लोक टुडे न्यूज नेटवर्क
उनियारा (सत्यप्रकाश मयंक) ।
यहां आयुर्वेद विभाग की ओर से आयोजित 10 दिवसीय अंतरंग शल्य चिकित्सा शिविर में 4 हजार 7 सौ 95 रोगी लाभान्वित हुए ।शिविर 5 फरवरी से शुरू हुआ था जिसका शुक्रवार को समापन हो गया ।शिविर में उपचार करवाने वाले रोगियों को फालोअप के लिए 7 दिन बाद बुलाया गया है ।शिविर के समापन समारोह में मुख्य अतिथि आयुर्वेद विभाग के उपनिदेशक डॉ हनुमान प्रसाद शर्मा ने सम्बोधन में कहा कि आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति सबसे पुरानी चिकित्सा पद्धति है ।जिसे ऋषि मुनियों ने बनाया ।आयुर्वेद चिकित्सा न केवल रोग को ठीक करती है बल्कि रोग को जड़ से खत्म करने में सक्षम है ।उन्होंने आयुर्वेद चिकित्सा के लाभ एवं दुष्परिणाम रहित होने के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला ।कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधान चिकित्सा अधिकारी डॉ प्यारेलाल मीणा ने की ।
उन्होंने शिविर में सरकार के सहयोग एवं भामाशाहों के बारे में पूर्ण जानकारी दी ।शल्य चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ आशीष सोनी ने ऑपरेशन के बाद रखी जाने वाली सावधानी ,आहार ,विहार तथा औषधि किट के बारे में जानकारी दी ।10 दिवसीय शल्य चिकित्सा शिविर में विषय विशेषज्ञ डॉ मयंक,डॉ कैलाश नागर ,डॉ शिवचरण, डॉ धर्मराज ,डॉ राधेश्याम स्वर्णकार ,डॉ रेणु,डॉ निशा तथा उनकी टीम ने सेवायें दी ।जबकि श्रीराम गोयल , सरताज अहमद, ओमप्रकाश, मनराज ,कोमल, गोपाल, आरती , पायल ,बालकिशन,ओंकार सिंह , खुशाल शर्मा, राहुल शर्मा आदि समाज सेवियों का विशेष योगदान रहा ।शिविर प्रभारी डॉ रामहेत मीणा ने बताया कि 5 फरवरी से शुरू हुए 10 दिवसीय अंतरंग शल्य चिकित्सा शिविर में पाइल्स,फिस्टुला, भगन्दर,पेटदर्द, घुटनो के दर्द, स्त्री रोग,छोटे बच्चों के लिए स्वर्णप्राशन ,योग प्राणायाम आदि द्वारा उनियारा सहित दूर दराज से आये सभी रोगियों का उपचार कर लाभान्वित किया गया ।
उन्होंने बताया कि शिविर में 2 हजार 3 सौ पांच रोगियों की जांच कर निःशुल्क दवाई दी गई ।पंच कर्म चिकित्सा से 483 , अग्निकर्म चिकित्सा से 430,मर्म चिकित्सा से 467,योग चिकित्सा से 545,स्वर्णप्राशन से 497 तथा शल्य चिकित्सा से 68 रोगियों का उपचार किया गया ।उन्होंने यह भी बताया कि ऑपरेशन वाले सभी रोगियों को उत्तम स्वास्थ्य के लिए जानकारी एवं ओषधि उपलब्ध करवाकर 7 दिन बाद राजकीय आयुर्वेद चिकित्सालय उनियारा में आयोजित होने वाले फालोअप केम्प में बुलाया गया है ।