ईडी की कार्रवाई से कांग्रेस नेताओं की नींद
जयपुर। राजस्थान में विधानसभा चुनावों से ठीक पहले कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, महुवा से कांग्रेस प्रत्याशी ओम प्रकाश हुडला पर ईडी की आवास और व्यवसायिक ठिकानों पर एक साथ छापेमारी ने प्रदेश में एक नया मुद्दा छेड़ दिया। जहां बीजेपी मानकर चल रही है कि उसे चुनावों में इसका बेजा फायदा मिलने वाला है। प्रदेश के सब बेरोजगार लोग उनके साथ आ जाएंगे वहीं चाय की थड़ी से लेकर चौपाल तक इस बात की चर्चा है कि क्या वाकई में केंद्र सरकार ईडी का दुरुपयोग कर रही है। लोगों का तो यहां तक कहना है कि ईडी की चुनावों से पूर्व सिर्फ विपक्षी नेताओं पर कार्रवाई से साफ हो गया कि केंद्र सरकार ईडी का दुरुपयोग करती है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी ईडी की कार्रवाई का विरोध करते हुए कहा कि ईडी और सीबीआई , आयकर विभाग का दुरुपयोग किया जा रहा है। इनके आतंक से पूरे देश के विपक्षी नेता आतंकित है। परेशान है। बीजेपी नेताओं के इशारे पर जिस भी प्रदेश में चुनाव होते है ईडी और आयकर विभाग रेड की कार्रवाई करती है। जिससे नेताओं में घबराहट पैदा हो जाती है।
इससे पूर्व ईडी अब तक मंत्री राजेंद्र यादव के ठिकानों पर तीन बार रेड मार चुकी है लेकिन तीनों बार खाली हाथ लौट चुकी है। मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और उनके पिता पर भी ईडी कार्रवाई कर चुकी है। लेकिन यहां भी खाली हाथ ही लौटना पड़ा था। हाल ही में डॅा. किरोड़ी लाल मीणा ने पूरे दिन हंगामा किया। गणपति प्लाजा के लॅाकर्स में 500 किलो सोना छिपा होने का आरोप लगाया। लेकिन तीन दिन तक चली कार्रवाई के बाद ईडी और आयकर विभाग दोनों खाली हाथ लौट गए। लेकिन इन तीन दिनों तक सारे नेशनल चैनल, सभी रीजनल चैनलों और समाचार पत्र- पत्रिकाओं और सोशल मीडिया पर कांग्रेस और कांग्रेस सरकार के मंत्रियों की बारात निकल गई। सबने कई , कई घंटों की डिबेट तक कर ली। लेकिन निकला कुछ नहीं। जाहिर सी बात है कि इस तरह से सिर्फ कांग्रेस सरकार की बदनामी ही हुई। अब आज पीसीसी चीफ गोविंद डोटासरा के जयपुर और सीकर के घर और व्यवसायिक कार्यालयों पर ईडी की कई टीमों ने एक साथ सर्च अभियान चलाया। एक साथ रेड मारी और रेड मारने के बाद टीमें वापस लौट भी गई। लेकिन इससे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा की छवि प्रदेश की जनता में जरुर खराब हुई। लेकिन इसका सबसे ज्यादा फायदा कांग्रेस पार्टी को चुनावों में भी मिलेगा कि केंद्र सरकार कहीं न कहीं केंद्रीय संस्थाओं का दुरुपयोग कर रही है। विपक्ष के नेताओं को डराने, धमकाने के लिए कर रही है। क्योंकि पिछले नौ साल में ईडी ने एक बार भी किसी भी बीजेपी नेता या सरकार के समर्थक दल के नेता पर कार्रवाई नहीं की। इसलिए कांग्रेस पार्टी को जैसे- जैसे ईडी कार्रवाई करेगी राजस्थान में सहानुभूति मिलेगी। इसका लाभ चुनावों में मिलना तय है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तो पहले दिन से इस बात को बोल ही रहे हैं कि जहां- जहां भी
चुनाव होते हैं केंद्र सरकार ईडी , सीबीआई और आयकर विभाग का दुरुपयोग करती है। विपक्ष के नेताओं को डराने का काम कर रही है। इससे विपक्ष के नेता भयभीत है। भला चुनाव फेयर लड़े जनता जिसको चाहे सत्ता दे देगी आप सत्ता में आने के लिए विरोधियो ंको कुचलने का काम करेंगे तो फिर देश में न संविधान बचेगा और न ही लोकतंत्र। इसलिए देश का एक बड़ा तबका केंद्र सरकार की इन हरकतों को देख रहा है और समय आने पर जैसे कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश , पंजाब में जवाब दिया है। राजस्थान और दूसरे प्रदेशों में भी देगा। क्योंकि जनता ने स्वर्गीय इंदिरा गांधी को 1970 के दशक में उनके आतंक से परेशान होकर सत्ता से बाहर कर दिया था। आज भी हालात इमरजेंसी से ज्यादा बदतर हो गए है। लोग केंद्र सरकार की तुलना हिटलरशाही से करने लग गए। ऐसे में राजस्थान में जरुर ईडी की कार्रवाई से सबक लेते हुए सही समय पर सही निर्णय करेंगे।