भाजपा ने सातवीं बार खेला ब्राह्मण चेहरे पर दांव
विधानसभा चुनाव से 8 महीने पहले पूनिया की विदाई
दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटे सतीश पूनिया को समय करारा झटका लगा जब अचानक भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने चित्तौड़गढ़ से सांसद सीपी जोशी को भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त कर दिया । अब राजस्थान में विधानसभा चुनाव सीपी जोशी के नेतृत्व में होगा ।राजस्थान में भाजपा ने सातवीं बार ब्राह्मण चेहरे को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है ।इससे पूर्व रघुवीर सिंह कौशल ,ललित किशोर चतुर्वेदी , भंवर लाल शर्मा ,महेश शर्मा, अरुण चतुर्वेदी और अब सीपी जोशी को प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी गई है हालांकि इनमें से कोई भी ऐसा प्रदेश अध्यक्ष नहीं रहा जिसके नेतृत्व में भाजपा ने चुनाव लड़ा हो और विधानसभा या लोकसभा में सफलता मिली हो।
खास बात है कि सतीश पूनिया का भी राजनीतिक कैरियर एबीवीपी से शुरू हुआ था और जोशी भी एबीवीपी के कार्यकर्ता रहे। बाद में वे युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहे पिछले दो बार से चित्तौड़गढ़ से सांसद है। हालांकि युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर उनकी कोई खास उपलब्धि नहीं रही। यहां तक कि वह अपनी प्रदेश भर में पहचान भी नहीं बना सके और फिर उन्हें प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया गया । लेकिन इस बार विधानसभा चुनाव से पूर्व पार्टी ने सीपी जोशी पर फिर भरोसा जताया है और उन्हें पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त कर बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है ।अब उनके नेतृत्व में राजस्थान में विधानसभा और लोकसभा चुनाव होना बाकी है।
ब्राह्मण महापंचायत का असर
कुछ लोग इसे ब्राह्मण महापंचायत का भी असर बता रहे हैं । ब्राह्मण समाज भाजपा का मूल वोट बैंक है लेकिन पिछले लंबे समय से राजस्थान में ब्राह्मण समाज की उपेक्षा हो रही थी। यहां तक कि नेता प्रतिपक्ष से लेकर प्रदेश अध्यक्ष तक ब्राह्मण समाज को प्रतिनिधित्व नही मिला था। जिससे ब्राह्मण समाज की नाराजगी बार-बार हर मंच से नजर आ रही थी ।जयपुर में हुई ब्राह्मण समाज की महापंचायत में ब्राह्मणों को नेतृत्व देने की मांग उठी थी। माना जा रहा है कि ब्राह्मण महापंचायत के दबाव के बाद ही ब्राह्मण को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। हालांकि भाजपा ने राजस्थान के अलावा यूपी, दिल्ली और उड़ीसा में भी प्रदेश अध्यक्ष बदले हैं।
जाट समाज की नाराजगी
भाजपा में राजस्थान में सबसे बड़ा जाट चेहरा सतीश पूनिया थे और उसके बाद केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ,सुमेधानंद सरस्वती की पहचान जाट चेहरे के तौर पर नहीं बनी । लेकिन सतीश पूनिया को जाट चेहरे के तौर पर माना जा रहा था। जाट समाज में भी स्वीकार कर लिया था। जाट समाज इस बार प्रदेश में होने वाला विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव सतीश पूनिया के नेतृत्व में ही मान रहा था। लेकिन अचानक सतीश पूनिया को हटाए जाने से राजस्थान में भाजपा को जाट समाज की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है। उनको हटाए जाने को लेकर वसुंधरा राजे, डॉक्टर किरोडी लाल मीणा की नाराजगी को भी प्रमुख कारण बताया जा रहा है। लेकिन अब उनके हटाए जाने पर भाजपा से जाट समाज कट सकता है।
जयपुर से दिल्ली तक जश्न
लाइमलाइट से दूर रहने वाले सांसद सीपी जोशी के अध्यक्ष बनाए जाने पर दिल्ली मुख्यालय, भाजपा प्रदेश मुख्यालय और सीपी जोशी के मूल जिले में और उनके गांव में भी जश्न का माहौल रहा। लोगों ने ढोल नगाड़े बजाए, एक दूसरे को बधाइयां दी, पटाखे फोड़े और एक दूसरे को मिठाइयां खिलाई । हालांकि कुछ लोगों ने भाजपा मुख्यालय पर इस नियुक्ति के खिलाफ धरना प्रदर्शन भी किया। लेकिन भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने उन्हें बाहरी कार्यकर्ता करार दिया । उनका कहना था कि पार्टी ने जो भी निर्णय किया वह स्वीकार्य हैं और अब हमारे प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी है जिनके नेतृत्व एवं विधानसभा लोकसभा चुनाव लाइव लड़ेंगे हैं