दलित संगठनों ने की मुख्यमंत्री से दलितों पर अत्याचार रोकने की मांग

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जयपुर । राजस्थान में एक के बाद एक लगातार दलित वर्ग के लोगों के साथ हो रही मारपीट, सामाजिक असमानता की घटनाओं , दलित दूल्हों को घोड़ी से उतारने, उनके साथ मारपीट करने ,मंदिरों में जाने से रोकने ,विरोध करने पर पिटाई करने, महिला अत्याचार ,रेप ,दुष्कर्म और दलितों की जमीनों पर जबरन कब्जे के मामले सामने आ रहे हैं ।

एक महीने 9 दूल्हों को घोड़ी से उतारा

पिछले 1 महीने में ही आधा दर्जन से ज्यादा दलित समाज के दूल्हों को घोड़ी उतारकर उनके साथ मारपीट करने के मामले सामने आए हैं । इन तमाम घटनाओं से साफ है कि यह कुछ लोगों की सोची समझी साजिश है जो राजस्थान सरकार को बदनाम करना चाहती है एक के बाद एक लगातार अलग-अलग स्थानों पर कभी जयपुर के कोटपुतली में शाहपुरा में बूंदी में उदयपुर के मावली में पश्चिमी राजस्थान में आए दिन इस तरह की घटनाएं सामने आ रही है जिसस दलित वर्ग में खासा आक्रोश बढ़ रहा है।

एक दर्जन से ज्यादा सामाजिक संगठनों ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

घटना के विरोध में अखिल राजस्थान दलित महासंघ, अखिल राजस्थान एससी एसटी महासंघ, डॉक्टर बी आर अंबेडकर महासंघ, अखिल भारतीय एससी एसटी कर्मचारी अधिकारी महासंघ, अखिल भारतीय बैरवा महासभा, अखिल भारतीय बलाई महासभा ,अखिल भारतीय मेघवाल महासभा , अखिल भारतीय जाटव महासभा ,अखिल भारतीय रैगर महासभा ,अखिल भारतीय खटीक महासभा ,अखिल भारतीय धोबी महासभा, अखिल भारतीय जीनगर महासभा ,अखिल भारतीय वाल्मीकि महासभा , अखिल भारतीय कोली महासभा, सहित दर्जनों संगठनों में अलग-अलग पत्र लिखकर मुख्यमंत्री से प्रदेश में लगातार दलितों पर बढ़ रहे अत्याचार रोकने की मांग की है। संगठनों के नेताओं ने मुख्यमंत्री को पत्र के माध्यम से कहा है कि राजस्थान को कला, स्थापत्य कला, संस्कृति, राजसी वैभव शांति और सौहार्द आपसी भाईचारे के लिए जाना जाता है। राजस्थान आपके नेतृत्व में सारी विपरीत परिस्थितियों के बावजूद लगातार विकास पथ पर आगे बढ़ रहा है। लेकिन इसके बावजूद कुछ चंद असामाजिक तत्व प्रदेश में सामाजिक ताना-बाना खत्म करना चाहते हैं। ये लोग राजस्थान की छवि को धूमिल करने पर तुले हुए हैं। कुछ असामाजिक तत्व जो जातीय आधार पर अपने आप को उच्च और दूसरों को अपने से कमतर आंकते हैं वह लोग लगातार दलित वर्ग के लोगों के साथ इस तरह के अत्याचार कर राज्य की छवि को धूमिल करना चाहते हैं। सरकार को ऐसे असामाजिक तत्वों पर जो आए दिन जातीय आधार पर भेदभाव करते हैं । मारपीट करते हैं, दलित दूल्हों को घोड़ी पर चढ़ने से रोकते हैं, उनकी बारात के साथ मारपीट करते हैं, उनके दाढ़ी मूछ रखने पर मारपीट कर करते हैं, उनकी मां ,बहन ,बेटी के साथ बलात्कार करते हैं , उनकी जमीनों पर जबरन कब्जा करते हैं । इस तरह ये असामाजिक तत्व आपकी लोकप्रिय कल्याणकारी सरकार की छवि को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धूमिल करना चाहते हैं। ऐसे में इस तरह के असामाजिक तत्वों के खिलाफ जब तक सरकार कठोर और सीधी कार्रवाई नहीं करेगी तब तक यह इस तरह की घटनाओं को अंजाम देते रहेंगे । अतः सभी दलित संगठन आपसे प्रदेश में लगातार बढ़ रही सामाजिक असमानताओं की घटनाओं पर अंकुश लगाने और दोषियों पर कार्रवाई की मांग करते है।

दलितों में बढ़ी असुरक्षा की भावना

चंद लोगों को छोड़ दिया जाए तो आज भी दलित वर्ग में अधिकांश जातियों में लोगों की स्थिति बहुत ही दयनीय है। लोग आज भी 2 जून की रोटी के लिए संघर्ष करते नजर आते हैं ।ऐसे में इस तरह की घटनाओं से दलित वर्ग के लोगों में असुरक्षा की भावना घर करने वाली है। गांव के बाद वे पलायन करके शहरों में आए शहरों में भी उनके साथ इसी तरह की घटनाएं होने लगी है। जिससे लोगों में डर बैठने लगा है । जब तक सरकार इस तरह की घटनाओं पर अंकुश लगाकर ,यह संदेश नहीं देगी की राजस्थान में इस तरह की घटनाओं को कोई स्थान नहीं है, तब तक दलित वर्ग में सामाजिक असुरक्षा की भावना बढ़ती जाएगी जो राज्य के लिए खतरनाक साबित होगी।

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