Home agriculture संरक्षित खेती-पाॅलीहाउस व शेडनेट हाउस से लगभग चालीस लाख की आमदनी

संरक्षित खेती-पाॅलीहाउस व शेडनेट हाउस से लगभग चालीस लाख की आमदनी

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लोक टुडे न्यूज नेटवर्क

विजय कपूर की रिपोर्ट
बीकानेर। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के नेतृत्व में प्रदेश के किसानों को आर्थिक रूप से संबल प्रदान करने की दृष्टि से विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही हैं। राज्य सरकार का उद्देश्य कृषि बुनियादी ढांचे के निर्माण के माध्यम से व्यवसाय को बढ़ावा देना और किसानों के प्रयासों को प्रोत्साहित करना है।
इसी श्रृंखला में बीकानेर जिले के लाभार्थी चतुर्भुज ने राष्ट्रीय कृषि विकास योजनान्तर्गत 70 प्रतिशत अनुदान की मदद से पॉलीहाउस के जरिए खीरे की खेती कर, 40 लाखों की आमदनी की है। प्रगतिशील एवं युवा किसान चतुर्भुज आधुनिक तकनीक से व्यावसायिक खेती कर सालाना 40 लाख की कमाई कर रहा है। उन्होंने बताया कि 2017 तक वे परंपरागत खेती ही कर रहे थे, लेकिन इस दौरान आत्मा योजनान्तर्गत भ्रमण कार्यक्रम के दौरान अन्य राज्यों में हो रही उद्यानिकी तकनीक को जाना और उसे अपनाने का निर्णय लिया। चतुर्भुज ने उद्यान विभाग अधिकारियों के साथ संपर्क कर, अनुदान राशि से खेत की दो एकड़ जमीन में दो पॉलीहाउस लगाने का निर्णय लिया।

उन्होंने बताया कि शुरुआती वर्षों में खेती से लागत के हिसाब से लाभ प्राप्त नहीं हुआ लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। कृषक चतुर्भुज की मेहनत रंग लाई और खीरे की खेती से अच्छा मुनाफा होने लगा। उन्होंने उद्यानिकी विभाग की मदद से एक और पॉलीहाउस व दो शेड नेट हाउस स्थापित किए। उन्होंने बताया कि विभागीय अधिकारियों व विभिन्न योजना की सहायता राशि से चार एकड़ जमीन पर तीन पॉलीहाउस व दो शेडनेट हाउस से साल में दो फसलों के जरिए लाखों रुपए की आमदनी की है। उन्होंने बताया कि खीरे बीकानेर के अलावा दिल्ली, चंडीगढ़, लुधियाना, पंजाब इत्यादि क्षेत्रों में विक्रय किए जा रहे हैं।युवा कृषक से युवा उद्यमी बनने तक के सफर में चतुर्भुज ने पॉलीहाउस के साथ उद्यान विभाग की अन्य संचालित योजनाएं जैसे कि सोलर पंप संयंत्र, सूक्ष्म सिंचाई संयंत्र, वह वर्षा जल संरक्षण इत्यादि को भी अपनाया। राष्ट्रीय कृषि विकास योजनान्तर्गत 50 से 70 प्रतिशत तक का अनुदान देय राष्ट्रीय कृषि विकास योजना अंतर्गत संरक्षित खेती कार्यक्रम के तहत पॉलीहाउस स्थापना पर उद्यान विभाग द्वारा सामान्य किसान को 50 प्रतिशत, अनुसूचित जाति किसानों को 70 प्रतिशत व अनुसूचित जनजाति लघु व सीमांत कृषकों को 95 प्रतिशत अनुदान दिए जाने का प्रावधान है।

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