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हिंदुओं की संगठित शक्ति ही राष्ट्र एवं विश्वशांति का आधार : सुखदेवजी महाराज

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लोक टुडे न्यूज़ नेटवर्क

— मारोठ में शस्त्र पूजन एवं विराट पथ संचलन
— संघ कार्यक्रम के लिए महंत ने 40 साल का मौनव्रत तोड़ा

किशनगढ़-रेनवाल। ( नवीन कुमावत)। निकटवर्ती मारोठ गांव में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं द्वारा शस्त्र पूजन व पथ संचलन कार्यक्रम आयोजित किया गया। संचलन में सैकड़ों गणवेशधारी स्वयंसेवकों ने घोष दल के साथ कदम से कदम मिलाते हुए पथ संचलन में हिस्सा लिया। पथ संचलन शाम 4 बजे मारोठ एसएसबी कॉलेज के मैदान से प्रारंभ होकर रिद्धि सिद्धि गार्डन पहुंचा। वहां आयोजित शस्त्र पूजन कार्यक्रम में श्यामगढ़ बगीची के बालाजी मंदिर के महंत श्रीसर्वेश्वर दासजी महाराज व संत दादू दयाल आश्रम किशनगढ़-रेनवाल, राष्ट्रीय आध्यात्मिक ज्ञान सेवा केंद्र के संस्थापक संत श्री सुखदेवजी महाराज व डीडवाना संघ के जिला कार्यवाह रामेश्वर भाकर ने विधिवत रुप से शस्त्रों का पूजन किया।


इस अवसर पर महंत श्रीसर्वेश्वर दासजी ने संघ के कार्यक्रम के लिए अपना 40 साल का मौनव्रत तोड़ते हुए कहा कि आज का पथ संचलन देखकर मैं अभिभूत हूं। कलयुग में समाज संगठन ही राष्ट्र की सबसे बड़ी ताकत है।
मुख्य वक्ता श्रीसुखदेवजी महाराज ने अपने ओजस्वी उद्बोधन में कहा कि आरएसएस एक बेहद अनुशासित संगठन है। जिसका उद्देश्य व्यक्तियों में जाति-पांति व ऊंच-नीच का भेदभाव खत्म करते हुए राष्ट्रचेतना के साथ ही सामाजिक समरसता व एकात्मता पैदा करना है।

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