से फ्लैट बंद था। आसपास के लोग जब बदबू से परेशान हुए तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने जब दरवाज़ा खोला, तो अंदर का मंजर किसी को भी अंदर तक हिला देने वाला था।
चारों बच्चों के शव मां के पास पड़े थे। चार दीवारों में सड़न और खामोशी थी। हालात इतने भयावह थे कि पुलिस को अगरबत्ती और इत्र छिड़ककर अंदर प्रवेश करना पड़ा।
पुलिस जांच में जुटी, परिवार की कहानी दर्द में डूबी
धोद सीओ सुरेश शर्मा ने बताया कि प्राथमिक जांच में यह सामूहिक आत्महत्या का मामला लग रहा है। शव कई दिन पुराने हैं। फ्लैट पूरी तरह बंद था और अंदर किसी प्रकार की जबरन घुसपैठ के निशान नहीं मिले हैं।
स्थानीय लोगों के अनुसार किरण का पति से विवाद चल रहा था और वह अक्सर अकेलेपन और आर्थिक परेशानी की बातें करती थी।
मासूमों की चुप्पी ने छोड़ा गहरा सवाल
चार बच्चों की उम्र अभी छोटी थी। मोहल्ले के लोगों के अनुसार बच्चे शांत स्वभाव के थे, स्कूल भी कई दिनों से नहीं गए थे। किसी को अंदाज़ा नहीं था कि घर के अंदर ऐसा तूफान पल रहा है।
सीकर की यह घटना सिर्फ एक परिवार की नहीं — यह समाज के उस दर्द की गूंज है, जो खामोश दीवारों में दब जाता है।
जहां रिश्तों की खटास, आर्थिक तंगी और मानसिक तनाव मिलकर एक मां को अपने ही बच्चों के साथ मौत की गोद में सुला देते हैं।
“अगर किसी ने वक्त रहते दरवाज़ा खटखटाया होता,
तो शायद पांच ज़िंदगियां आज सांस ले रही होतीं।”
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