लोक टुडे न्यूज नेटवर्क
संतुलित आहार, व्यायाम और मानसिक स्वास्थ्य पर दिया गया जोर
डीडवाना कुचामन, नावां।
रिपोर्टर – मनीष पारीक
डीडवाना जिले के नावां स्थित राजकीय नर्सिंग महाविद्यालय में विश्व आत्महत्या निरोध दिवस के अवसर पर एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ माँ शारदा की पूजा एवं सरस्वती वंदना से किया गया। इसमें मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत बनाने, तनाव से निपटने और आत्महत्या की प्रवृत्ति से बचाव पर विस्तृत चर्चा की गई।
कार्यक्रम में नर्सिंग कॉलेज प्राचार्य रामनिवास चौधरी ने कहा कि “तनाव से भागने के बजाय उसका सामना करना चाहिए। हर परिस्थिति में धैर्य और साहस से मुश्किलों का सामना करना संभव है।” वहीं नोडल प्राचार्य डॉ. वंदना चौधरी ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य की जिम्मेदारी सिर्फ माता-पिता की नहीं, बच्चों की भी है। इसके लिए पर्याप्त नींद, संतुलित आहार और रोजाना हल्का व्यायाम करना आवश्यक है।
बीसीएमओ डॉ. सौरभ जैन ने जीवन को अनमोल बताते हुए आत्महत्या को गंभीर पाप करार दिया। उन्होंने कहा कि यदि मन भारी लगे तो भरोसेमंद दोस्त, शिक्षक या किसी अन्य व्यक्ति से बात करनी चाहिए और जरूरत पड़ने पर पेशेवर मदद लेने में हिचकिचाना नहीं चाहिए। वहीं एसडीएम दिव्या सोनी ने कहा कि माता-पिता का दायित्व है कि वे बच्चों को यह एहसास दिलाएँ कि उनकी बातें सुनी जा रही हैं और उनकी भावनाओं को महत्व दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य को ग्रेड या नंबर से ऊपर रखना चाहिए और कॉलेजों में काउंसलिंग समिति बनाई जानी चाहिए।
कार्यक्रम में युवाओं को सोशल मीडिया के जाल से बचने की सलाह भी दी गई। छात्र-छात्राओं ने आत्महत्या के विचार किस तरह मन में आते हैं और परिवार व समाज के दबाव से कैसे बचा जा सकता है, इस पर आधारित प्रेरणादायक नाट्य प्रस्तुतियाँ दीं। छात्रों ने जीवन को सकारात्मक दिशा में ले जाने और मानसिक तनाव से उबरने के उपाय साझा किए।
इस अवसर पर महाविद्यालय के छात्र-छात्राएँ, शिक्षकगण और स्थानीय नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। कार्यक्रम ने युवाओं में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने का महत्वपूर्ण प्रयास किया।

















































