Home crime जानकी वल्लभ मंदिर में श्रीराम जी की अष्टधातु की प्रतिमा का वनवास...

जानकी वल्लभ मंदिर में श्रीराम जी की अष्टधातु की प्रतिमा का वनवास 29 साल बाद हुआ पूरा

0

लोक टुडे न्यूज नेटवर्क

लक्ष्मणगढ़ से पूनम विशाल की रिपोर्ट

लक्ष्मणगढ़ सीकर। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का वनवास भले ही 14 वर्ष का हुआ हो लेकिन लक्ष्मणगढ़ के ऐतिहासिक जानकी बल्लभजी मंदिर के मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम जी की अष्टधातु की प्रतिमा का ,वनवास 29 साल बाद जयपुर एडीजे न्यायालय के आदेश के बाद समाप्त हुआ ओर अष्टधातु की प्रतिमा मंदिर के पुजारी को सुपुर्द की गई है।

19 नवंबर 1995 को हुई थी चोरी

लक्ष्मणगढ़ शहर के बीचोंबीच जानकी बल्लभजी के ऐतिहासिक मंदिर से विगत 19 नवम्बर 1995 की रात्रि को विशाल चार अष्टधातु की प्रतिमा चोरी हो गई थी। मंदिर के पुजारी विष्णु कांत महाराज ने बताया कि मंदिर से अष्टधातु की विशाल भगवान श्रीराम व माता जानकी की दो बड़ी ओर दो छोटी प्रतिमाएं चोरी हो गई थी। चोरी की घटना के बाद 1996 को चोरों ने एक अष्टधातु की माता जानकी की प्रतिमा मंदिर से करीब 500 मीटर की दुरी पर सुनसान इलाके में फैंककर फरार हो गए थे। पुजारी ने बताया कि 1998 को जयपुर के शास्त्रीनगर थाना पुलिस ने जयपुर मे दो चोरों के पास से भगवान श्रीराम की अष्टधातु की विशाल प्रतिमा आठ टुकड़ों में बरामद किए गए थी जो शास्त्री नगर थाने के मालखाने में जमा हुई। पुजारी ने बताया कि  25 मई को जयपुर एडीजे न्यायालय के आदेश के बाद सुपुर्द की गई है। पुजारी ने बताया कि अष्टधातु की प्रतिमा का पुनः निर्माण करवाकर भव्य आयोजन के साथ ऐतिहासिक जानकी बल्लभजी मंदिर स्थापित की जाएगी।

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version