लोक टुडे न्यूज नेटवर्क
— श्री गोपालकृष्ण जी महाराज नावां वाले के श्रीमुख से निकले उद्गार
— मुख्य यजमान डूंगाराम कुमावत के निवास पर आयोजन
नवीन कुमावत
किशनगढ़ रेनवाल। शहर के प्रतापनगर में मुख्य यजमान डूंगाराम कुमावत के निवास पर सात दिवसीय श्रीमद भागवत कथा का मंगलवार को समापन हुआ। व्यासपीठ पर विराजे सनातन धर्म प्रचारक श्री श्री गोपालकृष्ण जी महाराज ने सात दिवसीय कथा के दौरान विभिन्न प्रसंग सुनाकर श्रोताओं को भावविभोर किया। इससे पहले कथा के छठे दिन कृष्ण- रुकमणी विवाह का आयोजन हुआ। श्रीकृष्ण रुकमणी विवाह के दौरान बड़ी संख्या में श्रोता मौजूद रहे। इसके बाद श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया गया।
कथावाचक संत एवं सनातन धर्म प्रचारक श्री गोपालकृष्ण जी महाराज नावां वाले ने कथा के दौरान श्रीकृष्ण भगवान की बाल लीला, ब्रजरास, रुकमणी- कृष्ण की कथाओ का विस्तार से वर्णन किया।
इस मौके पर जयरामपुरी तपोस्थली डुंगरीकलां से संत श्रीश्री 1008 श्री हीरापुरी जी महाराज थानाधिपति जूना अखाड़ा का भी आगमन हुआ। इनका यहां पर भक्तों ने फूलों की माला पहनाकर सम्मान किया। उन्होंने भी श्रीमद भागवतकथा के मुख्य प्रसंगों पर अपने श्रीमुख से विचार प्रस्तुत किए। कथा के मुख्य यजमान डूंगाराम कुमावत ने सभी अतिथियों को फूलों की माला पहनाकर सम्मानित किया। इस अवसर पर विभिन्न सजीव झांकियां भी सजाई गई। इसमें भगवान शिव और मां पार्वती, श्री कृष्ण और रुकमणी सहित झांकियां शामिल थीं। इस दौरान मुख्य यजमान डूंगाराम कुमावत, गौरव बड़ीवाल, श्वेता देवी, शिमला देवी, मोनिका कुमावत, ज्योति कुमावत, दौलतराम पिपलोदा, राजेंद्र जेठीवाल, सुरेश घोडेला, नेमीचंद सिरोड़िया, चौथमल नेमीवाल, विक्रम सिंह राजावत, नंदाराम जेठीवाल, राजेंद्र तिवाड़ी, विनोद तिवाड़ी, किशनलाल धोबी, डालूराम दंबीवाल, मालीराम जेठीवाल, तुलसीराम पिपलोदा, भंवरलाल धुंवरिया, मुकेश सिरस्वा, घनश्याम जेठीवाल, दामोदर सार्डीवाल एवं भंवर घोडेला सहित कई श्रोता भक्तगण मौजूद रहे।