
बूूंदी। आज डॅाटर्स डे है। एक बेटी ने कुछ घंटे पहले की बेटी को जन्म दिया। लेकिन नव प्रसूता अर्चना की रीट के प्रति और खास तौर भविष्य के प्रति दीवानगी ऐसी की अपना सारा दुख भुलाकर एंबूलेंस से ही परीक्षा केंद्र पहुंच गई। जहां मेडिकल टीम की मौजूदगी में नव प्रसूता ने रीट की परीक्षा देकर एक नया अध्याय लिख दिया। महिला की दृड़ इच्छा शक्ति के आगे जिला प्रशासन ने महिला के परीक्षा देने का सारा इंतजाम किया। परीक्षा के बाद महिला ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, जिला कलेक्टर, डॅाक्टर्स और चिकित्सकीय स्टाफ का भी सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। इस पूरे प्रयास में स्थानीय कांग्रेस नेता चर्मेश शर्मा की भूमिका सराहनीय रही । इसके लिए परिजनों ने उनका भी आभार जताया।
मामला बूंदी जिले का जहां मातृ एवं शिशु चिकित्सालय में भर्ती कुछ घंटे पहले बेटी को जन्म देने वाली नवप्रसूता अर्चना कुमारी गोचर ने रविवार को चिकित्सालय से एम्बुलेंस में 50 किलोमीटर केशवरायपाटन सेंटर पर जाकर जब रीट की परीक्षा दी तो अपने आप में एक नया इतिहास लिखा गया। जिसने भी अर्चना को परीक्षा देते हुए देखा उसकी दृढ़ इच्छाशक्ति की प्रशंसा किए बिना नहीं रह सका। परीक्षा देने के बाद रविवार दोपहर अर्चना को वापस गोली जिला चिकित्सालय में भर्ती करवा दिया गया है। उल्लेखनीय है कि अर्चना ने शनिवार दोपहर को ही बेटी को जन्म दिया था और उसके डिलीवरी के दौरान टांके भी लगाए गये थे। बूंदी जिला प्रशासन द्वारा नवप्रसूता को प्रशासनिक अनुमति के बाद रविवार सुबह जल्दी ही कांग्रेस सहायता टीम के प्रभारी चर्मेश शर्मा एंबुलेंस में नवप्रसूता को नवजात बेटी व परिजनों के साथ लेकर केशवरायपाटन राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सेंटर पर पहुंचे। वहां पर एसडीएम दलवीर सिंह व पूरा प्रशासनिक अमला पहले से ही इस मामले को लेकर अलर्ट मोड पर था। नव प्रसूता को एंबुलेंस से चिकित्सकीय के मार्गदर्शन में अलग से बनाये गये परीक्षा कक्षा के बाहर तक ले जाया गया और एम्बुलेंस से स्ट्रेचर पर उठाकर परीक्षा कक्ष के बेड पर लिटाया गया।
जच्चा बच्चा का स्वास्थ्य परीक्षण
परीक्षा से पहले केशवरायपाटन चिकित्सालय प्रभारी महिला चिकित्सक डॉ मंजू चंदेल की अगुवायी में मेडिकल टीम ने नव प्रसूता परीक्षार्थी अर्चना व नवजात बेटी का स्वास्थ्य परीक्षण किया। चिकित्सकीय टीम ने जच्चा बच्चा दोनों की ब्लड प्रेशर पल्स व अन्य आवश्यक जाँचे की। एहतियात के तौर पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से दो महिला नर्सिंग कर्मचारियों को पूरे समय परीक्षा कक्ष में ही तैनात कर दिया गया। इस पुरे मामले में महिला दृढ़ इच्छा शक्ति की सभी ने तारीफ की।