लोक टुडे न्यूज नेटवर्क
राज्य सरकार का एक वर्ष पूरा होने पर राज्य स्तरीय समारोह आयोजित
डबल इंजन सरकार राजस्थान के विकास में
कोई कसर बाकी नहीं रखेगी
– प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
जयपुर । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि राजस्थान में बन रहा आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर वर्तमान और भावी पीढ़ी के लिए विकसित राजस्थान बनाने का संकल्प पूरा करेगा। उन्होंने कहा कि संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चम्बल परियोजना राजस्थान को सुजलाम सुफलाम बनाने की परियोजना है।
प्रधानमंत्री मोदी मंगलवार को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में प्रदेश सरकार का एक वर्ष पूरा होने पर आयोजित राज्य स्तरीय समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राजस्थान विकसित होगा, तो भारत भी तेजी से विकसित होगा। आने वाले वर्षों में डबल इंजन की सरकार और तेज गति से काम करते हुए राजस्थान के विकास के लिए कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ेगी।
सुशासन की धरोहर को समृद्ध बना रही भजनलाल सरकार
प्रधानमंत्री ने राज्य सरकार का एक साल पूरा होने पर बहुत-बहुत बधाई देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और उनकी टीम ने राजस्थान के विकास को नई गति, नई दिशा देने का काम किया है। साथ ही, उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री स्व. भैरों सिंह शेखावत के विजन को सराहा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज देश में डबल इंजन की सरकारें सुशासन की गारंटी हैं। वे हर संकल्प को पूरा करने का ईमानदारी से प्रयास करती हैं। तभी एक के बाद एक राज्यों में आज डबल इंजन की सरकारों को इतना समर्थन मिल रहा है। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि देश ने लोकसभा में लगातार तीसरी बार हमें जनादेश दिया है बीते 60 सालों में ऐसा पहली बार हुआ है।
पूर्ववर्ती सरकार ने युवाओं के साथ किया अन्याय
प्रधानमंत्री ने राज्य सरकार के कामकाज की सराहना करते हुए कहा कि बीते एक वर्ष के दौरान राजस्थान में गरीबों, महिलाओं, श्रमिकों, कुशल कारीगरों और घुमंतू परिवारों के लिए अनेक फैसले लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि नौजवानों के साथ यहां की पूर्ववर्ती सरकार ने बहुत अन्याय किया था। पेपरलीक और भर्तियों में घोटाला राजस्थान की पहचान बन चुकी थी। वर्तमान सरकार में इसकी जांच शुरु हुई और कई गिरफ्तारियां भी हुई। उन्होंने कहा कि राजस्थान में एक साल में हजारों भर्तियां निकाली हैं और पूरी पारदर्शिता से परीक्षाएं व नियुक्तियां हो रही हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राजस्थान वासियों को पहले बाकी राज्यों की तुलना में महंगा पेट्रोल-डीज़ल खरीदना पड़ता था। हमारी सरकार बनते ही लोगों को राहत मिली। उन्होंने कहा कि पीएम किसान निधि योजना के तहत राजस्थान सरकार भी अतिरिक्त पैसे जोड़कर किसानों की मदद कर रही है।
जल विवाद को बढ़ावा देने पर रहा पुरानी सरकारों का ध्यान
प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते दस साल से केंद्र सरकार ने जो काम करके दिखाया है वह आजादी के बाद के 5-6 दशकों में नही हो सका था। उन्होंने कहा कि राजस्थान के कई क्षेत्रों में भयंकर सूखा पड़ता है वहीं दूसरी तरफ कुछ क्षेत्रों में हमारी नदियों का पानी बिना उपयोग के ऐसे ही समंदर में बह जाता है। ऐसी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए ही अटल जी ने नदियों को जोड़ने का विजन रखा था। इससे बाढ़ और सूखा दोनों समस्याओं का समाधान संभव था। उन्होंने कहा कि पुरानी सरकारों का ध्यान समाधान के बजाय राज्यों के बीच जल विवाद को बढ़ावा देने पर रहा, राजस्थान को इस कुनीति के कारण बहुत कुछ भुगतना पड़ा। पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को भी इसी कारण लटकाया गया।
हमारी नीति विवाद नहीं संवाद, व्यवधान नहीं बल्कि समाधान की
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि किसानों के नाम पर बड़ी-बड़ी बातें करने वाले लोग किसानों के लिए न खुद कुछ करते हैं और ना दूसरों को करने देते हैं, जबकि हमारी नीति, विवाद की नहीं संवाद की है। हम विरोध में नहीं, सहयोग में विश्वास करते हैं। हम व्यवधान में नहीं, समाधान पर यकीन करते हैं और इसीलिए हमारी सरकार ने ईआरसीपी को स्वीकृत करने के साथ इसका विस्तार भी किया।
एमपीकेसी परियोजना से राजस्थान और मध्य प्रदेश के विकास में आएगी तेजी
प्रधानमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश और राजस्थान में हमारी सरकार बनने के बाद हुए संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चंबल (एमपीकेसी) लिंक परियोजना से चंबल और इसकी सहायक नदियां पार्वती, कालीसिंध, कुनो, बनास, बाणगंगा, रूपरेल, गंभीरी और मेज जैसी नदियों का पानी आपस में जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के पूरा होने पर राजस्थान में विकास के लिए पर्याप्त पानी होगा। इससे राजस्थान और मध्य प्रदेश दोनों के विकास में तेजी आएगी। उन्होंने कहा कि ताजेवाला से शेखावाटी के लिए पानी लाने के समझौते से भी हरियाणा और राजस्थान दोनों राज्यों को फायदा होगा।
देश में तीन करोड़ बहनें बनेंगी लखपति दीदी
प्रधानमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार सेल्फ हेल्प ग्रुप की तीन करोड़ बहनों को लखपति दीदी बनाने पर काम कर रही है। करीब सवा करोड़ बहनें लखपति दीदी बन भी चुकी हैं। उन्होंने कहा कि बीते दशक में देश की 10 करोड़ बहनें सेल्फ हेल्प ग्रुप्स से जुड़ी हैं, इनमें राजस्थान की भी लाखों बहनें शामिल हैं। हमारी सरकार ने इन समूहों को बैंकों से जोड़ कर करीब 8 लाख करोड़ रुपए की मदद दी है। हमने इन्हें मिलने वाली मदद को बढ़ाकर 20 लाख रुपए करने के साथ ही महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप में बने सामानों के लिए नए बाजार उपलब्ध कराए हैं। उन्होंने कहा कि नमो ड्रोन दीदी योजना के तहत हजारों बहनें ड्रोन पायलट की ट्रेनिंग लेकर ड्रोन के माध्यम से खेती कर रही हैं, उससे कमाई भी कर रही हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने बहनों-बेटियों के लिए बीमा सखी योजना भी शुरू की है जिसके तहत उन्हें प्रशिक्षण देकर बीमा के काम से जोड़ा जाएगा।
हर परिवार, हर किसान बनेगा ऊर्जादाता
प्रधानमंत्री ने कहा कि राजस्थान सरकार यहां के किसानों को दिन में भी बिजली उपलब्ध करवाना चाहती है, ताकि उन्हें रात में सिंचाई की मजबूरी से मुक्ति मिले। इस उद्देश्य से राजस्थान में बिजली के क्षेत्र में अनेक समझौते यहां की सरकार ने किए हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में हर परिवार और हर किसान ऊर्जादाता होगा, तो बिजली से होने वाली कमाई से हर परिवार की आय बढ़ेगी। केंद्र सरकार ने पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना लाकर सौर ऊर्जा को बिजली बिल ज़ीरो करने का माध्यम भी बनाया है। घर की छत पर सौलर पैनल लगाने के लिए 78 हज़ार रुपए की मदद केंद्र सरकार दे रही है। अब तक देश के 1 करोड़ 40 लाख से ज्यादा परिवार इस योजना के लिए रजिस्टर करा चुके हैं और करीब 7 लाख लोगों के घरों में सोलर पैनल सिस्टम इंस्टाल भी किया जा चुका है। इसमें राजस्थान के भी 20 हज़ार से अधिक घर शामिल हैं। उन्होंने कहा कि पीएम कुसुम योजना के तहत खेत में सौर ऊर्जा प्लांट लगाने के लिए भी सरकार मदद दे रही है।
सबसे कनेक्टेड राज्यों में होगा राजस्थान
प्रधानमंत्री ने समारोह में 46 हजार करोड़ रुपए से अधिक के प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण और शिलान्यास करते हुए कहा कि ये प्रोजेक्ट राजस्थान में पानी की चुनौती का स्थाई समाधान करेंगे। उन्होंने कहा कि राजस्थान को रोड, रेल और हवाई यात्रा में सबसे कनेक्टेड राज्य बनाना हमारा संकल्प है। दिल्ली, वडोदरा और मुंबई जैसे बड़े औद्योगिक केंद्रों को राजस्थान से जोड़ने वाला नया एक्सप्रेसवे देश के सर्वश्रेष्ठ एक्सप्रेस-वे में से एक होगा। जामनगर-अमृतसर इकोनॉमिक कॉरिडोर दिल्ली-कटरा एक्सप्रेस वे के माध्यम से राजस्थान को मां वैष्णो देवी मंदिर से जोड़ेगा दूसरी तरफ उत्तरी भारत के उद्योगों को कांडला और मुंद्रा बंदरगाहों से सीधा संपर्क मिलेगा। इसका फायदा राजस्थान में ट्रांसपोर्ट सेक्टर और यहां के युवाओं को रोजगार के रूप में मिलेगा। जोधपुर रिंग रोड से जयपुर, पाली, बाड़मेर, जैसलमेर, नागौर और अन्तर्राष्ट्रीय सीमा से कनेक्टिविटी बेहतर होगी और शहर को अनावश्यक जाम से मुक्ति मिलेगी। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने पचपदरा रिफाइनरी की राह में भी कई रोड़े अटकाए थे। अब ये रिफाइनरी यहां रोजगार और पेट्रोकेमिकल से जुड़े दूसरे उद्योगों को बढ़ावा देगी।
सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा आज का दिन
– मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर.पाटिल, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का आभार प्रकट करते हुए कहा कि संशोधित पीकेसी परियोजना पर एमओए के चलते आज का दिन सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य में डबल इंजन की सरकार आमजन की हर आकांक्षा को पूरा करने एवं राज्य को प्रगति पथ पर तेजी से आगे ले जाने के लिए पूरी लगन एवं गम्भीरता के साथ कार्य कर रही है।
सवा तीन करोड़ लोगों को मिलेगा पीने का पानी
शर्मा ने कहा कि इस महत्वाकांक्षी परियोजना से राजस्थान के 21 जिलों में रहने वाले लगभग सवा तीन करोड़ लोगों को सुलभ पेयजल की उपलब्धता के साथ साथ लगभग ढाई लाख़ हैक्टयर नये क्षेत्र में सिंचाई तथा लगभग डेढ़ लाख हैक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई हेतु अतिरिक्त पानी की व्यवस्था हो सकेगी। साथ ही इन जिलों में स्थापित होने वाले उद्योगों को भी आवश्यकता के अनुरूप पानी मिल सकेगा।
एक लाख करोड़ रुपये से अधिक के विकास कार्यों का मार्ग प्रशस्त
शर्मा ने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में आज एक ही दिन में एक लाख करोड़ रुपये से अधिक के विभिन्न विकास कार्यों का मार्ग प्रशस्त हुआ है। इसमें 46 हजार करोड़ रुपये से अधिक की योजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण हुआ है एवं लगभग 58 हजार करोड़ रुपये के विभिन्न विकास कार्यों के टेण्डर जारी हुए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की प्रेरणा से कर्मभूमि से मातृभूमि कार्यक्रम के तहत राजस्थान के लगभग 45 हजार गांवों में भूजल पुनर्भरण हेतु रिचार्ज वैल बनाने के महत्वपूर्ण कार्यक्रम की शुरुआत भी हुई है। मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के तहत एक लाख से अधिक कार्यो को सरकार बनते ही शुरू कराया।
2 लाख सरकारी भर्तियों पर हुआ काम
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने अपने पहले ही साल में युवा, किसान, महिलाओं एवं गरीबों के लिए कल्याणकारी कार्य किये हैं। लगभग 43 हजार युवाओं को पिछले एक वर्ष में सरकारी नौकरी दी गई है। हमारी सरकार लगभग 1 लाख 29 हजार सरकारी नौकरियों की प्रक्रिया पर तेजी से बढ़ रही है और लगभग 27 हजार भर्तियों की प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जा रही है। इस प्रकार राज्य सरकार दो लाख भर्तियों पर काम कर राज्य के युवाओं के भविष्य को बेहतर बनाने के लिए पूरी गंभीरता से काम कर रही है।
किसानों को 5600 करोड़ रुपये की राशि हस्तांतरित
शर्मा ने कहा कि हमारी सरकार ने 70 लाख से अधिक किसानों को लगभग 5 हजार 6 सौ करोड़ रुपये की राशि सीधे ही उनके खातों में हस्तान्तरित की है। पशुपालक किसानों के लिए मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना एवं मोबाइल पशु चिकित्सा युनिटों की शुरुआत की गई है। उन्होंने कहा कि मातृवंदन योजना के तहत पहले साल में ही साढ़े चार लाख महिलाओं को सहायता देने के साथ, एक हजार नये आंगनबाड़ी केन्द्र खोलने, आंगनबा़डी केन्द्रों पर दूध वितरण हेतु अमृत आहार योजना तथा बेटियों के उज्जवल भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए लाडो प्रोत्साहन योजना शुरू की गई हैं। मुख्यमंत्री ने हाल ही में राज्य के ग्रामीण इलाकों में रह रहे जरूरतमंद लोगों के लिए 3 लाख 41 हजार घरों की स्वीकृति के लिए प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद भी ज्ञापित किया।
10 लाख परिवारों को नल कनेक्शन, एक हजार गांवों को सड़कों से जोड़ा
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने अपने पहले साल में ही 10 लाख परिवारों को पेयजल कनेक्शन और दूर-दराज के एक हजार गांवों को नई सड़कों से जोड़ा है। उन्होंने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के चौथे फेज के अन्तर्गत प्रदेश के 1 हजार 700 गांवों, ढाणियों एवं मजरों को पक्की सड़क से जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री श्री मोदी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में निवेश को बढावा देने के लिए राईजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट के आयोजन से 35 लाख करोड़ रूपये से अधिक के निवेश एमओयू सम्पादित किए गए हैं।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि संशोधित पीकेसी लिंक परियोजना (एकीकृत ईआरसीपी) के माध्यम से राजस्थान और मध्यप्रदेश के जिलों में तीन नदियों का पानी लाने में आधुनिक युग के भागीरथ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अहम भूमिका है। डॉ.यादव ने कहा कि लंबे समय से इस योजना का विवाद न्यायालयों में चल रहा था, 20 वर्ष बीत जाने के बाद इसका समाधान हुआ है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश एक तरह से नदियों का मायका है। पार्वती, काली सिंध और चंबल का उद्गम भी मध्यप्रदेश से होता है। उन्होंने कहा कि 70 हजार करोड़ रुपये लागत की इस परियोजना में राज्य सरकारों पर मात्र 10 प्रतिशत ही वित्तीय भार आएगा और 90 प्रतिशत अंशदान केन्द्र सरकार देगी।
केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री सी. आर. पाटिल ने कहा कि राजस्थान सरकार के लिए यह ऐतिहासिक दिन है, जब राज्य में पानी की किल्लत को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री ने राज्य को ईआरसीपी के रूप में बड़ा तोहफा दिया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा देश में स्वच्छ भारत मिशन के माध्यम से 11 करोड़ शौचालय बनाए गए, जिससे 60 करोड लोगों को मदद मिली तथा जल जीवन मिशन के माध्यम से 15 करोड़ घरों को स्वच्छ पानी मिला। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अनूठी संकल्पना ‘कैच द रेन’ से प्रेरित है। जन्मभूमि से कर्मभूमि अभियान में अब तक 3 लाख रैन वाटर रिचार्ज स्ट्रक्चर बनाए गए हैं, जो वर्षा का पानी संग्रहित कर भूमिगत पानी के स्तर को बढ़ाएंगे। 10 लाख रैन वाटर रिचार्ज बोर के लक्ष्य के साथ चलाया जा रहा यह अभियान जन भागीदारी से जन आंदोलन में परिवर्तित हो गया है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पार्वती नदी के जल से भरा कलश, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने कालीसिंध नदी का जल कलश तथा केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी. आर. पाटिल ने चंबल नदी का जल कलश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपा जिन्हें उन्होंने रामसेतु जल संकल्प कलश मे प्रवाहित किया।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी को भगवान श्रीनाथ जी की तस्वीर और जयपुर की ब्लू पॉटरी का शंख भेंट किया। समारोह में संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चम्बल परियोजना के लिए केन्द्र सरकार, मध्य प्रदेश एवं राजस्थान के बीच हस्ताक्षरित मेमोरेण्डम ऑफ एग्रीमेंट प्रदर्शित किया गया। इस अवसर पर परियोजना पर आधारित लघु फिल्म भी दिखाई गई।
इस अवसर पर राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े, केंद्रीय कृषि एवं कृषक कल्याण राज्यमंत्री भागीरथ चौधरी, उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी, डॉ. प्रेम चंद बैरवा, जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत, मध्य प्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, सांसद मदन राठौड़, पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे सहित राज्य मंत्रिपरिषद के सदस्य, सांसद, विधायक सहित जनप्रतिनिधिगण, अधिकारी एवं बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित रहे।
प्रधानमंत्री ने इस समारोह में 46,365 करोड़ रुपए की परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया।
इन परियोजनाओं का हुआ शिलान्यास-
– 9416 करोड़ की लागत से कूल नदी पर रामगढ़ बैराज, पार्बती नदी पर महलपुर बैराज एवं चम्बल नदी पर जलसेतु (एक्वाडक्ट) सहित नवनेरा बैराज से बीसलपुर बांध तथा ईसरदा बांध में जल अपवर्तन तंत्र निर्माण।
– 676 करोड़ रुपए की लागत से धौलपुर से भरतपुर-डीग-कुम्हेर-नगर-कामां और पहाड़ी तक पेयजल ट्रांसमिशन एवं चंबल- धौलपुर-भरतपुर रेट्रोफिटिंग का कार्य।
– 2,522 करोड़ रुपए की लागत से सरकारी कार्यालय भवनों पर रूफटॉप सोलर संयत्रों की स्थापना।
– 1,200 करोड़ रुपए की लागत से पूगल (बीकानेर) में आरवीयूएनएल के 2000 मेगावाट सोलर पार्क का विकास
– 590 करोड़ रुपए की लागत से एक हजार मेगावॉट पूगल सोलर पार्क फेज प्रथम।
– 588 करोड़ रुपए की लागत से एक हजार मेगावॉट पूगल सोलर पार्क फेज द्वितीय।
– 1382 करोड़ रुपए की लागत से भड़ला -3 और बीकानेर -3 कॉम्पलेक्स के इन्टरकनेक्शन के लिए ट्रांसमिशन सिस्टम हेतु प्रसारण तंत्र का सदृढीकरण।
– 13028 करोड़ रुपए की लागत से पावरग्रिड के राजस्थान रिन्यूएबल एनर्जी जोन से बिजली निकासी के लिये प्रसारण तंत्र हेतु विभिन्न फेज के 5 कार्य।
– 5922 करोड़ रुपए की लागत से लूनी-समदड़ी-भीलड़ी रेलमार्ग, अजमेर-चंदेरिया (चित्तौडगढ़) रेलमार्ग एवं जयपुर-सवाई माधोपुर रेलमार्ग के दोहरीकरण का कार्य।
इन परियोजनाओं का लोकार्पण –
-1069 करोड़ रुपए की लागत से कालीसिंध नदी पर निर्मित नवनेरा बैराज।
– 764 करोड़ रुपए की लागत से स्मार्ट विद्युत ट्रांसमिशन नेटवर्क एवं असेट मैनेजमेन्ट सिस्टम का कार्यान्वयन
– 5,039 करोड़ रुपए की लागत से पावरग्रिड के सोलर एनर्जी जोन से बिजली निकासी के लिये प्रसारण तंत्र सुदृढ़ीकरण के फेज-2 के 3 कार्य।
– 1420 करोड़ रुपए की लागत से 8-लेन दिल्ली-वडोदरा ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसव के मेज नदी-एसएच-37 ए जंक्शन (पैकेज 12) खण्ड का लोकार्पण।
-1308 करोड़ रुपए की लागत से 4-लेन जोधपुर रिंग रोड डांगियावास-जाजीवाल (पैकेज-1) खण्ड का लोकार्पण।
– 839 करोड़ रुपए की लागत से 6-लेन अमृतसर-जामनगर ग्रीनफील्ड इकोनॉमिक कॉरिडोर देवगढ़-राजस्थान/गुजरात सीमा (पैकेज 8) खण्ड का लोकार्पण।
-602 करोड़ रुपए की लागत से भीलड़ी- समदड़ी- लूनी-जोधपुर-मेड़ता रोड-डेगाना-रतनगढ़ रेलमार्ग के विद्युतीकरण कार्य।