केजरीवाल- सिनोदिया चुनाव हारे ,आतिशी चुनाव जीती, दिल्ली में 27 साल बाद भाजपा सरकार, कांग्रेस का सुपड़ा साफ

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परवेश साहिब सिंह वर्मा हो सकते हैं दिल्ली के नए मुख्यमंत्री?

लोक टुडे न्यूज नेटवर्क

दिल्ली– दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी  26 साल बाद फिर से पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने जा रही है।  आम आदमी पार्टी को करारी  हार देते हुए 70 में से 48 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी जीतती  नजर आ रही है।  वहीं कांग्रेस पार्टी का इस बार भी दिल्ली में खाता भी नहीं खुला । बीजेपी ने दिल्ली में 26 आम आदमी पार्टी की सीटों में से 12 सीटों पर जीत दर्ज की है ।इन इलाकों में पंजाबी،, पूर्वांचल और दलित वोटर सबसे ज्यादा है । वहीं दिल्ली की सभी जाट बहुल 10 सीट भाजपा  ने जीतने में सफलता हासिल की है ।

परवेश साहिब सिंह वर्मा

जाट बहुल सिटी जो आप से  छीनी

दिल्ली की 10 सीटों  पर आम आदमी पार्टी का कब्जा था इनमें नरेला में बीजेपी के राजकरण खत्री ने शरद कुमार को हराया, रिठाला में कुलवंत राणा ने महेंद्र गोयल, मुंडका में गजेंद्र डाल ने धर्मपाल लाकड़ा ,नांगलोई जाट में मनोज कुमार शौकीन ने राघवेंद्र शौकीन ,विकासपुरी में पंकज कुमार सिंह ने महेंद्र यादव ,मटियाला में संदीप शेरावत ने गुलाब सिंह ,नफरतगढ़ में नीलम पहलवान ने कैलाश गहलोत ,बिजवासन में कैलाश गहलोत ने भूपेंद्र सिंह जून, पालम में कुलदीप सोलंकी ने भावना गौड, महरौली में गजेंद्र सिंह यादव ने नरेश यादव को पराजित किया है । यह सभी सीटे पिछले तीन बार से आम आदमी पार्टी के कब्जे में थी । इन सभी सीटों पर जाट बाहुल्य माना जाता है।

केजरीवाल मनीष सिसोदिया अपनी सीट भी नहीं बचा पाए

अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया दोनों ही इस बार अपनी सीट  भी नहीं बचा सके । दिल्ली में 26 सीटों पर आम आदमी पार्टी लगातार तीन चुनाव जीत रही थी और पिछले तीन बार से लगातार 50 से ज्यादा सीटों पर चुनाव जीतने के कारण इस बार अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस पार्टी के प्रस्तावित गठबंधन को भी ठुकरा दिया।  जिसके चलते कांग्रेस पार्टी ने सभी सीटों पर चुनाव लड़ा और कहीं न कहीं आम आदमी पार्टी की हार का कारण भी कांग्रेस पार्टी बनी।  यदि केजरीवाल कांग्रेस पार्टी और इंडिया गठबंधन के बैनर तले मिलजुलकर चुनाव लड़ते तो नतीजे बदल सकते थे।  लेकिन अरविंद केजरीवाल को यह लगता था कि दिल्ली में तो वह अपने दम पर ही सरकार बना लेंगे।   इस बार विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन की फूट  का फायदा भारतीय जनता पार्टी को मिला।   भारतीय जनता पार्टी ने जिस तरह से दलित, जाट और गुर्जर और पूर्वांचली वोटों को साधने का काम किया, उसका फायदा भारतीय जनता पार्टी को मिला । भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली की दलित बहुल सीटों पर लगभग 6000 सीनियर कार्यकर्ताओं को वोटरों को साधने के लिए लगाया गया था ,जो लगातार पिछले डेढ़ साल से अपना काम कर रहे थे और और इसमें बीजेपी को सफलता मिली।

वह सीटें जो बीजेपी ने आप से छीनी

भारतीय जनता पार्टी ने आम आदमी पार्टी की 26 उन  12 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों में जीत दर्ज की है।  यह 26 सीटी  ऐसी है, जहां पर आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार पिछले तीन चुनाव लगातार जीत रहे थे ।  इनमें मंगोलपुरी सीट पर राजकुमार चौहान ने राखी बिड़ला, शालीमार बाग से रेखा गुप्ता ने वंदना कुमारी, शकूरबस्ती से करनैल सिंह ने सत्येंद्र जैन ,मादीपुर से कैलाश गंगवाल ने गिरीश सोनी ,हरी नगर से श्याम शर्मा ने राजकुमारी ढिल्लों, विकासपुरी से पंकज कुमार सिंह ने महेंद्र यादव नई दिल्ली से परवेश साहिब सिंह ने अरविंद केजरीवाल ,कस्तूरबा नगर से नीरज बसावाया नहीं मदनलाल ,मालवीय नगर से सतीश उपाध्याय ने सोमनाथ भारती, कस्तूरबा नगर से नीरज बसोया ने मदनलाल ,मालवीय नगर से सीट से उपाध्याय ने सोमनाथ भारती बिजवासन से  कैलाश गहलोत ने भूपेंद्र सिंह जून को पालम से कुलदीप सिंह सोलंकी ने भावना गॉड महरौली से गजेंद्र सिंह यादव ने नरेश यादव को पटपड़गंज से रविंद्र सिंह नेगी ने मनीष सिसोदिया,  सभी 12 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवारों ने आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों को पराजित किया।

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