Home rajasthan अभिषेक सिंह निकाला अभिषेक मेहरात !

अभिषेक सिंह निकाला अभिषेक मेहरात !

0

जयपुर। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों वितरण से पहले बड़े-बड़े दावे करती है और एक उम्मीदवार को टिकट देने से पहले जांच के कई दायरे से गुजरना पड़ता है। लेकिन सबसे ज्यादा अनुशासन वाली पार्टी सबसे ज्यादा सर्वे और उम्मीदवारों की छानबीन करने वाली दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी के नेताओं से एक नहीं कई स्तरों पर गलतियां हुई और कुछ गलती का नतीजा यह निकला अभिषेक सिंह नाम से एक कांग्रेस का कार्यकर्ता भाजपा में मसूद की टिकट ले गया। अभिषेक को टिकट राजपूत समझ कर दिया गया था लेकिन जैसे ही अभिषेक का टिकट डिक्लेअर किया गया तो मसूदा में बवाल मच गया और बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने जोरदार विरोध किया। बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने कहा कि जिस व्यक्ति को बीजेपी का टिकट दिया गया है । वह व्यक्ति कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ चुका है, पंचायत समिति का। उसके बाद उस व्यक्ति ने विधानसभा चुनाव में ब्यावर से शंकर सिंह रावत के खिलाफ चुनाव लड़ा और उसे 2828 वोट मिले । अभिषेक सिंह को रावत समझा जा रहा था, वह राजपूत नहीं अभिषेक मेहरात है लेकिन अभिषेक में मैं केवल अपनी जाति और धर्म छुपाया बल्कि पार्टी के मुख्यालय में अपनी जोरदार पकड़ भी बना ली। मेहरात मुस्लिम समुदाय की एक जाती है जो अजमेर और आसपास के जिलों में पाई जाती है। भाजपा ने राजस्थान में एक भी मुस्लिम को टिकट नहीं दिया ऐसे में राजपूत बहुत सीट से एक मुस्लिम को वह भी एक मामूली से कांग्रेस कार्यकर्ता को टिकट देने से पूरी की भाजपा में फरवरी मच गई संघ परिवार से लेकर भाजपा के नेताओं ने जयपुर से लेकर दिल्ली तक विरोध किया है और जब पूरी जांच पड़ताल की गई तो भाजपा के आला नेताओं को लगाकर कहीं-कहीं बड़ी गलती हुई है । लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिरकार जब भाजपा नेता इस बात का दावा करते हैं कि किसी को भी टिकट देने से पूर्व उसका पूरी जांच पड़ताल की जाती है। टिकट लेने वाला कहां से है, कैसे है ,क्या काम करता है ,उसका बैकग्राउंड क्या है, सीट से सर्टिफिकेट मांग रहा है उसे सीट पर वह फिट बैठता है या नहीं उसका जातिगत बैकग्राउंड धार्मिक बैकग्राउंड क्या है क्या वह सेट योग्यताओं को पूरा करता है जिसके माध्यम से सीट जीती जा सके। तो आखिरकार अभिषेक सिंह को बीजेपी में किस एंगल से टिकट दे दिया ? क्योंकि न तो अभिषेक अभिषेक सिंह ने कोई सामाजिक स्तर पर कोई इतना बड़ा काम किया ,न ही राजनीतिक स्तर पर कोई बहुत बड़ी पहचान बनाई , कोई बड़ी पहचान बनाई हो जिसके चलते बिना जांच पड़ताल के ही टिकट दे दिया हो।

जांच पड़ताल सर्वे रिपोर्ट सब बेमानी पार्टी में दावा किया जाता है की टिकट बंटवारे से पहले किसी भी दावेदार का पहला ब्लॉक स्तर पर मंडल स्तर पर विधानसभा स्तर पर पैसे बिस्तर पर जिला स्तर पर और फिर राज्य स्तर पर जांच पड़ताल की जाती है यही नहीं दुनिया भर के सर्वे रिपोर्टर भी देखी जात यही नहीं बचपन से पहली बार 200 दूसरे प्रदेशों के विधायकों को हर विधानसभा में भेज कर दावेदारों की जांच पड़ताल करवाई थी। प्रदेश के स्तर पर अलग लोगों की टीम बनाकर, प्रभारी बनाकर यह पूरा सूची तैयार की गई थी । सबसे बड़ी बात है कि क्या इनमें से किसी के भी पकड़ में यह नहीं आया ,कि जिस युवक को टिकट देने सिफारिश की जा रही है उसका बैकग्राउंड क्या है वह किस जाति और धर्म से संबंधित है क्या वह चला सकती मांग रहा है वहां पर उसका कास्ट इक्वेशन और दूसरे समीकरण फिट बैठते हैं तब जाकर उसका नाम आगे भेजा जाता है। लेकिन जिस व्यक्ति ने टिकट लिया उसने सब कुछ छुपाया। जहां तक वह कांग्रेस का सदस्य रहा ,कांग्रेस के चुनाव पर चुनाव लड़ा। सचिन पायलट जिसके बड़े-बड़े होल्डिंग पोस्टर लगे हुए थे। उसके बावजूद भी व्यक्ति, जाति, धर्म और अपनी पार्टी छुपा कर भाजपा जैसी पार्टी से विधायक का टिकट ले आया और वह तो शुक्र है कि वहां के लोगों ने इसका विरोध किया और पार्टी को अपना निर्णय बदलना पड़ा। लेकिन इन तमाम बातों से यह साबित हो गया कि जो यह सर्वे ,जांच ,पड़ताल हुई यह सब कुछ दिखावा है । यदि कोई व्यक्ति किसी बड़े नेता का चापलूस है, किसी का चमचा है ,या किसी का गुलाम है ।या फिर पैसे देता है ,या फिर कोई बड़ा नेता हो जो दूसरी पार्टी छोड़कर आता है। उसके लिए इन सब की जांच पड़ताल नहीं होती है । लेकिन यह वाकई में भारतीय जनता पार्टी प्रदेश और चुनाव समिति और प्रभारी और तमाम सर्वे करने वाली संस्थाओं के लिए भी शर्मनाक बात है कि एक मामूली से व्यक्ति ने इन तमाम संस्थाओं को अंधेरे में रखकर विधायक का टिकट ले लिया इसके लिए लोग करोड़ों रुपए खर्च कर देते हैं अपने जूते रगड़ देते हैं और गली-गली के देवर ठोक देते हैं नेताओं के गुलामी करते जिंदगी उम्र बीत जाती है फिर भी टिकट नहीं मिलता लेकिन जब कोई ऊपर का बड़ा आदमी मेहरबान होता है तो इन तमाम चीजों को दर्पण कर दिया जाता है उसे किसी के भी माथे पर तिलक लगा दिया जाता है लेकिन क्या पार्टी इस तरह की गलती करने वाले के खिलाफ किसी तरह का एक्शन करेंगी यह सबसे बड़ा सवाल है ।

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version