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पंचायती राज और नगरीय विकास में नागरिकों की उपेक्षा करने वाले अधिकारियों पर सूचना आयुक्त ने लगाया जूर्माना

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जयपुर। राज्य सूचना आयोग ने नगरीय विकास और पंचायती राज संस्थाओ में नागरिको के आवेदनों के प्रति उपेक्षा भाव रखने वाले अधिकारियो पर सख़्ती दिखाई है। आयोग ने सूचना देने में कोताही बरतने पर  भीलवाड़ा में आसींद नगर पालिका के अधिशाषी अधिकारी पर पांच हजार रूपये का जुर्माना लगाया है।  आयोग ने यह कार्यवाही तब की जब   आसींद के शहीद मोहम्मद शेख  शिकायत की कि उन्हें दो साल से नगरीय संस्था सूचना मुहैया नहीं करवा रही है। शेख ने अपने कस्बे के वार्ड में सड़क निर्माण से जुडी सूचना मांगी थी। पर पालिका ने उनके आवेदन को अनसुना कर दिया। आयोग ने अधिकारी  को नोटिस भेज कर सफाई मांगी। पर अधिकारी ने कोई जवाब नहीं दिया। इस पर सूचना आयुक्त नारायण बारेठ ने नाराजगी जाहिर की और अधिकारी पर पांच हजार रूपये का जुर्माना लगाने का आदेश  दिया। आयोग ने झालावाड़ में इकलेरा के विकास अधिकार पर पांच हजार रूपये जुर्माना लगाने का निर्देश दिया है। इसी तरह से सूचना आयुक्त बारेठ ने झालावाड़ में उप पंजीयक पर भी पांच हजार रूपये की शास्ति आरोपित की है। ये जुर्माना राशि अधिकारियो के वेतन से काटी जाएगी।           राज्य सूचना आयोग ने बूंदी जिले में हिंगोनिया के ग्राम विकास अधिकारी पर दो हजार रूपये का जुर्माना लगाया है। आयोग ने यह आदेश तब दिया जब एक स्थानीय व्यक्ति ने सरपंच के वेतन भतो की जानकारी मांगी और  ग्राम विकास अधिकारी ने इसे अनसुना कर दिया। इस मामले की  सुनवाई करते हुए सूचना आयुक्त बारेठ ने कहा कि सूचना के अधिकार का कानून बनने के बाद लोगो में अपने अपने क्षेत्र में सूचना हासिल करने की ललक पैदा हुई है। आयोग ने कहा नागरिको के इस रुझान की उपेक्षा करना  इस कानून का निरादर होगा। 

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