लोक टुडे न्यूज नेटवर्क
कजोड़ गुर्जर की रिपोर्ट
टोंक जिले के निवाई में आज खाद्य सुरक्षा टीम ने 300 किलो नकली मावा जब्त किया है। एक कार में जयपुर से रवाना होकर शादी समारोह के लिए निवाई लेकर पहुंचे युवक से इसकी जानकारी ली। मुखबिर की सूचना पर चिकित्सा विभाग की टीम पहले से ही मौजूद थी। मौके पर ही मोबाइल टेस्टिंग लैब में सैंपल की जांच कर पूरे मावे को जब्त कर लिया।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की खाद्य सुरक्षा सुरक्षा अधिकारी सत्यनारायण गुर्जर के नेतृत्व में पूरी कार्रवाई की गई। सत्यनारायण गुर्जर ने बताया कि सूचना मिलने पर आज झिलाय रोड पर अशोक विहार कॉलोनी में छापा माराष इस कार्रवाई में 300 किलो नकली मावा जब्त किया। कार्रवाई के दौरान एक कार से 20-20 किलो की 15 थैलियों में नकली मावा पकड़ा। कार चालक राकेश कुमार शर्मा को मौके से डिटेन किया। आपको बता दे कि मावा चौमू में तैयार किया और निवाई में विवाह समारोह के लिए लाया जा रहा था।
शादियों में सबसे ज्यादा सप्लाई होता नकली मावा- पनीर
शादी समारोह में लोग मावे की मिठाईयों और पनीर की सब्जी को जमकर खाते है। आजकल तो गांवों में मिश्री मावे का भी चलन चल पड़ा है। लेकिन हकीकत में अधिकांश शादियों में सप्लाई होने वाला मावा और पनीर सिंथेटिक होता है जिसे चौमूं से 160- 170 रुपये किलो में खरीदकर गांवों में 220 से 240 रुपये किलो तक सप्लाई किया जाता है। इसमें हलवाईयों की भी मावा सप्लाई करने वालों से सीधा कनेक्शन होता है। ग्राहक हलवाई से पुछता है मावा – पनीर कहां से लेना है वह बताता पहले मार्किट चैक कर उसके बाद बात कर लेना। मार्किट में असली मावा-पनीर की रेट 340 रुपये किलो है। हलवाई पार्टी को 240 से 260 रुपये किलो में दिला देता है तो पार्टी भी हंसी- खुशी ले लेती है। एक दो दिन इस नकली और मिलावटी मावे की मिठाईयां खराब भी नहीं होती है। कभी इससे भी ज्यादा घटिया मावा- पनीर लाने पर उल्टी – दस्त की शिकायत जरुर हो जाती है। वो भी मावे- पनीर के खराब होने की स्थिति में। इसलिए नकली और मिलावट का ये खेल जमकर चलता है। आजकल व्यापार दुकानों में नहीं रखकर सीधा ऑडर लेते है और माल सप्लाई करते है इसलिए पकड़ में भी नहीं आते।