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क्या चिंतन शिविर से मिटेगी कांग्रेस की चिंता ?

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जयपुर। कांग्रेस के चिंतिन शिविर से क्या कांग्रेस की चिंता मिटेगी। ये चिंता केवल कांग्रेस पार्टी की ही नहीं है पूरे देश की है क्योंकि यदि देश में मजबूत विपक्ष नहीं रहेगा तो लोकतंत्र नहीं रहेगा। एक तरफ भाजपा है जो देश को कांग्रेस मुक्त करना चाहती है वहीं दूसरी और बीजेपी के राष्ट्रीय नेता और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी है जो चाहते है कि देश में कांग्रेस एक मजबूत विपक्ष के तौर खड़ी रहनी चाहिए। यानि की बीजेपी के नेता भी नहीं चाहते कि कांग्रेस पूरी तरह से साफ हो। तीन दिन तक चले कांग्रेस के चिंतन शिविर ने साफ कर दिया कि कांग्रेस फिर से सत्ता में आने का ख्वाब देख रही है। सोनिया गांधी ने कहा हम फिर से सत्ता मे वापसी करेंगे। इसके लिए पार्टी को नए सिरे से खड़ा करने का काम किया जाएगा। अक्टूबर माह से पूरे देश में कांग्रेस यात्राएं निकालेंगी। कांग्रेस के मूल वोट बैंक जिनमें एससी, एसटी, ओबीसी, अल्पसंख्यक वर्गों को 50 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा। सत्ता और संगठन में भागीदारी दी जाएगी। युवाओंं और महिलाओं को भागीदारी दी जाएगी। जिससे कांग्रेस पार्टी जवानों की पार्टी बन सके। सीनियर नेता मार्ग दर्शक मंडल में शामिल होंगे। पुराना अनुभव और नए लोगों को जोश मिलकर कांग्रेस को सत्ता में वापस लाने का काम करेगा। पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष एक बार फिर से गांधी परिवार से बाहर से होगा। एक परिवार एक टिकिट का सिद्दांत लागू होगा। सोशल मीडिया और मीडिया मैनेजमेंट पर फोकस होगा। एक व्यक्ति एक पद का सिद्दांत लागू होगा। तमाम तरह की नई सोच को लागू करने का विर्मश तय हुआ है। इसके साथ ही देश की जागरुक जनता भी चाहती है कि चिंतन शिविर के माध्यम से कांग्रेस खुद के साथ- साथ देश के लोगों की भी चिंता दूर करें।

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