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सिंघाड़ा खाने के फायदे, नुकसान और इसमें मौजूद विटामिन — पूरी जानकारी
लेखक: रितु मेहरा -लोक टुडे न्यूज़ हेल्थ डेस्क
जयपुर। सर्दियों और नवरात्रि के दिनों में मिलने वाला सिंघाड़ा (Water Chestnut) सिर्फ स्वाद में ही नहीं बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी बेहद फायदेमंद माना जाता है। यह एक जलीय फल है जो तालाबों, झीलों या पानी भरे खेतों में उगाया जाता है। भारत में इसे अधिकतर व्रत (उपवास) में खाया जाता है, क्योंकि यह ऊर्जा और पोषण दोनों से भरपूर होता है।
आइए जानते हैं — सिंघाड़ा खाने के लाभ, इसके पोषक तत्व, विटामिन, और संभावित नुकसान।
सिंघाड़ा में पाए जाने वाले पोषक तत्व
सिंघाड़ा में विटामिन और मिनरल्स की भरपूर मात्रा होती है। यह प्राकृतिक रूप से ग्लूटेन-फ्री और कम कैलोरी वाला फल है।
100 ग्राम कच्चे सिंघाड़े में लगभग निम्न पोषक तत्व पाए जाते हैं:
पोषक तत्व मात्रा (100 ग्राम में)
कैलोरी 97 kcal
कार्बोहाइड्रेट 23.9 g
प्रोटीन 1.4 g
वसा (Fat) 0.1 g
फाइबर 3 g
विटामिन B6 16% (डेली वैल्यू)
विटामिन C 20% (डेली वैल्यू)
पोटैशियम 584 mg
आयरन 0.6 mg
फॉस्फोरस 93 mg
मैग्नीशियम 22 mg
सिंघाड़ा खाने के प्रमुख फायदे
1. ऊर्जा का प्राकृतिक स्रोत
सिंघाड़ा में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अधिक होती है, जो शरीर को तुरंत ऊर्जा प्रदान करती है। इसलिए इसे व्रत या उपवास के दौरान खाना बहुत फायदेमंद होता है।
2. पाचन शक्ति को मजबूत बनाता है
इसमें मौजूद फाइबर आँतों को साफ रखता है और कब्ज़ की समस्या को दूर करता है।
3. त्वचा और बालों के लिए लाभदायक
सिंघाड़े में मौजूद विटामिन E और एंटीऑक्सीडेंट्स त्वचा को ग्लोइंग बनाते हैं और झुर्रियाँ कम करने में मदद करते हैं।
4. ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है
इसमें पाया जाने वाला पोटैशियम रक्तचाप को नियंत्रित करता है और हृदय को स्वस्थ रखता है।
5. गर्भवती महिलाओं के लिए फायदेमंद
सिंघाड़े में मौजूद आयरन और फॉस्फोरस गर्भावस्था में रक्त की कमी (एनीमिया) को रोकते हैं और बच्चे के विकास में मदद करते हैं।
6. डिटॉक्स और वजन घटाने में सहायक
सिंघाड़े में वसा की मात्रा बहुत कम होती है और यह शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता है। नियमित सेवन से वजन नियंत्रण में रहता है।
7. थायराइड के लिए उपयोगी
इसमें मौजूद आयोडीन और मिनरल्स थायराइड हार्मोन के संतुलन को बनाए रखने में मदद करते हैं।
⚠️ सिंघाड़ा खाने के नुकसान (Side Effects)
सामान्य रूप से सिंघाड़ा सुरक्षित माना जाता है, लेकिन कुछ स्थितियों में सावधानी जरूरी है:
1. कच्चा सिंघाड़ा खाने से संक्रमण का खतरा:
यह पानी में उगता है, इसलिए अगर अच्छी तरह न धोया जाए तो बैक्टीरियल संक्रमण हो सकता है। हमेशा उबालकर या पकाकर ही खाएं।
2. ठंडी तासीर के कारण सर्दी-जुकाम:
इसकी तासीर ठंडी होती है, इसलिए जिन लोगों को जल्दी सर्दी-जुकाम होता है, वे सीमित मात्रा में ही सेवन करें।
3. डायबिटीज़ मरीजों के लिए सीमित सेवन आवश्यक:
इसमें कार्बोहाइड्रेट अधिक होता है, जिससे ब्लड शुगर स्तर बढ़ सकता है।
4. किडनी रोगियों के लिए डॉक्टर की सलाह जरूरी:
अधिक मात्रा में सेवन से पोटैशियम बढ़ सकता है, जो किडनी मरीजों के लिए नुकसानदेह हो सकता है।
सिंघाड़े का सेवन कैसे करें
उबालकर या भूनकर खाया जा सकता है।
सिंघाड़ा आटा (flour) व्रत में पूड़ी, हलवा या पैनकेक बनाने के लिए उपयोग किया जाता है।
सिंघाड़ा जूस शरीर को ठंडक देता है और गर्मी से बचाता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
सिंघाड़ा एक सस्ता, पौष्टिक और स्वादिष्ट फल है जो शरीर को ऊर्जा, खनिज और विटामिन्स प्रदान करता है।
यह विटामिन B6, विटामिन C, पोटैशियम और फाइबर का बेहतरीन स्रोत है।
हालांकि, इसकी तासीर ठंडी होने के कारण इसे सीमित मात्रा में ही खाना चाहिए और हमेशा साफ या पका हुआ सेवन करें।
एक पंक्ति में कहें तो — “सिंघाड़ा सिर्फ फल नहीं, सर्दियों का नैचुरल एनर्जी बूस्टर है।”
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