लोक टुडे न्यूज नेटवर्क
राजधानी जयपुर में 23 दिन बाद ही एक और महिला का अर्धनग्न जला हुआ शव मिला है। एक युवती की अर्धनग्न अवस्था में डेड बॉडी मिली थी जिसकी गुत्थी पुलिस अभी तक नहीं सुलझा सकी है। अब ऐसा ही मामला जयपुर के कानोता थाना इलाके के रामनगरिया में सामने आया है । ऐसा लगता है बदमाशों ने महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म के बाद उसका चेहरा और ऊपर का हिस्सा जलाकर पहचान छुपाने की कोशिश की है, साथ उसके हाथ पर लिखा नाम और अन्य पहचान चिह्न भी मिटाने के लिए नोचने का कृत्य किया गया है।
परवीन और एमटी नाम को खरोंच कर मिटाने का प्रयास
मृतक महिला के हाथ पर परवीन नाम लिखा हुआ है। अज्ञात लोगों के द्वारा महिला की हत्या के बाद उसके इस नाम को भी मिटाने की कोशिश की गई लेकिन यह नाम मिट नहीं सका और जहां तक महिला का नाम परवीन हो सकता है। कानोता थाना पुलिस को खातीपुरा रेलवे स्टेशन के आगे भटेश्वरी रिंग रोड पुलिया के पास एक महिला का अर्धनग्न और आधा जला हुआ शव मिला है । आरोपियों ने पहचान छिपाने के लिए महिला के शरीर पर दो जगह लिखिए नाम भी खरोंच दिए।
सीसीटीवी के बगैर अपराधियों की पहचान होना मुश्किल
थाना प्रभारी हिम्मत सिंह ने बताया कि सूचना मिलते ही अधिकारी और एफएसएल की टीम मौके पर पहुंची, वीडियोग्राफी के बाद शव को महात्मा गांधी हॉस्पिटल की मोर्चरी में रखवाया गया है । महिला की उम्र 35 से 40 साल के बीच है । जलने से शरीर पर ऐसा कोई निशान नहीं मिला जिसकी मदद से शव पहचान हो सके। हालांकि हाथ पर लिखे परवीन से यह संभव है कि उसका नाम परवीन होगा। कंधे पर लिखे MT को भी खरोचा गया। शहर पुलिस ने सभी थानों में इस उम्र की महिलाओं की दर्ज गुमशुदगी की आधार पर परिजनों से संपर्क कर पहचान के प्रयास कर रही है । उधर मौके पर कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं होने से पुलिस को आरोपियों की पहचान कर पाना मुश्किल हो रहा है । बताया कि रामनगरिया थाना इलाके में मुंबई हॉस्पिटल के सामने सड़क किनारे करीब 25 साल की यूवती का शव अर्धनग्न और अर्धजली अवस्था में मिला था । युवती की हत्या गला दबाकर की गई थी शाहू को पुलिस ने जेएनयू अस्पताल की मौसी में रखवाया था घटना स्थल पर कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं मिलने से पुलिस 22 दिन बाद भी मृतका की पहचान नहीं कर सकी है। आरोपियों की तलाश करना तो बहुत दूर की बात है पुलिस को मौके पर दो कट्टे मिले थे जिसमें सब कुछ छुपा कर रखा गया था महिला के हाथ पर राहुल धुंआ गोदवा था आधुनिकता की दौड़ में पुलिस हाईटेक होने का भलाई दवा करें लेकिन वीर तंत्र में पूरी तरह फेल हो गई है बीच प्रणाली होने के बावजूद बीट कांस्टेबलों को अपने इलाके की जानकारी तक नहीं है उन्हें यह तक पता नहीं है कि कौन से मकान में कितने लोग रहते हैं कहां किराएदार है और कहां नहीं है इसी कारण शहर में लूट और वाहन चोरी जैसे मामले बढ़ते जा रहे हैं कामता बाग में बुजुर्ग महिला और दो नौकरों को बंदी बनाकर लूटने वाले आरोपियों की सीसीटीवी फुटेज पुलिस को मिले थे आगरा की तरफ नजर जाते आए पुलिस ने 7 दिन में आरोपियों को नेपाल से पकड़ लिया। सीसीटीवी नहीं हो तो किसी भी मामले का खुलासा संभव नहीं है । मानसरोवर के शिप्रा पथ थाना क्षेत्र में डॉक्टर को बंधक बनाकर लूटने वाले आरोपियों तक पुलिस पहुंच नहीं पाई है । यहां वारदात के दौरान 1 घंटे तक पावर कट था, जिससे सीसीटीवी कैमरे बंद थे। रामनगरिया थाना क्षेत्र में मुंबई हॉस्पिटल के सामने 22 दिन पहले पुलिस को एक महिला का शव मिला था इसके एक KM क्षेत्र में सीसीटीवी नहीं होने से पुलिस मामले का खुलासा नहीं कर पाई है ।लेकिन जब राजधानी जयपुर में इस तरह के मामले सामने आते हैं तो दूर दराज के गांव में किस तरह का माहौल होगा, अंदाज़ शहज लगाया जा सकता है। भले ही सरकार इस बात का दावा करें कि अपराधों में कमी हो गई है लेकिन राजधानी जयपुर में ही महिलाओं को नोचने और हत्या करने का सिलसिला जारी है, जो पुलिस की कार्यशाली पर सवालिया निशान उठाता है।