लोक टुडे बुलेटिन विशेष पार्ट 1
सीएमएचओ, पेरेन्टल हॉस्पिटल एवं विमदिंत आश्रम के कुटरचित दस्तावेजों पर टिकी संबद्वता की नींव
जालसाजी- मान्यता के लिए सीएमएचओ के फर्जी दस्तावेज लगाए,
मात्र 20 बेड के हॉस्पिटल का 120 बेड होने का दिया नॉन ज्यूडिशियल स्टाम्प पर शपथ पत्र
सुमित कुमावत
जयपुर-आरयूएचएस व नर्सिंग कौंसिल के अधिकारियों का घूस बटोरने का तरीका देखिए गलती भी खुद कराते और मिलीभगत भी खुद ही कराते। आरयूएचएस व नर्सिंग कौंसिल में एक कॉलेज को संबद्वता देने का मामला चर्चा में है। दोनों ही जगह के रिकार्ड में उदयपुर के श्रीबालाजी कॉलेज ऑफ नर्सिंग के संचालको द्वारा सरकारी विभाग सीएमएचओं सहित विमंदित आश्रम के कुटरचित दस्तोवजलगाकर मान्यता व संबद्वता लेकर कॉलेज संचालित किया जा रहा है। इस खुलासे को लेकर दोनो ही जगह पर हडकंच मचा हुआ है। साथ ही दोनों ही जगह पर बराबर निरीक्षण अधिकारियों की मिलीभगत भी जगजाहिर हो गई है। जबकि नर्सिंग कौंसिल के पिछले चार रजिस्ट्रारों एवं दो साल से आरयूएचएस द्वारा दिखावें के नाम पर कुछ कमीपुर्ति के पत्र दिए जाते रहें हैउन पत्रों पर ना तो कोई ठोस जांच हो पाती है और ना ही स्कूटनी कमेटी निर्णय ले पाती है अगर निर्णय होता भी है तो नर्सिंेग कौंसिल का रजिस्टाªर और आरयूएचएस का शेक्षणिक विभाग केवल लेनदेन का गंठजोड बैठा कर संबद्वता की संजीवनी देकर इतिश्री कर रहा है।
ऐसा ही मामला उदयपुुर स्थित श्रीबालाजी नर्सिंग कॉलेजका बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। नर्सिंग कॉलेज की संबद्वता लेने के लिए संचालक द्वारा हर उस निर्धारित मापदण्ड़ के फर्जी दस्तावेज लगाए गए जिस पर नर्सिंग संस्थान की मान्यता व संबद्वता टिकी हुई है।सबसे पहले संचालक ने सेन्ट टैरेसा हॉस्पिटल केे महज 20 बेड के हॉस्पिटल को अपना पेरेन्टल बताया उसमें भी नॉन ज्यूडिशियल स्टाम्प पर 120 बेड होन का शपथ पत्र दिलवा दिया। जबकि सूचना के अधिकार से प्राप्त पॉल्यूशन कर्टोंल बोर्डसे लेटर भी इस बात के गवाह है कि सेन्ट टैरेसा हॉस्पिटल के संचालकों को कभी भी 120 बेड पर मरीजों को ईलाज करने की परमिशन नहीं दी गई।
बेधड़क चल रहे फजीवाडे़ के इस खेल में संचालको ने राज्य सरकार के सीएमएचओ कार्यालय को भी नहीं बख्शा गया जब इस पूरे प्रकरण में वर्तमान सीएमएचओ दिनेश खराडी से टीम मिली तो चौकते हुए सीएमएचओ उदयपुर ने बताया कि उनको इस पद पर ज्वाइन करने मात्र 5 महिने के बाद की धटना है और संचालको ने उनके इस पद पर रहते हुए ही विभाग के कुटरचित व फर्जी लेटर बनाकर संबधित विभागों को थमा दिए। जिसकी जानकारी टीम ने सूचना के अधिकार से भी प्राप्त कर ली है। इतना ही नहीं संचालको ने वर्ष 2018 में सीएमएचओ कार्यालय के दो फर्जी लेटर लगाकर 40 छात्रों के1500 रूपए के प्रति छात्र क्लिनिकल के जमा होने वाली रकमएमआरएस मद में भी जमा नहीं करवाई गई वहीं कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों को क्लिनिकल ट्रंेनिग से वंचित रखा गया। ट्रंेनिग के नाम पर खानापुर्ति कर डिग्रीयां बांटने का का काम किया गया।
जबकि फर्जीवाडे़ का मामला यही नहीं ठहरता है टीम ने जैसे से इस कॉलेज की जांच को गति दी तो फर्जीवाडे की कलई भी खुलती चली गई और जब आज पहले तो वर्जन के लिए सेन्ट टैरेसा की संचालिका सिस्टर लूसिट से इस प्रकारण को लेकर बात की गई तो उसने भी स्वीकार कर लिया कि उनका हॉस्पिटल वर्तमान में 30 बेड से ज्यादा का नहीं है। इसके तुरंत बाद सिस्टर लिस्टि ओर कॉलेज प्रिसिपल अनिल कुमार चौबरीसा एक दूसरे से बात कर मामले को दबाने की रूपरेखा बनाते है। प्रिसिंपल अनिल चौबीसा संवाददाता को फोन कर हॉस्पिटल में बात करने की जगह संचालकों से बात करने की सलाह देता है और प्रलोेभन देता है कि मामले को दबाने के लिए क्या करें लेकिन संवाददाता ने प्रिसिंपल होने के नाते कि क्या आप इस पुरे फर्जीवाडे़ को क्या स्वीकार करते हो तो स्वीकार करने से मना कर दिया गया। आईएनसी के नियमानुसार यह शर्त अनिवार्य कॉलेज के लिए संस्था के पास 100 बेड का हॉस्पिटल पेरेन्टल होना अनिवार्य है साथ ही जिस संस्था द्वारा कॉलेज संचालित है उसके संसथा के नाम भूमि भवन होना आवश्यक है।
आखिरकार सरकार गंभीर क्यों नहीं
नर्सिंग कौंसिल एवं आरयूएचएस में नर्सिंग संस्थानों को संबद्वता देने पर घोर लापरवाही बरती जा रही है। कई संचालकों ने कुटरचित व फर्जी दस्तावेज लगाकर छात्रों कोलुटने व शोषण करने का खुलेआम लांइसेंस ले रखा है। आखिरकार राज्य सरकार और चिकित्सा विभाग गंभीर क्यो नहीं है। जबकि ऐसी कई शिकायतें विभागो में दर्ज है जिन पर सीधें ही संचालको के खिलाफ मुकदमा दर्ज होना था। ऐसे में यह कहना भी गलत नहीं होगा कि कौंसिल व अन्य विभागो में बैठे गुर्गो के सहारे केवल चांदी कुटने का काम कर उच्च अधिकारियों को गुमराह किया जा रहा है।आपको बता दे कि इस बाालाजी नर्सिंग के पूरे प्रकरण को लेकर मुख्यंमत्री कार्यालय में भी शिकायत हुई है जिसकी जांच जल्द शुरू होने वाली है सूचना के अधिकार के तहत दस्तावेज लेने वाले विकास जोशी से बात हुई उहोने बताया कि अगर समय रहते सरकार व विभाग दोषियों के खिलाफ कारवाई नहंी करता है तो न्यायालय की शरण जाकर ऐसे लोगों के खिलाफ कारवाई करने की गुहार लगाई जाएगी।
कहां और कैसे की मनमानी?
ऽ 2018 में सीएमएचओ के कुटरचित व फर्जी लेटर बनाए और संबधित विभाग आरएनसी व आरयूएचएस में जमा करवाए
ऽ सीएमएचओ लेटर के आधार पर एमआएस मद में ट्रेंनिग के पैंसे जमा होने थे वो नहीं करवाए जिससे छात्रों किल्निकल करने का मौका नहीं मिला
ऽ सेन्ट टैरेसा की संचालिका को लालच देकर 120 बेड का लिखवाए गए
ऽ विजन इनविरो जो कि पॉल्यूशन बोर्ड से बायोमडिकल वेस्ट के लिए अधिकृत है उसने भी 120 बेड बताया
ऽ श्रीबालाजी हॉस्पिटल को बंद हुए काफी समय हो गया जिस जगह पहले चल रहा था उस जगह अब दूसरा संस्थान है। जबकि संचालको ने शपथ पत्र में हेमलता मिश्रा व लेटर हेड पर उमेश कुमार के साईन करके दिए
ऽ संजीवनी व बालाजी में फर्जीवाडे़ का गंठजोड़, वर्तमान में दोनों न एक दूसरे कि जगह पर कॉलेज बिल्डिंग की अदला बदली की गई है।
ऽ आशाधाम आश्रम कि फर्जी रशीद से लेकर कुटरचित शपथ पत्र तक दिए
ऽ वाईस प्रिसिंपल सिमी को 2019 में फ्रेशर व चार साल अनुभव बताया जो कि निर्धारित वाईस प्रिसिंपल के नियमों के मापदण्डानुसार नहीं है।
सेंट टैरेसा की संचालिका की संवाददाता से बातचीत के अंश
सेन्ट टैरेसा की संचालिका सिस्टर लिस्टि से बातचीत के अंश
संवाददाता- ये अपना हॉस्पिटल कितने बेड का है
सिस्टर लिस्टि – 30 बेड से ज्यादा नहीं है
संवाददाता- आप ने किसी नर्सिंग कॉलेज बालाजी को लिख दे रखा है क्या।
सिस्टर लिस्टि – हां,हां
संवाददाता- कितने बेड का लिख दे रखा है।
सिस्टर लिस्टि – वो तो देखो 50 और 100 चल रहा था हमारा …….इसके बाद मरीज नहीं आ रहें कोरानो के बाद नहीं चल रहा है……
संवाददाता- इतने बेड की परमिशन नहीं थी।
सिस्टर लिस्टि – नहीं सुनो देखों बात ऐसा था शुरू में चलता था…….
संवाददाता- सिस्टर सारी बात सही है आपकी पॉल्यूशन कर्टोल बोर्ड जो हेना …
सिस्टर लिस्टि -हां
संवाददाता-उन्होने जो लेटर जारी किया है आपको परमिशन दी मरीजो पर वो 20 बेड पर ही दी है।
सिस्टर लिस्टि -हां हां वो निकाल दिया हमने
संवाददाता- 2017 से लेकर 2023 तक आपको बोर्ड द्वारा 20 बेड की ही परमिशन दी गई है।
सिस्टर लिस्टि-अच्छा
संवाददाता- और आपने 120 बेड होने का एफिडेविट दे रखा है।
सिस्टर लिस्टि-नहीं 120 नहीं, 100 ही था दो साल से बंद हो गया हमारा
संवाददाता-सिस्टर आप बात नहीं समझ रहे है।
सिस्टर लिस्टि- समझ गया, आप जो बाल रहें हो सही बोल रहें हो।
संवाददाता- आपकी बात को सही माने या बोर्ड की बात को
सिस्टर लिस्टि- आप मेरी बात को सही मानो, पॉल्यूशन की बात को नहीं, में इस साल डायरेक्टर को बोल रखा है इसका रिन्यूअल का समय आ रहा है
संवाददाता-कौन है आपके डायरेक्टर
सिस्टर लिस्टि-डायरेक्टर नहीं, जो हमारे बोर्ड का करके देता है उसको बोला है
संवाददाता-पिछले चार से पांच साल से लेकर नॉन ज्यूडिशियल स्टाम्प पेपर पर लिख दे रहे कि मेरा हॉस्पिटल 120 बेड का है।
सिस्टर लिस्टि- सॉरी सर, अगले साल ले लूगी में……….
संवाददाता- आपके पास 20 बेड का है तो 120 बेड कैसे लिख कर दे दिया
सिस्टर लिस्टि- अरे उन्होने मुझे बोला कि 120 बेड का चाहिए…..
संवाददाता- किसने बोला था उस समय आपको
सिस्टर लिस्टि-बालाजी वाले ने बोला
संवाददाता- कौन आया थे
सिस्टर लिस्टि- चेतन सर, मुझे याद नहीं है… सर मे आपको बाद में बात करूगी
सिस्टर से बात करने के तुंरत बाद प्रिसिंपल अनिल चौबीसा ने फोन किया उस बातचीत के अंश
प्रिंसिपल-हेलो
संवाददाता- हेलो
प्रिंसिपल- हां जी सर सुमित जी बोल रहे है
संवाददाता- बोल रहा हूं सर
प्रिंसिपल- हां बालाजी नर्सिंग कॉलेज से बोल रहा था
संवाददाता-बोलिए सर
प्रिंसिपल-हॉस्पिटल के बारे में सिस्टर को फोन किया आपने
संवाददाता-बिल्कुल सर
प्रिंसिपल- हमारी कॉलेज के खिलाफ आप क्या रिजन है आपका कर रहे है
संवाददाता-आपसे कोई निजी दुश्मनी है
प्रिंसिपल- वो नहीं सर पुछ रहा हूं
संवाददाता-पूरा फर्जीवाड़ा है आपके कॉलेज में क्या नहीं है फर्जीवाड़ा
प्रिंसिपल- वो तो आप डायरेक्टर साहब से बात कर लिजिए
संवाददाता-नहीं, आपने फोन किया है सरकार मेरे को
प्रिंसिपल- नौकरी करता हू, प्रिसिंपल था, प्रिसिंपल हू
संवाददाता- नौकरी बचाने की करते हो या शिक्षा देने की करते हो
प्रिंसिपल-कैसे, समझा नहीं
संवाददाता-नौकरी फिर फर्जी दस्तावेज लगाने की करते हो या मालिको को बचाने की करते हो
प्रिंसिपल-हम तो ना किसी को बचा रहें है और ना ही कर रहें हैं रही बात तो मालिक से बात कर लिजिए
संवाददाता- मैं क्यो कर लू बात मालिको से ….मुझे वैरीफिकेशन करना है मार्केट से में वो कर रहा हू
प्रिंसिपल- जी सर
संवाददाता-आपने सेन्ट टैरेसा को 120 बेड बताया जबकि सिस्टर कह रही है हमारा तो 26 बेड है ज्यादा से ल्यादा 30 बेड मान लो दूसरी आपे सीएमएचओ के लेटर फर्जी लगा रखे है
प्रिंसिपल-सीएमएचओ के नहीं है।
संवाददाता-मैं वेरीफाई कर चुका हूं तब बोल रहा हू सारी बात आपसे मेरे पास एविडेनश है।
प्रिंसिपल-जी
संवाददाता-सीएमएचओ साहब से वेरीफाई करवा रखे है जो जमा करवाए है आपने सरकार में।
प्रिंसिपल-हम्म
संवाददाता- और नहीं है तो पत्र क्रमांक नम्बर बता देता हूं जाकर करके सीएमएचओ से पूछलो टोटल फर्जीवाड़ा है
प्रिंसिपल-जी… अब सर क्या करना है
संवाददाता-मैं समझा नहीं आपकी बात को,आप स्वीकार कर रहे हो क्या?
प्रिंसिपल-में कुछ भी स्वीकार नहीं कर रहा हूं कुछ भी है… इसका कोई उपाय तो होगा ना सर
संवाददाता-पहले आप मेरे सवाल का जवाब दो आप स्वीकार कर रहे हो क्या फर्जीवाड़ा हुआ है?
प्रिंसिपल- हमने तो नहीं कर रहें है
संवाददाता-तो सीएमएचओ झूठा है लेटर जारी नहीं हुआ बावक जावक रजिस्टर जो बता रहा है कि उस दिन आपको किसी प्रकार को कोई लेटर आपको बालाजी को जारी नहीं हुआ सीएमएचओ झूठा ,है और आप सच्चे हो।
प्रिंसिपल-सच व झूठ जो भी है आपके पास कागज आपके पास हे ही
संवाददाता-आपकी वाईस प्रिसिपल सुमी पीलीपोस कहां है
प्रिंसिपल-छुटटी पर गई है
संवाददाता-परमामेन्ट छुटटी पर या केवल कागज लगा रखे है
प्रिंसिपल-नहीं, छुटटी पर है।
संवाददाता-नम्बर दे दो एक बार इनका
प्रिंसिपल-अभी तो में बाहर था डायरेक्टर साहब से बात कर लो आपका नम्बर उनको दे दिया है। ठीक है
संवाददाता-वाईस प्रिसिंपल से बात करने में क्या दिक्कत है नम्बर वाटसअप कर दिजिए
प्रिंसिपल-हंा हंा सर कह कर फोन कांट दिया।
●वर्जन- अब क्या करना है सर, मालिको को आपके नम्बर दे दिए है
●वर्जन- 30 बेड से ज्यादा नहीं है पॉल्यूशन कर्टोल बोर्ड की बात मत मानो ंमेरी बात मानों, सॉरी सर… सिस्टर लिस्टि
●गंभीर मामला बताया है लिखित में अगर कोई शिकायत मिलती है तो जल्द ही शिकायत की जांच करवा कर कारवाई करूगा मनोज शर्मा, रजिस्ट्रार, आरयूएचएस
●अगर ऐसा कोई फर्जीवाड़ा किया ह किया है तो उसको दिखवा लेता हूं संस्था को नोटिस भेजकर स्पष्टीकरण मांग लेगें। – शशिकांत शर्मा, रजिस्ट्रार नर्सिंग कौंसिल