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RAS 2018 की परीक्षा में शिवसिंह राठौड़ की संदिग्ध भूमिका?

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लोक टुडे न्यूज नेटवर्क

आर.ए.एस. 2018 की मुख्य परीक्षा 28, 29 जनवरी 2019 को सम्पन्न हुई उस समय आरपीएससी के चेयरमैन दीपक उत्प्रेती थेः-

आरपीएससी चेयरमैन दीपक उत्प्रेती ने आरएएस 2018 की मुख्य परीक्षा की उत्तर पुस्तिका जांचने का समन्वयक की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी शिवसिंह राठौड़ को दी।
उत्तर पुस्तिकाएं जचने का संयोजक शिव सिंह राठौड़ को बनाया

मुख्य परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाएं एमडीएस विश्वविद्यालय अजमेर के बहृस्पति भवन के सभागार और विक्रमादित्य भवन में आनलाइन जांचने का काम शुरू किया, जहां पर उत्तर पुस्तिकाएं जांचते समय सीसीटीवी कैमरे बन्द कर दिये गये।

परीक्षा केंद्र के सीसीटीवी कैमरा बंद किए गए
एमडीएस विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलपति आर.पी. सिंह आरएएस की मुख्य परीक्षा की उत्तर पुस्तिका जांचने के समय एमडीएस विश्वविद्यालय के परीक्षा केन्द्र बनाने, शिक्षक भर्ती एवं अशैक्षणिक पदों पर भर्ती की अनियमितताओं को लेकर 9.9.2020 को ACB ने गिरफतार भी किया था।  
शिवदयाल सिंह शेखावत की भूमिका भी विवादों में रही

एमडीएस विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलपति आर.पी. सिंह ने उत्तर पुस्तिकाएं जांचने का काॅर्डिनेटर, प्रोफेसर शिवदयाल सिंह शेखावत को बनाया। शिवदयाल सिंह की नियुक्ति भी विवादों में रही है, इनका चयन MDS University में जनसंख्या अध्यन केन्द्र में । Assistant Professor के पद पर हुआ, उसके बाद पदौन्नति के बाद इसी विभाग में  Assistant Professor बनें। परन्तु UGC के नियमों को ताक में रखकर Associate Professor से Professor के रूप में इनकी नियुक्ति अर्थशास्त्र विभाग में हुई। शिवदयाल सिंह शेखावत का मूल निवास लक्ष्मणगढ (सीकर) क्षेत्र के गांव खुडी (रशीदपुरा) के निवासी है। ये शिवसिंह राठौड के खासम खास है।
18 महीने बाद परिणाम आया

आरएएस 2018 की मेन्स के Exam 28, 29 जनवरी 2019 को हुई, जिसका परीणाम लगभग 18 महीने बाद 2 जुलाई 2020 को आया।

शिवसिंह राठौड की देखरेख में मुख्य परीक्षा की काॅपियां जांचने की जिम्मेदारी आने के बाद मुख्य परीक्षा की काॅपियों को आॅनलाइन जांचने के लिए पूर्व में जिस फर्म का चयन किया गया उसको शिवसिंह राठौड द्वारा रद्ध कर चहेती फर्म को इस काम में लगाया। 

मात्र 18 दिन में उत्तर पुस्तिकाओं की जांच की गई

शिवसिंह राठौड और शिवदयाल सिंह शेखावत दोनों ने मिलकर 2018 की मुख्य परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं को मात्र 18 दिन यानी 14 फरवरी से 06 मार्च 2020 के बीच जांचा गया। इस प्रकार साल भर निषक्रिय रहना और अंत में 18 दिन में परीणा तैयार करना परीक्षण की गुणवत्ता पर प्रश्न चिन्ह लगाता है। 

उत्तर पुस्तिकाएं 6 महीने बाद अपलोड की
आरएएस 2018 का अंतिम परिणाम 13 जुलाई 2021 को घोषित किया इसके बाद आरटीआई के तहत काॅपी वेबसाईट पर अपलोड किया जाना था। परन्तु यह कार्य 6 माह पश्चात यानी 2 दिसम्बर 2021 को शिवसिंह राठौड कार्यवाहक अध्यक्ष बनने के बाद आरटीआई के तहत उत्तर पुस्तिका वेबसाईट का अपलोड करने का नोटिफीकेशन 17 दिसम्बर 2021 को निकाला और उत्तर पुस्तिकाएं 10 जनवरी 2022 से 30 अप्रेल 2022 तक अपलोड की गई, क्योंकि शिवसिंह राठौड अपने चहेते अभ्यर्थियों का मुख्य परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाएं के दौरान अंक नहीं दे पाये तो उन्होंने छोडे गये प्रश्नों को अभ्यर्थियों द्वारा भरवाया गया और अधिक अंक देकर कई आरएएस बनाया, जिसके परिणाम अवलोकनार्थ संलग्न है। (Annexure- 1)

अपने चाहतों को नियुक्तियां दिलाई गई

आरएएस 2018 के परीणाम के बाद भी उत्तर पुस्तिकाओं में कई अभ्यर्थियों द्वारा छोडे गये (Unsolved Questions) प्रश्नों के उत्तर बाद में लिखवाये गये। उदाहरण के तौर पर रोल नं. 804088 आरएएस 2018 की मुख्य परीक्षा के प्रथम प्रश्न पत्र में 30 अंक से अधिक प्रश्नों में N.A. (Not Attempt) लिखा हुआ था। अंकशीट पर इनके अंक शून्य दर्शाये गये, यानी अभ्यर्थी ने परीक्षा के दौरान कुछ प्रश्नों का जवाब/उत्तर ही नहीं लिखा, जिन्हें जांचने के दौरान परीक्षक ने N.A. (Not Attempt) लिखा हुआ था। जब अभ्यर्थी अच्छे अंक/रैंक लाने में कामयाब नहीं हुआ, तो तत्कालीन चैयरमेन शिवसिंह राठौड के द्वारा आरएएस 2018 की मुख्य परीक्षा की उत्तर पुस्तिका अपलोड कराने में जानबूझकर देरी कर परीक्षार्थी को उत्तर पुस्तिका उपलब्ध करवाकर छूटे हुए प्रश्नों के उत्तर भरवाकर उत्तर पुस्तिकाओं को अपलोड करवाया गया। इसके बाद अभ्यर्थी ने तत्कालीन चैयरमेन शिवसिंह राठौड को लिखित में इसकी शिकायत कर अपनी काॅपी में छूटे हुए उत्तरों को दोबारा जांचने की मांग की, जिसे शिवसिंह राठौड ने मानकर काॅपी को दौबारा जंचवाया गया और ऐसे कई लोगों को आरएएस बनाया गया। प्रमाण अवलोकनार्थ संलग्न है। (Annexure- 1)

रोल नम्बर 804088 की मुख्य परीक्षा की Fourth Paper की उत्तर पुस्तिका को देखने से स्पष्ट हो रहा है कि गलत उत्तरों में भी मनमानी तरीके से बढा चढाकर अंक दिये गये। ऐसे कई उत्तर पुस्तिकाओं में बढा चढाकर अंक देकर कई आरएएस बनाये है। उत्तर पुस्तिका अवलोकनार्थ संलग्न है। (Annexure- 2)

गलत उत्तर के भी अंक दे दिए गए

आरएएस मुख्य परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं में N.A. (Not Attempt) का उपयोग कर दर्जनों उत्तर पुस्तिकाओं में बाद में अंक बढाने का काम किया है, जिनके कुछ उदाहरण निम्नलिखित है –

आरएएस 2016 की मुख्य परीक्षा की उत्तर पुस्तिका में अद्योलिखित लोगों के अंक बढाये गये –
रोल नम्बर 216947 पेपर प्रथम में अंक बढाये गये।
रोल नम्बर 210130 पेपर चतुर्थ में अंक बढाये गये।
रोल नम्बर 220013 पेपर चतुर्थ में अंक बढाया गया।
आरएएस 2018 की मुख्य परीक्षा की उत्तर पुस्तिका में अद्योलिखित लोगों के अंक बढाये गये –
रोल नम्बर 812900 पेपर चतुर्थ में अंक बढाये गये।
रोल नम्बर 803064 पेपर तृतीय में अंक बढाये गये।
रोल नम्बर 810910 पेपर चतुर्थ में अंक बढाये गये।
रोल नम्बर 804088 पेपर प्रथम में अंक बढाये गये।
रोक नम्बर 800513 पेपर द्वितीय में अंक बढाये गये।
आरएएस 2021 की मुख्य परीक्षा की उत्तर पुस्तिका में अद्योलिखित लोगों के अंक बढाये गये –
रोल नम्बर 905091 पेपर द्वितीय में अंक बढाये गये।
रोल नम्बर 917921 पेपर तृतीय में अंक बढाये गये।
रोक नम्बर 908633 पेपर द्वितीय में अंक बढाये गये।

उक्त लोगों की उत्तर पुस्तिका को दुबारा भरवाकर बढा चढाकर नम्बर देकर आरएएस बनाया है, जिसके प्रमाण अवलोकनार्थ संलग्न है।
रोल नम्बर 809244 की First, Second, Third, Fourth की उत्तर पुस्तिका को अगर देखा जाए तो लगता है कि अभ्यर्थी 3 घंटे में इस तरह की Writing में लिख नहीं सकता, जमाकर तसल्ली से जवाब लिखा है। ऐसे लगता है जैसे उत्तर पुस्तिका देकर उसे छुट्टी दे दी हो कि खूब तसल्ली से जवाब लिखो और काॅपी जमा करा देना या इस अभ्यर्थी को पूर्व अध्यक्ष एवं शिवसिंह राठौड ने प्रश्न पत्र पूर्व में ही उपलब्ध करवा दिया था। तत्कालीन अध्यक्ष दीपक उत्प्रेती की पत्नी Step by Step School जो कि वर्तमान में ‘‘जय श्री पेडीवाल स्कूल’ है, जिसमें Vice Principal थी, रोल नम्बर 809244 अभ्यर्थी के बच्चे भी इसी स्कूल में पढते थे। अभ्यर्थी एवं दीपक उत्प्रेती की पत्नी के पारिवारिक संबंध थे, जिसका फायदा उठाकर इस अभ्यर्थी ने स्वयं के साथ अपने परिवार से जुडे अन्य अभ्यर्थियों को भी आरएएस में पास कराया। इसे लिखने में कम से कम पांच घंटे लगेंगे अर्थात इनको उत्तर पुस्तिका उपलब्ध करवाकर लिखाया गया है। (Annexure – 3 (a,b,c,d))

आरएएस मुख्य परीक्षा की On Screen जांच पद्धति में स्केन की जा चुकी काॅपी के हर प्रश्न का एक कोड होता है उस कोड को हैक करके कहीं से भी जांच के दौरान उस काॅपी को कहीं भी खोला जा सकता है एवं अंको में उल्ट फेर किया जा सकता है। आरएएस 2018 में चूंकि शिवसिंह राठौड परीक्षा नियंत्रक था एवं काॅपी जांचकर्ता एजेन्सी, जांच समन्वयक ये सब राठौड के निजी लोग थे। अतः मिलीभगत से यह उल्टफेर व्यापक स्तर पर हुआ एवं आपने चहेतों को रेबडी की तरह नम्बर बांटे गये, इस प्रकार हैक कर नम्बर बदले गये।         

आरएएस 2018 के साक्षात्कार में हुए घपले में शिवसिंह राठौड की भूमिका

तत्कालीन अध्यक्ष भूपेन्द्र यादव द्वारा फुल कमिशन की मीटिंग में साक्षात्कार के दौरान आए हुए सभी experts को समान अंक देने का प्रस्ताव रखा जिसे शिवसिंह राठौड ने नकार दिया गया। आखिरकार आरपीएसी के सदस्यों को साक्षात्कार के दौरान अंक देने का अधिकार आ गया। 3-4 अन्य experts सवाल पूछ सकते थे, उन्हें अंक देने का अधिकार नहीं था। इस प्रकार शिवसिंह राठौड ने मनमाने ढंग से अंक देकर अपने लोगों को आरएएस बनाया। Board के बाहरी सदस्यों (Experts) को अंक नहीं देने का ऐसा निर्णय जानबूझकर कराया गया।    

तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के द्वारा भूपेन्द्र यादव Chairman RPSC को दिनांक 13,14,15,16 अप्रेल 2021 तक Force Leave पर भिजवाया गया और शिवसिंह राठौड अपनी मंशा के अनुसार साक्षात्कार बोर्ड का अध्यक्ष बना और पैसे लेकर सेकडों अभ्यर्थियों को साक्षात्कार में रिकाॅर्ड तोड 70 से 82 प्रतिशत तक अंक दिये गये, जिनके लिखित में अंक कम थे, जिनमें उस समय की सरकार के कई बडे-बडे नेताओं/ अफसरों के रिश्तेदार शामिल हैं। 
रोल नम्बर 820815 वाले अभ्यर्थी के आरएएस 2018 के साक्षात्कार के दौरान एक व्यक्ति ने चैयरमेन भूपेन्द्र यादव को Whatsapp पर मेसेज कर बताया की साक्षात्कार में इन्हें 82 अंक दिये जा रहे है। परीणाम आने के बाद इस अभ्यर्थी के साक्षात्कार में 82 अंक ही आये है। इससे साबित होता है कि साक्षात्कार के दौरान पैसे लेकर अंको की बंदरबाट की गई।
आरएएस 2018 के साक्षात्कार के दौरान राज्य भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) द्वारा साक्षात्कार में अधिक अंक दिलाने हेतु 23 लाख रूपये की रिश्वत लेते आयोग के एक कर्मी को रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया, जिसकी FIR No. 257/2021 ACB जयपुर में दर्ज है। 

प्रदेश की सबसे बडी प्रतियोगी परीक्षा आरएएस/आरटीएस में कई वर्षों से धांधली होती आ रही है। इसको खत्म करने के लिये हमारी जांच ऐजेन्सीयों को छूट देकर और उन्हें सुविधाएं उपलब्ध करायें तो इस भ्रष्टाचार के अड्डे को खत्म किया जा सकता है। जब आरएएस/आरटीएस जैसी बडी प्रतियोगिता परीक्षा में धांधली हो रही है तो S.I, EO/RO, JEN, आदि दर्जनों प्रतियोगिता परीक्षा में धांधली होना स्वभाविक है।
आरपीएससी में ही पेपर लीक एवं उत्तर पुस्तिकाओं में अंक बढाने का काम किया जा रहा है। इसलिये आरपीएससी में इस भ्रष्टाचार को मिटाने के लिये बडे मगरमच्चों पर हाथ डालना जरूरी है।

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