मीणा हिंदू थे और हिंदू रहेंगे- खोहगंग को मुक्त कराने को 21 अगस्त को करेंगे जयपुर कूच-डॅा. किरोड़ी

0
- Advertisement -

दौसा। विश्व आदिवासी दिवस पर आज आदिवासी मीणा हाईकोर्ट में डॉ. किरोड़ी लाल मीणा के नेतृत्व में कार्यक्रम का आयोजन किया गया l
राज्यसभा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा और दौसा विधायक मुरारी लाल मीणा का टिटौली टोल प्लाजा पर हजारों कार्यकर्ताओं द्वारा भव्य स्वागत किया गया और वहां से बैलगाड़ी द्वारा मीणा हाईकोर्ट तक कार्यकर्ताओं के साथ पहुंचे। राज्यसभा सांसद डॉ. मीणा ने महोत्सव में संबोधित करते हुए कहा कि हाईकोर्ट को बनाने में 36 कोम का विशेष योगदान रहा है। इस मीणा हाईकोर्ट में सभी जातियों का सभी धर्मों का हमेशा स्वागत है। डॉ. मीणा ने कहा कि हाईकोर्ट में एकलव्य विद्यालय एवं आदिवासी विश्वविद्यालय बहुत ही जल्द लाने का प्रयास कर रहा हूं।

डॉ. मीणा ने कहा कि समाज प्रारंभ से ही हिंदू देवी देवताओं का मानता आ रहा है लेकिन आजकल कुछ असामाजिक तत्वों ने द्वारा इस हिंदू समाज को तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन मैं हिंदू एकता के लिए मरते दम तक काम करता रहूंगा और उनको उनके मंसूबे पर कामयाब नहीं होने दूंगा। डॉ. मीणा ने मंच से हम सब हिंदू हैं, हम सब आदिवासी हैं, हिंदू एकता जिंदाबाद के जोशीले नारो से पांडाल गूंज उठा।

विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर डॉ. मीणा ने कहां की जयपुर खोनागोरियां जो कि पूर्व में खोहगंग के नाम से था। जिसका राजा रालनसिंह था , वो मीणा राजा था और वे आदिवासी शासक था। विशेष समुदाय के लोगों ने खोहगंग का नाम खोनागोरियां करके हमारे पूर्वजों की संपत्ति पर कब्जा किया और हमारे पूर्वजों के द्वारा बनाए गए मंदिरों को तोड़ा गया। जिसके खिलाफ मैं पर देशव्यापी मुहिम चलाऊंगा। इसके तहत आगामी 21 अगस्त को मीणा हाईकोर्ट से दोपहिया रैली के द्वारा कार्यकर्ताओं के साथ खोनागरिया के लिए कूच करेंगे। इस दौरान दोसा विधायक मुरारी लाल मीणा राजगढ़ लक्ष्मणगढ़ विधायक जोहरी लाल मीणा बांदीकुई विधायक गजराज खटाना पूर्व मंत्री गोलमा देवी, राजस्थान विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष राजेश मीणा सहित अन्य देशभर से आदिवासी समाज के प्रमुख लोग उपस्थित रहे।

मंच के माध्यम से डॉ. मीणा ने है छः प्रस्ताव को पारित किया – –

प्रस्ताव संख्या-1

मीणा हाईकोर्ट के इस ऐतिहासिक स्थल के लिए एक ट्रस्ट रजिस्टर करवा लिया गाय है जिसका नाम जय जवान, जय किसान, जय आदिवासी संघ (झक्कास) रखा गया है इसके संयोजक डॉ. किरोड़ीलाल को बनाया है जो सबसे रायकर देश भर के 101 प्रतिष्ठित लोगों की कार्यकारिणी का गठन करेंगे। इस हेतु डॉ. किरोड़ीलाल को समूचा समाज अधिकृत किये जाने हेतु प्रस्ताव पारित करता है।

प्रस्ताव संख्या-2

मीणा हाईकोर्ट के इस ऐतिहासिक स्थान पर एक मंदिर का निर्माण कराया जा रहा है, जिसमें प्रमुख देवी-देवताओं सहित हमारे आराध्य मत्स्य भगवान की मूर्ति की भी निकट भविष्य में स्थापना की जाएगी जिस पर सर्व सम्मति से निर्णय लिया गया कि मत्स्य भगवान मुद्रित विशाल केसरिया झण्डा (सनातनी ध्वज) स्थाई रूप से लगाया जाएगा।

प्रस्ताव संख्या-3

अमरचंद फौजी, निवासी अलवर, राजस्थान आदिवासी मीणा सेवा संघ के चुने हुए अध्यक्ष है जिस पर कुछ मुठ्ठीभर लोग विरोध दर्ज करे, दूसरे व्यक्ति को संघ का अध्यक्ष बना समाज को भ्रमित कर रहे हैं। अतः आज की साधारण सभा अमरचंद फौजी को राजस्थान आदिवासी मीणा सेवा संघ के अध्यक्ष की सर्व सम्मति मान्यता देती है तथा अधिकृत करती है कि वह अपने विवेक से राज्य की कार्यकारी की घोषणा करे।

प्रस्ताव संख्या-4

सभी मीणा हिन्दू थे, हिन्दू हैं तथा हिन्दू रहेंगे क्योंकिः-

  1. आज कुछ लोग अपनी क्षणिक सुख प्रदान करने वाली राजनैतिक महत्वकांक्षाओं की पूर्ति के लिए हमारे धर्म रूपी प्राणों को हमसे छीनने का कुत्सित प्रयास कर रहे हैं। उनका यह कृत्य घोर निंदनीय है और पूरे मीणा समाज को व्यथित कर रहा है।
  2. हमारा इतिहास इस बात का गवाह है कि जब जब भी हमारी पुरातन संस्कृति या धर्म पर विदेशी आक्रांताओं या विधर्मियों ने प्रहार की कुचेष्टा की तो हमने तलवार, भाले और तीरकमान से प्रत्युत्तर देकर हिन्दू योद्धा के रूप इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज कराया है।
  3. आज कुछ राजनीति के महत्वाकांक्षी लोग भ्रमित कर हमसे हमारे धर्म के प्राण छीन लेने का घृणित षड्यंत्र रच रहे हैं। ऐसे लोगों की हम कठोर शब्दों में निंदा करते हुए मीना भगवान की सौंगध खाकर कहत हैं कि मीणा समाज के लोग हिन्दू थे, हिन्दू हैं और हिन्दू ही रहेंगे।
  4. मीणाओं के आस्था केन्द्र शिवजी, राम, कृष्ण, बालाजी (हनुमानजी), भैरोंजी या कुल देवी (यथा पपलाज माता, कैलादेवी) के मंदिर प्रत्येक गाँव में स्थापित है और मीणा समाज दर्शन-पूजन करते रहते हैं। मीणा अपने जीवित माता-पिता को चारधाम की यात्रा करवाने को अच्छा मानते हैं।
  5. मीणा देवी-देवता की पैदल यात्रा, परिक्रमा एवं मनौती में पूरा विश्वास रखते हैं (जैसे गोवर्धन, पपलाज, गणेश जी, कैलादेवी)।
  6. मीणा जन्म से मृत्यु तक हिन्दू परम्परा के अनुसार 16 संस्कारों का निर्वहन करते हैं।
  7. मीणा मृत्यु के बाद अग्नि-संस्कार करते हैं, घर पर गरूड़ पुराण का पठन करवाते हैं, मृत्यु के बाद पवित्र नदी या सरोवर में अस्थित-विर्सजन करते हैं।
  8. पूर्वजों का श्राद्ध (पितृ तर्पण), फोटो पर माला चढ़ाना उनकी पूर्वजों की मूर्ति स्थापित कर पूजा करना मीणा जाति की परम्परा है।
  9. मीणा ईश्वर को साकार रूप में पूजते हैं।
  10. रामायण, गीता, महाभारत और मत्स्य पुराण जैसे ग्रंथों के प्रति मीणा अटूट श्रद्धा रखते हैं।
  11. मीणा मस्तक पर तिलक और हाथ पर मोड़ी बंधवाते हैं।
  12. मीणों में अपने गौत्र और नजदीक के रिश्ते में विवाह को वर्जित मानते हैं।
  13. मीणा होली, दिवाली, रक्षाबंधन, जन्मष्टमी जैसे पवित्र हिन्दू त्योहारों को उल्लास से मनाते हैं।
  14. मीणा अपने लोक गीतों और नृत्यों के माध्यम से हिन्दू देवी-देवताओं को बड़ी श्रद्धा से स्मरण करते हैं। जैसे कन्हैया गायन, हरि कीर्तन, पद-दंगल, ढांचा, रसिया, सुड्डा, हेला ख्याल दंगल, महादेवजी का ब्यावला, नरसिंहजी रो मायरो, देवी का जागरण।
  15. मीणाओं के नाम रामनारायण, रामकेश, सीताराम, सत्यनारायण, सत्यराम, शिवशंकर, घनश्याम, रामखिलाड़ी, रामलाल, श्यामलाल, कृष्णलाल, विष्णु, महेश, मुरारीलाल, शिवजीराम, बजरंगलाल, पार्वती, जानकी सीता, ब्रह्मा इत्यादि हिन्दू अनुयायी होने का गौरव प्रदान करते हैं।
  16. मीणा हिन्दू योद्धा के रूप में इतिहास में अपन पहचान रखते हैं।
  17. रीति-रिवाज, पहनावा, धर्म और संस्कृति की दृष्टि से आदिवासी होने के साथ-साथ मीणा हिन्दू थे, हिन्दू और हिन्दू ही रहेंगे। हम मीणा आदिवासी हैं इसलिए हिन्दू मैरिज एक्ट (विवाह विच्छेद) के प्रावधान मीणों पर लागू नहीं होते, किन्तु समस्त मीणा समाज हिन्दू परम्पराओं एवं सनातनी मान्यताओं के मजबूत संवाहक है। आदिवासी के साथ-साथ हम हिन्दू हैं, इसका हमें गर्व है।
    राज्य के सत्ताधारी दल से कुछेक नेता अपने निहित स्वार्थों तक पूर्ति की दृष्टि से सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने में लगे हुए हैं तथा आदिवासी मीणा समाज के कुछ लोगों को भ्रमित कर हिन्दू धर्म के खिलाफ भड़का रहे हैं जबकि जन्म से लेकर मरण तक सारे कार्य आदिवासी मीणा समाज हिन्दू परम्परा से कराये जाते हैं मुठ्ठी भर लोग हमारी भावनाओं को भड़काकर पूरे समाज की आस्था एवं धार्मिक भावनाओं को आहत कर समाज को बदनाम कर रहे हैं जिससे सामाजिक कटुताएँ पैदा हो रही है, ऐसे लोगों का समूचा मीणा समाज कठोर शब्दों में निंदा करता है और घोषणा करता है कि हम हिन्दू थे, हिन्दू हैं, हिन्दू रहेंगे, हिन्दू होने का हमें गर्व है प्रस्ताव पास किया जाता है।
- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here