लोक टुडे न्यूज नेटवर्क
आम आदमी पार्टी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल कई सीटे अपने ओवर कॉन्फिडेंस और अहंकार के चलते हार गए । भारतीय जनता पार्टी की रणनीति पहले दिन से ही कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को अलग-अलग चुनाव लड़वाना ही रहा ,क्योंकि भारतीय जनता पार्टी के नेता जानते थे कि दोनों पार्टी अलग-अलग चुनाव लड़ेंगे, तो भारतीय जनता पार्टी की रहा आसान होगी और इसके लिए भारतीय जनता पार्टी के सीनियर नेताओं ने पिछले 2 साल से वहां पर जातीय और क्षेत्रीय आधार पर रणनीति भी तय की थी। चुनाव से पूर्व कांग्रेस पार्टी ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी से समझौता करने और मिलकर चुनाव के लड़ने की बहुत कोशिश की। यहां तक की राहुल गांधी आखिरी समय तक इस बात पर अड़े रहे की दिल्ली में आम आदमी पार्टी से समझौता हो। लेकिन दिल्ली कांग्रेस पार्टी के नेताओं को भी इस बात का वहम था कि वह अपने दम पर चुनाव लड़कर सत्ता वापसी कर सकते हैं । जबकि राहुल गांधी इस बात को बहुत अच्छी तरह जानते थे कि दिल्ली में चुनाव जीतना मुश्किल है। इसलिए राहुल ने चुनाव में प्रचार भी नाम मात्र का किया। लेकिन उन्हें पता था कि दिल्ली में जब तक आम आदमी पार्टी हारेगी नहीं, तब तक कांग्रेस भी वापसी करेगी नहीं ? इसलिए उनका हमला सिर्फ अरविंद केजरीवाल पर रहा क्योंकि अरविंद केजरीवाल के टारगेट पर भी कांग्रेस पार्टी रही । वह हमेशा यह कहते रहे कि कांग्रेस पार्टी भारतीय जनता पार्टी की भी टीम की तरह काम कर रही है। कांग्रेस पार्टी 10 सीट मांग रही थी लेकिन अरविंद केजरीवाल एक भी सीट कांग्रेस पार्टी को देने को तैयार नहीं थे । उन्होंने चुनाव से पूर्व कि उम्मीदवारों की घोषणा कर दी। यह भी कहा की वह कांग्रेस पार्टी या किसी अन्य पार्टी से दिल्ली में कोई समझौता नहीं करेगी ,अपने दम पर चुनाव लड़ेगी। कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता इस बात को जानते थे कि कांग्रेस पार्टी दिल्ली में अपने दम पर चुनाव नहीं लड़ सकती है क्योंकि कांग्रेस का वोट बैंक की आम आदमी पार्टी की तरफ शिफ्ट हुआ था। लेकिन जब कांग्रेस पार्टी को आम आदमी पार्टी ने एक भी सीट देने को तैयार नहीं हुई ,तब कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने इसे अपनी प्रतिष्ठा के साथ जोड़ लिया और यह मान लिया कि जब तक आम आदमी पार्टी हारेगी नहीं तब तक कांग्रेस पार्टी की वापसी भी नहीं होगी । इसी कारण कांग्रेस पार्टी ने अधिकांश सीटों पर अपने दम पर चुनाव लड़ा। हालांकि कांग्रेस पार्टी 00% रह गई। लेकिन कांग्रेस पार्टी के कारण आम आदमी पार्टी को सत्ता से बाहर करने में बड़ी भूमिका निभाई 24 सीटे ऐसी है जो आम आदमी पार्टी सिर्फ कांग्रेस पार्टी की वजह से ही हारी ,जहां पर हर का मार्जिन भी 1000 वोटो से लेकर 8000 वोटो के बीच रहा।
न्यू दिल्ली
दिल्ली विधानसभा की नई दिल्ली सीट पर भारतीय जनता पार्टी के प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 489 वोटो से शिकायत दी या कांग्रेस पार्टी के संदीप दीक्षित 4568 वोट लेने में कामयाब रहे यदि यहां पर भी आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन होता तो केजरीवाल को अपनी सीट नहीं गवानी पड़ती और सत्ता से भी हाथ नहीं धोना पड़ता। केजरीवाल की हार पर कांग्रेस के संदीप दीक्षित ने कह दिया की मेरा हारना तो तय था लेकिन जिन्हें जीतने का घमंड था वह भी चुनाव हार गए और सत्ता से बाहर हो गए। जो अपने आप को अजय मान रहे थे। संदीप दीक्षित को पार्टी और खुद की हार का गम नहीं था बल्कि वह आम आदमी पार्टी की हर पर खुश थे।
जंगपुरा विधानसभा सीट
मनीष सिसोदिया जंगपुरा सीट पर मात्र 675 वोटो से चुनाव हार गए । भारतीय जनता पार्टी के धर्मेंद्र सिंह मारवाह 675 वाटर चुनाव जीते। कांग्रेस पार्टी के फरहाद सूरी यहां पर 7350 वोट देने में सफल रहे। यदि आम आदमी पार्टी की यहां भी कांग्रेस पार्टी से गठबंधन होता तो मनीष सिसोदिया आसानी से चुनाव जीत सकते थे।
बादली सीट का गणित
बादली सीट पर भारतीय जनता पार्टी के दीपक चौधरी चुनाव जीते हैं। दीपक चौधरी 15163 वोटो से चुनाव जीते हैं। यहां आम आदमी पार्टी के राजेश यादव चुनाव हारे 15163 वोट से । इस सीट पर कांग्रेस के देवेंद्र यादव भी चुनाव लड़े। देवेंद्र यादव 41071 वोट ले जाने में कामयाब हो गए। यानी कि यदि आम आदमी पार्टी -कांग्रेस यहां मिलकर चुनाव लड़ती तो यह सीट पर आम आदमी पार्टी भारी बहुमत से जी सकती थी क्योंकि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी दोनों के वोटो को जोड़ा जाए तो भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार से कहीं ज्यादा रहे है।
छत्तरपुर सीट
भारतीय जनता पार्टी की करतार सिंह तोमर ने यह सीट मात्र 6239 वोटो के मार्ग से जीती है। यहां पर आम आदमी पार्टी के ब्रह्म सिंह तंवर 6239 से वोटो से हराया, वहीं कांग्रेस के राजेंद्र सिंह तोमर इस सीट पर 6601 वोट ले गए। यदि यहां आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच में समझौता होता तो यहां पर भी भारतीय जनता पार्टी को हार का सामना करना पड़ता।
ग्रेटर कैलाश
ग्रेटर कैलाश भारतीय जनता पार्टी की शिखा राय 3188 वोटो से चुनाव जीती है। यहां आम आदमी पार्टी के सौरभ भारद्वाज को 3186 वोटो से पराजित किया ,कांग्रेस पार्टी की गर्वित सिंघवी या 6711 वोट लेने में कामयाब रहे। अभी पार्टी यहां पर कांग्रेस से समझौता करती यह सीट भी जीत सकती थी।
हरी नगर
हरी नगर सीट पर श्याम शर्मा 6632 वोटो से चुनाव जीते हैं । उन्होंने आम आदमी पार्टी के सुरेंद्र कुमार सेठिया को 6632 वोटो से रिक्वेस्ट दिए यहां कांग्रेस की प्रेम बल्लभ 4252 और निर्दलीय राजकुमारी द 3398 वोट ले जाने में कामयाब रही। यदि यह दोनों वोट जोड़ दी जाती है तो यहां पर भारतीय जनता पार्टी की परेशानी बढ़ सकती थी।
कालकाजी
कालकाजी सीट पर दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी चुनाव हार सकती थी जहां उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के रमेश बिधूड़ी को मात्र 3521 वोटो से चुनाव हराया कांग्रेस की अलका लांबा 4392 वोट लेने में सफल रही। गठबंधन होता तो आम आदमी पार्टी का वोट प्रतिशत और बढ़ सकता था।
कस्तूरबा नगर
कस्तूरबा नगर सीट पर भारतीय जनता पार्टी के नीरज बसुरिया 11048 वाटर चुनाव जीते या उन्होंने कांग्रेस के अभिषेक डेट को शिकस्त दी वहीं आम आदमी पार्टी के रमेश पहलवान 18617 वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहे यदि आप कांग्रेस और बीजेपी के बीच गठबंधन होता तो यह सीट भी गठबंधन जीत सकता था।
मादीपुर
मादीपुर विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी के कैलाश गंगवाल ने 10899 वोटो से आम आदमी पार्टी की राखी बिड़ला को पराजित किया वहीं कांग्रेस पार्टी के जेपी पावर यहां पर 17958 वोट लेने में कामयाब रहे यदि यह 17958 वोट राखी बिड़ला को मिलते तो यहां पर जनता पार्टी को करारी शिकायत मिलती।
मालवीय नगर
मालवीय नगर पार्टी के सतीश उपाध्याय ने आम आदमी पार्टी के सोमनाथ भारती को 2131 वर्णों से पराजित किया यहां कांग्रेस पार्टी के जितेंद्र कुमार कोचर 6770 वोट लेने में कामयाब रहे यदि जहां भी कांग्रेस पार्टी और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन होता तो मालवीय नगर सीट का परिणाम भी कुछ अलग ही रह सकता था।
महरौली
दिल्ली विधानसभा की महरौली सीट पर भारतीय जनता पार्टी के गजेंद्र सिंह यादव 1782 वोट से चुनाव जीते उन्होंने आम आदमी पार्टी के महेंद्र चौधरी को शिकस्त दी जहां कांग्रेस की पुष्पा सिंह 9338 और निर्दलीय बाल योगी बाबा बालक नाथ 9731 वोट लेने में सफल रहे यदि इन तीनों वोटो को जोड़ दिया जाए तो यहां आम आदमी पार्टी का उम्मीदवार भारतीय जनता पार्टी से बड़े मार्जिन से जीत सकता था।
मुंडका
दिल्ली विधानसभा की मुंडका सीट पर भारतीय जनता पार्टी के गजेंद्र ड्रेस 10550 वोटो से आम आदमी पार्टी के जसप्रीत सिंह कार्ला को पराजित किया यहां कांग्रेस पार्टी के धर्मपाल लकड़ा 109290 वोट लेने में कामयाब रहे वहीं निर्दलीय उम्मीदवार रणबीर शौकीन 8655 वोट लिए यहां भी यदि आम आदमी पार्टी का गठबंधन होता तो भारतीय जनता पार्टी को करारी शिकायत का सामना करना पड़ेगा
मुस्तफाबाद
दिल्ली विधानसभा की मुस्तफाबाद जनता पार्टी के मोहन सिंह बिष्ट ने आम आदमी पार्टी के आदिल अहमद खान को 17578 वोटो से शिखर दी है यहां कांग्रेस पार्टी के मोहम्मद ताहिर हुसैन 33474 वोट देने में कामयाब रहे यदि आम आदमी पार्टी का यहां भी गठबंधन होता तो दोनों में से किसी भी पार्टी की सेट आसानी से निकाल सकती थी।
नांगलोई जाट
दिल्ली विधानसभा की सबसे चर्चित सेट नांगलोई जाट पर भारतीय जनता पार्टी के मनोज कुमार शौकीन ने आम आदमी पार्टी की राघवेंद्र शौकीन को 26251 वोटो से पराजित किया वहीं कांग्रेस के रोहित चौधरी यहां पर ₹32028 वोट लेने में कामयाब रहे यदि यहां भी दोनों पार्टी के बीच में गठबंधन होता तो यह सीट भाजपा के लिए निकलना मुश्किल हो सकता था।
राजेंद्र नगर
दिल्ली की राजेंद्र नगर सीट पर भारतीय जनता पार्टी के उमंग बजाज ने आम आदमी पार्टी के दुर्गेश पाठक को 1231 वोटो से कर दिए वहीं कांग्रेस पार्टी के विनीत यादव यहां पर 4015 वोट लेने में कामयाब रहे यदि कांग्रेस और आपके बीच में समझोता होता तो यहां का भी दृश्य बदल सकता था
संगम विहार
दिल्ली की संगम विहार विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी के चंदन कुमार चौधरी ने आम आदमी पार्टी के दिनेश मोहनिया को 344 वोटो से शिकायत दी है या कांग्रेस पार्टी के हरीश चौधरी 15863 वोट लेने में कामयाब रहे। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन होता तस्वीर दूसरी होती।
तिमारपुर
दिल्ली विधानसभा की तिमारपुर सहित पर भारतीय जनता पार्टी के सूर्य प्रकाश खत्री ने आम आदमी पार्टी के सुरेंद्र पाल सिंह बिट्टू को 1168 वोटो से शिकायत दी वहीं इस सीट पर कांग्रेस पार्टी के लोकेंद्र कल्याण सिंह 8361 वोट लेने में कामयाब रहे यहां भी यदि दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन होता तो नतीजा कुछ और हो सकता था
त्रिलोकपुरी
दिल्ली विधानसभा की त्रिलोकपुरी सीट पर भारतीय जनता पार्टी के रविकांत ने आम आदमी पार्टी की अंजना पर्चा को 392 वोटो से हराया इस सीट पर कांग्रेस पार्टी के अमरदीप 6147 वोट लेने में कामयाब रहे वही दो नदियों के वोट भी लगभग 3:30 हजार पहुंच रहे हैं जिनमें बहुजन समाज पार्टी और आजाद समाज पार्टी दोनों भी शामिल है यदि यहां भी गठबंधन होता तो नतीजा कुछ और ही होता।