दौसा। खबर दोसा से हैं जहां सामान्य मौत को भी दुर्घटना होना बताकर डॉक्टर वकील और पुलिस कर्मियों की सांठगांठ से गोरखधंधा चलाकर लाखों रुपयों का क्लेम उठाने के आरोप में दोसा के चार थाना कोतवाली शहर रामगढ़ पचवारा नांगल राजावतान ने 15 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। दौसा के पुलिस अधीक्षक अनिल बेनीवाल ने बताया कि गिरोह से जुड़े लोग मृत व्यक्ति को सड़क दुर्घटना में मरने की झूठी कहानी बनाकर लाखों का फर्जी क्लेम उठा देते हैं। जिसमें पुलिस कंट्रोल रूम की यूएसटी से लेकर डॉक्टर , वकील की मिलीभगत सामने आई। आरोपी पुलिसकर्मी को गलत अनुसंधान करने डॉक्टर को फर्जी पोस्टमार्टम रिपोर्ट बनाने ,एडवोकेट को लोगों को दुर्घटना क्लेम उठाने का झांसा देकर और झूठा मुकदमा दर्ज करवाने का मामला सामने आया है।
इस मामले में पुलिस ने डॉक्टर संतोष कुमार खंडेलवाल ,मेडिकल जूरिस्ट दौसा रमेश चंद जाटव ,हिंडौन सिटी थाना कोतवाली, यूआईटी, चतुर्भुज मीणा, मनोहर मीणा, रामकिशन मीणा ,लक्ष्मी नारायण मीणा ,कल्याण सहाय मीणा, ब्रह्मानंद रैगर, गोकुल मीणा, देवी राम प्रकाश रेगर ,गणपत लाल रेगर, अभिमन्यु रेगर को गिरफ्तार किया है। सभी लोग दौसा जिले में आसपास के रहने वाले हैं। एसपी विश्नोई ने बताया कि 24 सितंबर 2016 को एक रिपोर्ट देखी जिसमें पिता राजकुमार मीणा व एक अन्य लक्ष्मी नारायण मीणा का भर्तृहरि बाबा के जाते समय मिडवे पर अज्ञात वाहन की टक्कर होने से मौत होना बताया। तत्कालीन एएसआई रमेश चंद जाटव ने अज्ञात वाहन की टक्कर मानकर एफआर लगा दी । केस के रीओपन जांच में सीओ राजेंद्र त्यागी ने एसआई रमेश चंद व डॉ सतीश कुमार की मिलभगत पाई गई। राम कुमार की मृत्यु 3 महीने पूर्व टीबी से और लक्ष्मण मीणा की मृत्यु अटैक से हुई थी । लेकिन उन्होंने एडवोकेट चतुर्भुज मीणा की दुर्घटना डॉक्टर इन थाने रजिस्ट्रार झांसा देकर मुकदमा दर्ज करवाने व अन्य आरोपियों द्वारा षड्यंत्र में सहभागी बनकर कलेम प्राप्त करने का दोषी पाया गया। इस पर कोतवाली थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया।
इसी तरह रामगढ़ पचवारा रामगढ़ थाना कोतवाली में रिपोर्ट दी 14 अक्टूबर 2016 की रात को 12:00 बजे के लगभग लालसोट बाईपास पर अज्ञात वाहन की टक्कर से उसके पिता श्री राम और एक राम की मौत हो गई। मामले में चतुर्भुज मीणा और दोनों की मृत्यु के डेढ़ माह बाद फर्जी दस्तावेजों से झूठी कहानी रच करके क्लेम उठा लिया ।