जयपुर ।राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने आज सदन में राज्यपाल कलराज मिश्रा के अभिभाषण पर सदन में जवाब देते हुए पूर्ववर्ती गहलोत सरकार को जोरदार तरीके से हर मुद्दे पर धोया। उन्होंने हर एक सवाल का तार्किक जवाब भी दिया और राजस्थान में पूर्ववर्ती सरकार को बढ़ते हुए कर्ज, विकट आर्थिक स्थिति और कई योजनाओं को वाहवाई लूटने के लिए और सरकार रिपीट होने के लिए घोषित करने के लिए भी आड़े हाथ लिया।
पूर्व मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा का नाम नहीं लेते हुए कहा कि आरएएस परीक्षा में -एक ही परिवार के तीन-तीन चारों लोगों का सिलेक्शन होना पुरी सिलेक्शन प्रक्रिया को ही संदेह के घेरे में डालता है ।यह विचारणीय है और इन सब की जांच होगी ।उन्होंने चार अलग-अलग परीक्षाओं की एसआईटी से जांच करने की बात भी कही। किसान निधि की राशि बढ़ाने की घोषणा की ।
कांग्रेस पार्टी और सरकार पर जनता को गुमराह करने का आरोप भी लगाया। पेपर लीक प्रकरण की जांच करने निष्पक्ष परीक्षा कराने सभी वर्गों को सरकारी योजनाओं का लाभ देने का वादा किया। साथ ही कहा कि ईआरसीपी का लाभ सभी को मिले और राजस्थान के 13 जिलों को सिंचाई और पेयजल का पानी मिले इसके लिए जल्दी ही योजना को धरातल पर लाया जाएगा । उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार ने इस योजना को लटकाया, भटकाया ,अटकाया लेकिन किया कुछ नहीं, सिर्फ लोगों को गुमराह किया। पर्ची वाली सरकार का जवाब देते हुए कहा कि हमारी सरकार ने ना खर्ची वाली है, न पर्ची वाली, हमारी सरकार धरती पुत्रों वाली है। जिसने एक सामान्य कार्यकर्ता को सरकार का मुखिया बना दिया। यही असली लोकतंत्र है और यह असली लोकतंत्र सिर्फ भाजपा में संभव है, कांग्रेस में नहीं। इसीलिए कांग्रेस आज विपक्ष में बैठी है।
1951 में बनी जनसंख्या आज विश्व की सबसे बड़ी पार्टी बनी हुई है। यह केवल अपनी विचारधारा की बदोलत है। आपकी पार्टी की विचारधारा सिर्फ वोट बैंक की विचारधारा है ।जिसके कारण लगातार सिमटती जा रही है, इस पर मंथन करने की जरूरत है क्योंकि विपक्ष भी मजबूत होना चाहिए।
मुख्यमंत्री भजनलाल ने नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली को भोला और सीधा बताया उन्होंने कहा कि आप भोले हो आप किसी की पर्ची के चक्कर में मत पढ़ो आप अपना काम करो आप इतना मुझे बोला भी मत समझो।
अभिभाषण के दौरान बातें बातों में विपक्ष को तो करारा जवाब दिया ही, सत्ता पक्ष में भी विरोधियों को समझा दिया कि बहुत से लोग अभी भी उन्हें मुख्यमंत्री के तौर पर पचा नहीं पा रहे हैं। लेकिन उन्हें समझ लेना चाहिए कि यह भाजपा ही है जहां पर मेरे जैसे किसान के बेटे एक सामान्य कार्यकर्ता को इतने बड़े प्रदेश का मुख्यमंत्री बना दिया जाता है और कई बड़े-बड़े नेताओं और सांसद ,विधायकों के बावजूद किसी ब्लॉक अध्यक्ष या वार्ड अध्यक्ष ने भी बयान बाजी नहीं कि। न ,हीं केंद्रीय नेतृत्व के निर्णय को चुनौती दी। जबकि यही कुछ यदि कांग्रेस पार्टी में हो जाता तो न जाने कितने लोग सड़कों पर उतर जाते ह। और न जाने कितने लोग धरना प्रदर्शन करते ।लेकिन यह भाजपा ही है जहां लोकतंत्र है और जहां केंद्रीय नेतृत्व का फैसला सबको मंजूर होता है। भजनलाल के भाषण में कई बार सत्ता और विपक्ष के लोगों ने तालियां बजाई । कई बार जय सियाराम के नारे भी गूंजे और भजनलाल शर्मा के जवाबों से जो लोग यह सोच कर बैठे थे कि आज भजन लाल किस तरह से राज्यपाल के अभिभाषण पर अपनी बात रखते हैं । बहुत सारे लोगों की निगाह सदन में और टीवी चैनल पर टिकी हुई थी । वे जानना और सुनना चाहते थे कि राजस्थान के मुख्यमंत्री के तौर पर भजनलाल की परफॉर्मेंस कैसी है? उन सभी लोगों को मुख्यमंत्री के तौर पर भजनलाल शर्मा ने अपने जवाब से बहुत ही शानदार और करारा जवाब दिया है। ऐसा लग रहा है जैसे मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा बहुत पुराने और खाटी नेता है । उन्होंने एक-एक सवाल का जवाब देते हुए सभी सवालों के जवाब दिए और नेताओं को नेताओं पर कटाक्ष भी किया।
शेरो शायरी भी की, कवियों की कविताएं भी पढ़ी और अभिभाषण को रोचक बनाया। अभिभाषण के जवाब में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अपनी सदन में अपनी छाप छोड़ी, जिसकी चर्चा सत्ता और कक्षा के सभी लोग कर रहे हैं।