जोधपुर 27 अगस्त। राजस्थान पुलिस के हैड-काॅस्टेबल बाबूलाल बैरवा की आत्महत्या को “संस्थानिक-हत्या” मानते हुए दलित शोषण मुक्ति मंच (डीएसएमएम) ने राजस्थान सरकार की कार्यप्रणाली को संवेदनहीन माना हैं और आरोप लगाया हैं कि उच्च स्तर पर आरोपियों को बचाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
मंगलवार को जोधपुर एडीएम के माध्यम से मुख्यमन्त्री को भैजे गये ज्ञापन में माँग की हैं कि मृतक बाबूलाल बैरवा के सुसाइड नोट में दर्ज आरोपियों को अविलंब गिरफ्तार किया जाए, पीङित परिवार को 2 करोङ का मुआवजा दिया जाए, पीङित परिवार के दो सदस्यों को सरकारी नौकरी दी जाए एवं इस प्रकार की घटनाओं की पुनरार्वती रोकने के लिए कङे कदम उठाए जाए।
इस दौरान एडवोकेट किशन मेघवाल, एडवोकेट स्वरूपराम बामणिया, एडवोकेट कैलाश बामणिया,एडवोकेट बी आर परमार, एडवोकेट निर्मल, एडवोकेट खेराजराज बॉस, एडवोकेट विमला मेहरा, भीयाराम मेघवाल, शेराराम मथानिया एवं हरदीप सहित सामाजिक संगठनों के विभिन्न पदाधिकारी मौजूद रहे।