भरतपुर। सैनी , माली, कुशवाहा, और अन्य वे सभी जातियां जो माली है लेकिन उन्हें अलग – अलग स्थानों पर अलग- अलग नाम से जाना जाता है। राजस्थान में ओबीसी आरक्षण में से अपने लिए 12 फीसदी आरक्षण की मांग को लेकर जयपुर – आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग पर जाम लगाकर दो दिन से बैठी है। माली समाज आरक्षण की मांग को लेकर लंबे समय में आनंदोलनरत है। लेकिन आज तक सरकार ने कभी भी इस बात को गंभीरता से नहीं लिया। लेकिन अब जब समाज के लोग राष्ट्रीय राजमार्ग जाम कर लोग सड़कों पर बैठे है तो भी सरकार का प्रतिनिधि वार्ता के लिए नहीं पहुंचे है। सबसे खास बात है कि यदि कोई सामान्य व्यक्ति नेशनल हाईवे जाम कर ले तो पुलिस गिरफ्तार कर सीधा जेल भेज सकती है। लेकिन खास बात है कि यहां न तो पुलिस वालों ने हाईवे जाम करने वालों को रोका और न- ही उऩ्हें हटाने की कोशिश की। लोग आते है नारेबाजी करते है रास्ता जाम करके बैठ जाते है। यदि पुलिस या प्रशासन के लोग समाज के लोगों से वार्ता करके उन्हें हाईवे किनारे या जिला मुख्यालय पर धरने के लिए प्रेरित करता तो हो सकता है लोग हाईवे को जाम नहीं करते । लेकिन लगता है प्रशासन और पुलिस के लोग आजकल आनंदोलनकारियों के सामने बिल्कुल पंगु बन गए है। न तो वार्ता करने जाते और सरकार के प्रतिनिधि ऐसी स्थिति में रास्ता जाम करने से रोजाना लाखों लोग परेशान हो रहे है। सरकार ने वैकल्पिक रास्ते निकाल दिए लेकिन माली समाज की मांग पर अभी तक गौर नहीं किया। हां जयपुर में यूडीएच शांति धारीवाल ने जरुर कहा है कि वे मांग का परीक्षण कराएंगे। जो भी उचित होगा करेंगे, लेकिन वार्ता नहीं करेंगे। साफ बात है सरकार खुद आनंदोलनकारियों को उग्र आनंदोलन के लिए प्रेरित कर रहीहै।
ओबीसी आरक्षण में बंटवारे की मांग पर जयपुर आगरा हाईवे जाम ?
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