लोक टुडे न्यूज नेटवर्क
रितु मेहरा की रिपोर्ट
जयपुर । देवली उनियारा विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव के दौरान निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा के एसडीएम से मारपीट के बाद समरावता में हुए उपद्रव के मामले में अभी तक नरेश मीणा को जमानत नहीं मिली है ।
उनके समर्थक भी जेल में बंद है। १इससे नाराज आसपास के सैकड़ो गांव में लोगों ने देवली उनियारा समरावता के आसपास के गांव में युवाओं ने एक जोरदार मुहिम चला रखी है। युवा गांव में जगह-जगह होर्डिंग, एस साइन बोर्ड, पोस्टर लगाकर नरेश मीणा का समर्थन कर रहे हैं ।भले ही प्रशासन और सरकार युवाओं की इस मुहिम को हल्के में ले रही है लेकिन इसके पीछे लोगों का आक्रोश साफ तौर पर नजर आता है। आने वाले समय में यह राजस्थान की राजनीति में बहुत बड़ा साबित होने वाला है ।
जहां तक बात की जाए विपक्षी दलों की तो विपक्षी दलों ने भी नरेश मीणा के समर्थन में कोई खास काम नहीं किया है। केवल कांग्रेस नेता प्रहलाद गुंजल और प्रताप सिंह खाचरियावास ने जरूर एक दो सभाएं की है ।प्रहलाद गुंजन ने जयपुर कूच का आह्वान भी किया है। नरेश मीणा के समर्थक लगातार इस मुहिम को आगे बढ़ा रहे हैं और अब मैं केवल देवली उनियारा बल्कि पूर्वी राजस्थान के सैकड़ो गांव में भी लोग नरेश मीणा के समर्थन में एकजुट हो रहे हैं । लोगों में सरकार के खिलाफ आक्रोश इस बात को लेकर बढ़ रहा है कि नरेश मीणा को टारगेट किया जा रहा है । लेकिन कोई भी सरकार या पार्टी किसी उभरते हुए नेता को इस तरह से नहीं रोक सकेगी ।
इंकलाब जिंदाबाद ,श्री वीर तेजाजी महाराज, नरेश मीणा जिंदाबाद , क्रांतिकारी भगत सिंह जैसे नाम से संबोधित करके गांवों में इसी तरह के होर्ल्डिंग ,साइन बोर्ड लगाई जा रहे हैं।
इसी तरह दूसरे गांव में भी युवाओं में खासतौर पर नरेश मीणा के समर्थन की होड़ मची हुई है । नरेश मीणा को क्रांतिकारी भगत सिंह के जैसे नाम से संबोधित किया जा रहा है । यह केवल युवाओं की बात नहीं है गांव वालों में चाहे महिला हो, या पुरुष नरेश मीणा को लेकर सरकार के प्रति आक्रोश भड़क रहा है ,जो कभी भी बड़ा रूप ले सकता है ।हालांकि नरेश मीणा की जमानत का मामला राजस्थान हाईकोर्ट के हाथ में है। राजस्थान हाई कोर्ट ने इस मामले में 12 फरवरी तक जमानत याचिका पर सुनवाई टाल दी है। जस्टिस प्रवीर भटनागर ने यह निर्देश नरेश मीणा की याचिका पर दिया है । सुनवाई के दौरान नरेश मीणा की ओर से अधिवक्ता डॉ महेश शर्मा ने कहा कि जो चार सीट का हिस्सा है 19 साक्ष पर साक्ष्यों पर बहस की जाए और आउट ऑफ बहस न की जाए । वहीं जिन साक्ष्यों पर बहस हो उसकी काफी पार्थी को भी दी जाए गोरतलब है कि पिछली सुनवाई में घटनाक्रम का वीडियो दिखाया गया था तो जज ने नरेश को ही आरोपी बताया था। इसके बाद से नरेश मीणा की परेशानी और बढ़ती जा रही है। लेकिन इसका नतीजा यह है कि नरेश मीणा के समर्थकों में भी इस पूरे घटनाक्रम को लेकर सरकार के खिलाफ गुस्सा बढ़ रहा है ,जो कभी भी फूट सकता है।