जयपुर। कांग्रेस नेता शिवजी लाल मीना ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की है।
शिवजी ने कहा कि तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ साढ़े आठ महीने से किसान आंदोलन कर रहे हैं।सर्दी,गर्मी,बरसात में7 अपने घरों को छोड़कर किसानों ने धरने,प्रदर्शन, भूख हड़ताल का सहारा लिया है और चार सौ किसानों की आंदोलन के दौरान मौत हो जाने की खबरें सभी को व्यथित करती हैं।
शिवजी ने कहा किसानों के हक में शुरू से ही विपक्ष द्वारा कृषि कानूनों को वापस लेने तथा इन्हें किसानों के हित में नहीं बताने की मांग जोर पकड़ती रही है और अब मानसून सत्र में भी कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए कांग्रेस सहित सारा विपक्ष एकजुटता से सरकार से मांग कर रहा है।जंतर-मंतर पर राहुल गांधी सहित सारे विपक्ष के नेता किसानों के पक्ष में किसानों की संसद में 6 अगस्त को पहुंच कर मोदी सरकार को चेता चुके हैं कि कृषि कानून वापस लेने होंगे। मीना ने कहा सरकार को अपनी हठधर्मिता त्याग कर किसानों के दर्द को समझना चाहिए और इन काले कानूनों को वापस लेने का फैसला लेना चाहिए।
शिवजी ने कहा विपक्ष की आवाज को दबाना लोकतंत्र की तौहीन है।प्रधानमंत्री को कृषि कानूनों को वापस लेने,किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी देने,उनकी अन्य समस्याओं के निराकरण के लिए सकारात्मक पहल कर किसानों के आंदोलन को समाप्त कराने का कदम उठाया जाना जरूरी है।
मीना ने कहा किसान नेता राकेश टिकैत की इस बात पर सरकार गौर करे कि हमने तीन साल तक आंदोलन करने की रूपरेखा बना रखी है।कानूनों को वापस नहीं लेने तक आंदोलन जारी रहेगा।सरकार किसानों के दर्द को समझे।किसान नेताओं से संवाद स्थापित कर लंबे समय से चल रहे आंदोलन को समाप्त कराए, विपक्ष की आवाज को भी दबाने का साहस न करे।
कृषि कानूनों को लेकर विपक्ष की आवाज दबाना अलोकतांत्रिक
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