
उटाम्बर । नाबालिग बच्ची के साथ हुए गैंगरेप के मामले में जेल में बंद आरोपी श्रवण उर्फ समाराम के की ओर से राजस्थान उच्च न्यायालय में जमानत याचिका दायर की गई थी। आरोपी के अधिवक्ता ने बताया कि श्रवण ने कोई अपराध नहीं किया हैं और इसे इस प्रकरण में झूठा फसाया गया है। वहीं परिवादिया की और से अधिवक्ता भीमाराम मुडिया, रतन अणखिया ओर शिवलाल बरवड़ ने अपना पक्ष रखते हुए कोर्ट में दलील दी कि इस प्रकरण आरोपी श्रवण ने प्रकाश के साथ मिलकर दलित नाबालिग लड़की को जबरदस्ती शराब पिलाकर उनके साथ गैंगरेप किया और अभी जेल में रहते हुए भी परिवादिया ओर उनके परिवार को धमकियां दे रहे हैं इसलिए उनकी जमानत याचिका खारिज की जाये। दोंनो पक्षों की दलीलें सुनने के बाद माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय के माननीय न्यायाधिपति देवेन्द्र कच्छवाह ने आरोपी श्रवण की जमानत याचिका खारिज कर दी गई।