लोक टुडे न्यूज नेटवर्क
जयपुर।( शिव शंकर छिपा) आज बच्चों की शारीरिक और मानसिक स्थिति को लेकर माता पिता बहुत ही चिन्तित रहते हैं। पढ़ाई और खेल दोनों ही बच्चों के लिए जरूरी है । इसलिए बच्चों को खेलों में जरूर भागीदारी निभानी चाहिए।सीनियर बैडमिंटन कोच प्रशान्त और राजीव ने बताया कि जीवन में सफलता की ऊंचाई वही बच्चा माप सकता है,जो अपने जीवन में संघर्ष की गहराई देखते है। कैप एकेडमी डायरेक्टर नरेश पूनिया ने कहा कि नौकरी मिले या नहीं मिले,परन्तु खेलने से बच्चों की विल पावर मजबूत होती है।जो उन्हें जीवन में डिप्रेशन और सुसाइड जैसे गलत कदम से दूर रखती है।खेल हार और जीत दोनों परिस्थितियों में जीने की कला सिखाता है।