
जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत करीब 6 महीने के बाद फेस टू फेस मीडिया से रूबरू हुए। स्वतंत्रता दिवस के मौक़े पर सवाई मानसिंह स्टेडियम में आयोजित राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह में शिरकत की। कार्यक्रम समाप्ति के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मीडिया से रूबरू हुए। कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रदेश कांग्रेस कमेटी सहित कई कांग्रेस नेताओं के ट्विटर अकाउंट्स पहले ब्लॉक होने और बाद में फिर से अन ब्लॉक किए जाने के घटनाक्रम पर उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा- कि आप सभी ने भी देख लिया है कि आखिरकार ट्वीटर को उनका अकाउंट खोलना पड़ा है। लेकिन हमारी जिन महान परम्पराओं को हमने 74 साल तक निभाया है। आज उन्हें अमृत महोत्सव के रूप में मना तो रहे हैं।लेकिन 74 साल का इतिहास भी देखना चाहिए इसमें देश के दो-दो प्रधानमंत्रियों की शहादत हो गई। ये लोग संविधान की मूल भावना की बात करते हैं लेकिन उसके शब्दों के अंदर क्या भाव निकलते हैं। वैसा ही आपकी सोच,आचरण,फैसले और व्यवहार होना चाहिए। वो है कि नहीं है यह देश देख रहा है। फिर किस बात की शपथ ली जा रही है। शपथ की अपनी पवित्रता होती है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बोले मैं तो यह कहना चाहूंगा कि चाहे वो विधायक हों,सांसद,मंत्री,मुख्यमंत्री,प्रधान ही हों। शपथ के अनुसार ही आचरण करेंगे, व्यवहार करेंगे, सोच रखेंगे और फैसले करेंगे तो देश में कोई दिक्कत नहीं आएगी।अभी दुर्भाग्य से असहमति और आलोचना को भी गलत तरीके से लिया जाता है। असहमति या आलोचना ये तो लोकतंत्र का कायदा होता है और होना भी चाहिए। आज जो सत्ता में बैठे हैं ये लोग जब विपक्ष में थे, तो कांग्रेस सरकार की कितनी आलोचना करते थे। हमेशा कांग्रेस ने उसे सहज भाव में पॉज़िटिव वे में लिया। हमारे कई मुख्यमंत्रियों के इस्तीफे हुए, रेल मंत्री का इस्तीफा हो गया। लॉ मिनिस्टर का इस्तीफा हो गया और ये ऐसे लोग हैं कि इन्होंने तय कर रखा है कि ये हठधर्मिता से ही राज करेंगे। किसी की परवाह नहीं करेंगे और उसी कारण से उनका शासन फेल हो रहा है। चाहे कोरोना मैनेजमेंट हो, चाहे वैक्सीन का मिस मैनेजमेंट हो..आज पूरा देश दुखी है। अगर टाइम पर 130 करोड़ से ज्यादा जनता के वैक्सीन लग जाती, तो देश में मृत्यु दर कम होती। आज 50 करोड़ लोगों के डोज़ लगने की बात कर रहे हैं। लेकिन वो तो सिंगल डोज़ वाले लोग हैं। दोनों डोज़ तो देश में 10 फीसदी ही लोगों के लगी है। तो कब तक इसे पूरी आबादी को लगा पाएंगे। इसलिए बहुत ही नाज़ुक स्थिति है। जब हम आज़ादी के 75 वर्ष बना रहे हैं। गहलोत ने पीएम मोदी पर सियासी तंज करते हुए कहा कि ऐसे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ही हैं, जिन्हें पहले देश के प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल का नाम लेते हुए संकोच होता है। जोकि 11 साल तक जेलों में बंद रहे। जिनके पूरे खानदान ने त्याग और बलिदान किए..मोतीलाल नेहरू भी जेलों में बंद रहे..इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने शहादत दे दी..लेकिन उसके बावजूद मुझे अफसोस होता है कि प्रधानमंत्री को पूर्व प्रधानमंत्री के बारे में दो शब्द बोलते हुए तकलीफ होती है। ऐसी सोच के लोग देश को कहां ले जाएंगे। इसलिए हालात बहुत खराब हैं..ऐसा आज तक कभी नहीं हुआ है।
एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ पर एनएसए प्रस्तावित करने वाले 1992 बैच के आईपीएस अफसर जसवीर सिंह को बिना कारण 2.5 साल से नियमविरुद्ध ढंग से निलंबित रखने के आरोपों पर कहा कि ऐसे कई लोग हैं। जिन्हें हम जानते भी नहीं है। पत्रकार,साहित्यकार और एक्टिविस्ट हैं जिन्हें जेलों में बंद कर रखा है। राजद्रोह के मामले में बंद कर रखा है। ज्यूडिशियरी पर दबाव, इनकम टैक्स,सीबीआई,ईडी सब पर दबाव है। छापे डलवाए जा रहे हैं। चुनाव जहां भी हों, उसके पहले वहां पर छापे की कार्यवाही होगी। फिर इलेक्शन कैम्पेन शुरू होगा। क्या आज तक कभी ऐसा हुआ है ?..तो इतना ज्यादा घमण्ड में नहीं रहना चाहिए। जनता सब समझती है। घमण्ड राजनीति में किसी का नहीं रहता है। देश की जनता का कॉमन सेंस एक्सट्रा ऑर्डिनरी है। समय आने पर वो सबक सिखाएगी। जब मीडिया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से राजस्थान में क्या मंत्रिमंडल में जल्द ही रिशफल देखने को मिलेगा यह प्रश्न किया। तो इस प्रश्न का जवाब गहलोत अपने चिर परिचित अंदाज़ में नमस्कार में देते हुए चले गए।