
जयपुर। प्रदेश में हो रहे जिला परिषद और पंचायत समितियों के चुनाव में जहां भारतीय जनता पार्टी ने पूरी ताकत झोंक दी है, वहीं कांग्रेस पार्टी ने चुनाव को बिल्कुल हल्के में लिया है ।भारत जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया खुद जगह-जगह दौरा करके पार्टी के पक्ष में मतदान की अपील कर रहे हैं ।वहीं बीजेपी के प्रदेश पदाधिकारी इस अभियान में जुटे हुए हैं ।
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ,केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल ,केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ,पूर्व केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह ,नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, राजेंद्र राठौड़ ऐसे तमाम नेता हैं जो लगातार पंचायत समिति चुनाव और जिला परिषद के चुनाव के लिए खुद जनसंपर्क कर रहे हैं । इन नेताओं ने दर्जनों सभाएं की है और लोगों से वोट मांगे हैं । दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी की बात करें तो कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से आराम की मुद्रा में है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा से पीसीसी मुख्यालय का मोह नहीं छूट रहा है और वह कहीं भी प्रचार के लिए नहीं गए हैं। इसी प्रकार से कांग्रेस पार्टी में सिर्फ विधायकों ने जरूर अपने अपने अपने इलाकों में खानापूर्ति की है। लेकिन मंत्री इन चुनावों से पूरी तरह दूर रहे हैं । मंत्रियों ने कहीं भी प्रचार प्रसार में रुचि नहीं दिखाई। कांग्रेस पार्टी के लोग यह मानकर बैठे हैं कि पंचायत समिति ओर जलापरिषद चुनाव में उनकी जीत तय हैं। सभी को राज्य सरकार के कामों पर मुहर लगने की उम्मीद है। लेकिन जब तक जनता के बीच सरकार के काम को लेकर उनकी जानकारी नहीं पहुंचाई जाएगी, तब तक क्या लोग उसे वोट देते हैं शायद नहीं? लेकिन इस बार कांग्रेस पार्टी ने इन चुनावों में पूरा दारोमदार स्थानीय विधायकों और स्थानीय नेतृत्व पर ही छोड़ दिया है ।

पार्टी का कोई भी बड़ा नेता ऐसा नहीं है जिसने पंचायत समिति व जिला परिषद चुनाव के लिए वोट मांगने की जहमत उठाई हो! ऐसे में देखना यह है कि कांग्रेस का कांग्रेस का बिखराव और ढीलापन कांग्रेस पार्टी को कितना नुकसान पहुँचाता या फिर फायदे का सौदा साबित होता है। वहीं भारतीय जनता पार्टी ने पूरी चुनाव को बहुत ही गंभीरता से लेते हुए पूरी की पूरी टीम को मैदान में उतारा है। बीजेपी की दृष्टि से चुनाव पूरी तरह से कसा हुआ नजर आ रहा है । जहां उन्होंने किसी भी तरह की कोई कसर छोड़ने का काम नहीं। खुद प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर सतीश पूनिया लगातार एक के बाद एक गांव में घूम कर बीजेपी के लिए वोट मांग रहे हैं । इससे साफ है कि बीजेपी ने इस चुनाव को गंभीरता से लिया है और कांग्रेस ने चुनाव को हल्के में लिया है । ऐसे में नतीजों के बाद साफ होगा की जो तस्वीर हमें दिख रही है वह सही है या फिर धरातल पर कुछ और चल रहा है।