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एम्स के बाद अब MGH में लापरवाही का मामला, प्रशासन में मचा हड़कंप — अधीक्षक ने मांगी रिपोर्ट
लोक टुडे न्यूज नेटवर्क, जोधपुर।
सरकारी अस्पतालों में मरीजों की सुरक्षा पर एक बार फिर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं। एम्स जोधपुर में गलत रक्त चढ़ाने से एक मरीज की मौत के कुछ दिनों बाद ही अब महात्मा गांधी अस्पताल (MGH) में ऐसा ही गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है।
इस बार पीड़ित हैं एक राष्ट्रीय स्तर के बास्केटबॉल खिलाड़ी, जिन्हें अस्पताल के कॉटेज वार्ड में भर्ती रहने के दौरान गलत ब्लड चढ़ा दिया गया।
“नर्स को कहा भी था, लेकिन उसने बात नहीं सुनी” — खिलाड़ी हर्षवर्धन मैरिज
खिलाड़ी हर्षवर्धन मैरिज ने बताया कि उनका ब्लड ग्रुप A पॉजिटिव है। जब उन्हें ब्लड चढ़ाया जा रहा था, तो उन्होंने नर्सिंग स्टाफ को कहा भी कि “मेरा ब्लड ग्रुप ए पॉजिटिव है, कृपया जांच लें,” लेकिन नर्स ने उनकी बात अनसुनी कर दी।
उन्होंने बताया कि करीब 10 मिनट तक ब्लड चढ़ाने के बाद एक अन्य नर्सिंग कर्मचारी आई और उसने तुरंत ट्रांसफ्यूजन रोकने के निर्देश दिए। पूछने पर बताया गया कि “डॉक्टर ने ब्लड रोकने को कहा है।”
सर्जरी के बाद हुआ संक्रमण, गलत ब्लड चढ़ने से बढ़ा खतरा
जानकारी के अनुसार, खिलाड़ी ने जयपुर में लिगामेंट रिप्लेसमेंट सर्जरी करवाई थी। सर्जरी के बाद संक्रमण बढ़ने पर उन्हें जोधपुर के महात्मा गांधी अस्पताल के कॉटेज वार्ड नंबर 4 में भर्ती किया गया था। संक्रमण नियंत्रण के तहत इलाज चल रहा था, लेकिन उनकी स्थिति ऐसी नहीं थी कि ब्लड चढ़ाने की आवश्यकता हो।

दूसरे मरीज का ब्लड गलती से खिलाड़ी को चढ़ा दिया गया
उसी समय पास के कॉटेज वार्ड नंबर 6 में एक महिला मरीज को संक्रमण के कारण ब्लड ट्रांसफ्यूजन की जरूरत थी। लेकिन अस्पताल स्टाफ की गंभीर लापरवाही से महिला के लिए मंगाया गया ब्लड गलती से खिलाड़ी को चढ़ा दिया गया।
परिजनों ने नर्सिंग स्टाफ को बताया कि खिलाड़ी को ब्लड की आवश्यकता नहीं है, फिर भी कर्मचारियों ने बात को नजरअंदाज कर ट्रांसफ्यूजन प्रक्रिया पूरी कर दी।
घटना से मचा हड़कंप, अधीक्षक ने मांगी रिपोर्ट
मामला सामने आने के बाद अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया।
अधीक्षक डॉ. फतेह सिंह ने तुरंत घटना की विस्तृत रिपोर्ट तलब की है और संबंधित नर्सिंग स्टाफ से स्पष्टीकरण मांगा है।
उन्होंने कहा, “यह बेहद गंभीर लापरवाही है। दोषी पाए जाने वाले कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।”

एम्स में भी हो चुकी थी ऐसी घटना
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही एम्स जोधपुर में गलत ब्लड चढ़ाने से एक मरीज की मौत हो चुकी थी। उस मामले में भी ब्लड मिलान प्रक्रिया और पहचान प्रणाली पर सवाल उठे थे।
अब MGH में हुई यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि सरकारी अस्पतालों में ब्लड ट्रांसफ्यूजन की सुरक्षा प्रणाली लचर स्थिति में है।
खिलाड़ी की हालत स्थिर, जांच कमेटी गठित
सूत्रों के अनुसार, फिलहाल खिलाड़ी की हालत स्थिर बताई जा रही है।
अस्पताल प्रशासन ने जांच कमेटी गठित कर दी है, जो यह पता लगाएगी कि गलती किस स्तर पर और किस कर्मचारी की वजह से हुई।

















































