लोक टुडे न्यूज नेटवर्क
बंदियों की प्रतिभाओं और सुधारात्मक गतिविधियों को पहचानने का प्रयास
जयपुर/दौसा (रूपनारायण सांवरिया )।
राज्य की एकमात्र विशिष्ट केंद्रीय कारागृह, श्यालावास में रविवार को ‘नो योर प्रिजनर’ (KYP) कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह पहल बंदियों को बेहतर ढंग से जानने और समझने के उद्देश्य से की गई।
सवा चार सौ से अधिक बंदियों ने लिया भाग
कार्यक्रम में सवा चार सौ से अधिक बंदियों ने भाग लिया। जेल अधीक्षक पारस जांगिड और जेलर विकास बागोरिया ने बंदियों को कारागार विभाग की व्यवस्थाओं, सरकारी सुविधाओं और उनके अधिकार एवं कर्तव्य की जानकारी दी।
बंदियों को रेमिशन, मुलाक़ात व्यवस्था, जेल अपराध एवं दंड, राशन प्रणाली, जेल अस्पताल, उद्योगशाला, बंदी मजदूरी, खुला बंदी शिविर, पैरोल और समयपूर्व रिहाई से अवगत कराया गया। साथ ही चेतावनी दी गई कि किसी प्रकार के अपराध पर कठोर कार्रवाई होगी।
बंदियों की प्रतिभाओं का आकलन
जेल प्रशासन ने बंदियों की बुनियादी जानकारी और हुनर संकलित किए। इसमें शामिल थे:
बढ़ई, दर्जी, पेंटर, रसोइया, प्लंबर, इलेक्ट्रिशियन, लेखक, शिक्षक, कंप्यूटर जानकार, खिलाड़ी, योग प्रशिक्षक, लाइब्रेरियन और नर्सिंग कार्य में दक्ष बंदी।
अच्छे आचरण वाले बंदियों को उनकी रुचि के अनुरूप कार्य देकर सुधारात्मक प्रशासन में सहयोग लिया जाएगा। मुख्यालय कारागार के सुझाव पर यह कार्यक्रम “बेस्ट प्रैक्टिस” के रूप में आयोजित किया गया।
समापन और सहयोग
कार्यक्रम के अंत में सभी बंदियों ने राष्ट्रगान गाया और “भारत माता की जय” के उद्घोष से वातावरण गूंज उठा।
सफल संचालन में डिप्टी जेलर दिलावर खान, प्लाटून कमांडर मनेश कुमार, मुख्य प्रहरी ओमप्रकाश शर्मा, प्रकाश चंद शर्मा, कमलेश मीणा, ओमप्रकाश वर्मा, पुखराज हुड्डा, सुरेंद्र सिंह और जेल सेवा में कार्यरत बंदियों संदीप गुप्ता, नितिन, दिनेश, रामप्रसाद, महेश, कमलेश सैनी का विशेष योगदान रहा।

















































