रूस से आदिवासी युवक का शव लाने को खून से लिखा पत्र

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बूंदी। रूस में पिछले 95 दिनों से राजस्थान के निवासी हितेंद्र गरासिया के शव को भारत लाने के लिए कांग्रेस प्रवासी सहायता प्रभारी चर्मेश शर्मा ने विदेश मंत्री के नाम खून से पत्र लिखा है। शर्मा ने बताया की उदयपुर से 100 किलोमीटर दूर गोड़वा गांव निवासी हितेंद्र गरासिया की 17 जुलाई को रूस में मृत्यु हो गई थी। अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुसार अंतिम संस्कार का वैधानिक अधिकार सभी को है। इसी को लेकर 95 दिन से परिजन अपने लाल के शव का इंतजार कर रहे हैं। रूस में मृतक गरासिया की पार्थिव दे रखी हुई है उसे भारत लाने की लगातार मांग की जा रही है । इसके लिए राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री ,विदेश मंत्री को पत्र लिखे जा चुके हैं अब विदेश मंत्री के नाम उनका पत्र लिखा गया है । जिससे मृतक हितेंद्र गरासिया का शव उनके परिजनों तक पहुंचाया जा सके और वह उसका अंतिम संस्कार कर सके। इसके लिए चर्मेश शर्मा ने विदेश मंत्री को खून से पत्र लिखा है।

मजदूरी करने गया था

पुलिस को मिली लाश आर्थिक परेशानियों को दूर करने के लिए हितेंद्र गरासिया कर्ज लेकर रूस गया था । परिवार को यह भरोसा था कि बेटा रूस में पैसा कमा कर वापस लौटेगा। अचानक रूस में पुलिस को जितेंद्र की लाश मिली ।लेकिन भारतीय दूतावास की तरफ से यथोचित सहयोग नहीं मिलने के कारण और परिवार की माली हालत खराब होने के कारण अभी तक भी गरासिया का शव भारत नहीं आ सका है । ऐसे मामले में भारत सरकार के दूतावास को पहल करते हुए मृतक का शव भारत पहुंचाने की व्यवस्था करनी चाहिए । जिससे कम से कम परिजन उसका अंतिम संस्कार कर सकें ।

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