लोक टुडे न्यूज नेटवर्क
सत्येंद्र सिंह चौधरी वरिष्ठ पत्रकार
जयपुर। राजस्थान विधानसभा में एक बार फिर विधायकों की संख्या 200 से घटकर 199 हो गई है। भाजपा विधायक कंवरलाल मीणा की सदस्यता समाप्त कर दी गई है। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने शुक्रवार को अंता से विधायक कंवरलाल मीणा को संविधान के अनुच्छेद 191(1)(ई) और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 8(3) के तहत अयोग्य ठहराते हुए उनकी सदस्यता समाप्त करने की घोषणा की. देवनानी ने बताया कि यह निर्णय दोष सिद्धि की तारीख से प्रभावी माना गया है।
तत्कालीन एसडीएम पर कंवरलाल मीना ने पिस्तौल तानी थी अदालत ने सुनाई तीन साल की सजा
कंवरलाल मीणा को एसडीएम पर पिस्तौल तानने के मामले में अदालत ने तीन साल की सजा सुनाई थी। इस मामले में उन्हें पहले हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट से भी कोई राहत नहीं मिली। कांग्रेस लंबे समय से मीणा की सदस्यता रद्द करने की मांग कर रही थी। आखिरकार, विधानसभा सचिवालय ने शुक्रवार को उनकी विधायकी को खत्म करने का आदेश जारी कर दिया। अब अंता विधानसभा सीट (संख्या 193) रिक्त हो गई है।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा था 199 की भ्रांति तोड़ी
कांस्टीट्यूशनल क्लब के उदघाटन के मौके पर विधानसभा अध्यक्ष वासूदेव देवनानी ने कहा था मैंने प्रयास करके विधानसभा की वो छवि तोड़ दी जब कहा जाता था की यहां कभी 200 विधायक एक साथ नहीं बैठे। इस बयान के कुछ दिनों बाद ही विधायक कंवर लाल मीणा को राजस्थान हाईकोर्ट ने एक मारपीट के पुराने मामले में दोषी ठहरा दिया था। जाहिर सी बात है की यहां 200 विधायक कभी भी लंबे समय तक साथ नहीं बैठे इसलिए कहा जाता है की विधानसभा में वास्तूदोष है जिसके चलते यहां कभी भी पूरे विधायक नहीं बैठ पाते।
वर्ष 1999 से ही ये सिलसिला चल रहा है कभी भी 200 विधायक एक साथ सदन में नहीं रहे
जब पहली बार अशोक गहलोत मुख्यमंत्री बने थे तब भी पूरे विधायक थे। इसके कुछ दिनों बाद ही एक विधायक का निधन हो गया। इसके फिर उपचुनाव हुए विधायक पूरे हुए और नया कांड हो गया। इसलिए उस समय से ही ये कहावत बल पकड़ती गई की यहां विधानसभा में ही वास्तुदोष है जिसके चलते यहां सदन में एक – दो विधायक कम ही रहते है। अब ये संजोग की बात है या फिर कहावत सत्य साबित हो रही है लेकिन कभी भी सदन में पूरे सदस्य ज्यादा समय तक सदन के सदस्य नहीं रहते । एक या दो सदस्य किसी न किसी कारण से कम ही रहते है।