नगर निगम ग्रेटर की शुल्क वसूली के विरोध में एकजुट , खाचरियावास को सौंपा ज्ञापन
जयपुर ।नगर निगम ग्रेटर की ओर से छोटे और मध्यम व्यापारियों पर लगाए जा रहे ट्रेड लाइसेन्स शुल्क के विरोध में जयपुर के व्यापारिक संगठन लामबन्द होने लगे हैं। इसी कड़ी में जयपुर लघु उद्योग एवं व्यापार संघ संस्था प्रमुख रूप से व्यापारियों के साथ आई है। गुरुवार को जयपुर लघु उद्योग एवं व्यापार संघ संस्था के अध्यक्ष प्रकाशचंद गुप्ता, महामन्त्री मो. सईद खान व कार्यकारिणी के अन्य पदाधिकारियों ने एकजुट होकर व्यापारियों की आवाज बुलंद की। जयपुर लघु उद्योग एवं व्यापार संघ संस्था के महामंत्री मो. सईद खान के अनुसार गुरुवार को संघ के प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निवास पर उनके विशेषाधिकारी तथा जयपुर ग्रेटर निगम की महापौर शील धाभाई से भेंट कर अपनी मांगें रखी। व्यापारियों ने परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास को भी ज्ञापन सौंपा। जयपुर लघु उद्योग व्यापार महासंघ संस्था के अध्यक्ष प्रकाश चंद गुप्ता ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा सभी व्यापारियों का जीएसटी के अंतर्गत तथा राजस्थान सरकार द्वारा श्रम विभाग के तहत फर्म रजिस्ट्रेशन कर लाइसेंस फीस जमा होती है। नगर निगम व्यापारी से यूडी टैक्स हर साल लेता है इसके साथ ही नगर निगम अस्पतालों, नर्सिंग होम ,मैरिज हॉल, होटल रेस्टोरेंट्स से अलग से चार्ज वसूल करता है। अभी हाल ही में जयपुर ऐसे में ग्रेटर नगर निगम व हेरिटेज नगर निगम द्वारा लघु-मध्यम से लेकर सभी व्यापारियों पर वार्षिक सालाना लाइसेंस शुल्क लगाना पूरी तरह से व्यापारियों का गला घोंटना है। यह टैक्स संपूर्ण व्यापारी वर्ग के लिए काले कानून के समान है। जयपुर के दोनों नगर निगम के 1,40,000 व्यापारियों के हित में इस काले कानून को तुरंत वापस लिया जाना चाहिए। मोहम्मद सईद खान महामंत्री का कहना है कि मार्च 2020 से सभी तरह का व्यापार करने वाले व्यापारियों की कोरोना काल में आर्थिक स्थिति बहुत खराब हुई है। कई दुकानें बंद हो चुकी है व कई दुकानें बंद होने के कगार पर है। शहर में कई दुकानदारों ने अपना कार्य बंद कर किराए की दुकानें खाली कर दी है। राज्य राज्य सरकार द्वारा व्यापारियों पर इस तरह के टैक्स आरोपित करना व्यापारियों के साथ अन्याय है।
व्यापारियों ने किया निगम की ट्रेड लाइसेंस फीस का विरोध
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