जयपुर। राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे ने कहा कि जिस राज्य में संतों के निस्वार्थ समाज को आंदोलन करना पड़े, अपनी मांगों को लेकर अपनी बलि देनी पड़े । उस राज्य में इससे बड़ी अराजकता कोई और नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि घटना के बाद ही मुख्यमंत्री असहाय है खुद स्वीकार कर रहे हैं कि प्रदेश में अवैध खनन नहीं रुक रहा। उनके बयान से स्पष्ट हो जाता है कि संत की मौत का जिम्मेदार कोई और नहीं वह राज्य सरकारी है। राजे ने कहा कि वे संत विजय बाबा के निधन पर आहत हैं, ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें । राजे ने मीडिया से बातचीत में कहा कि राज्य सरकार संतों की आवाज को सुनती , ओर 551 दिन का समय नहीं लगाती और समय रहते ब्रज क्षेत्र में अवैध खनन को रोकते तो आज विजय दास जीवित होते। उन्होंने कहा कि संत समाज की मांग पर 27 जनवरी 2005 को क्षेत्र में अवैध खनन पर हमारी सरकार ने रोक लगाई थी। लेकिन सरकार में आस्था से जुड़े क्षेत्र में फिर से अवैध खनन शुरू हो गया । इस पूरे मामले की जांच हो, क्योंकि यदि अधिकारियों से जुड़े राजनीतिज्ञ संतो की बात सुन लेते तो एक संत की जान नहीं जाती।