फोन टैपिंग प्रक्रिया में लोकेश शर्मा की गिरफ्तारी पर रोक

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नई दिल्ली। राजस्थान फोन टैपिंग प्रकरण में दिल्ली हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी और प्रदेश कांग्रेस सेंट्रल वॉर रूम के को-चेयरमैन लोकेश शर्मा की गिरफ्तारी पर रोक को आगामी 18 अक्टूबर तक बकरार रखा है। बुधवार को राजस्थान फोन टैपिंग प्रकरण में दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई, जिसमें लोकेश शर्मा की ओर से उनके वकील ने उनका पक्ष रखा। दिल्ली हाईकोर्ट में हुई फोन टेपिंग मामले की सुनवाई लगभग 40 मिनट चली। लोकेश शर्मा की तरफ से सीनियर एडवोकेट सिद्धार्ध अग्रवाल ने हाईकोर्ट में पक्ष रखा। उन्होंने दिल्ली पुलिस के आरोपों को बेबुनियाद बताया। बहस में उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार पहले ही कह चुकी है कि उसने कॉल इंटरसेप्ट किए, इसके लिए विभाग के अधिकारी जिम्मेदार हो सकते हैं, लोकेश शर्मा मीडिया में सर्कुलेट करने के लिए जिम्मेदार हो सकते है लेकिन अवैध रिकॉडिंग के लिए कैसे जिम्मेदार हो सकते हैं ? सुनवाई के दौरान लोकेश शर्मा के एडवोकेट की दलील थी कि मामले में 8 महीने बाद मुकदमा दर्ज हुआ, मुकदमा देरी से दर्ज करने का कोई कारण नहीं बताया गया।
सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ अग्रवाल ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने 3 नम्बरों के बीच कॉन्फ्रेंस कॉल होना बताया, उन तीनों में से एक भी नम्बर शिकायतकर्ता (गजेंद्र सिंह शेखावत) का नहीं, ऐसे में शिकायतकर्ता कैसे आरोप लगा सकते हैं कि उनका कॉल रिकॉर्ड किया गया। पूरा घटनाक्रम राजस्थान में घटित होना पाया गया, फिर दिल्ली पुलिस कैसे एफईआईर दर्ज कर सकती है ? तीनों नम्बर के उपभोक्ता भी दिल्ली से नहीं हैं। वहीं एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (ASG) संजय जैन ने लोकेश शर्मा और राजस्थान सरकार के अधिकारियों पर जांच में सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया। इस पर राजस्थान सरकार के वकील सिद्धार्थ लूथरा ने आपत्ति जताई और एडिशनल सॉलिसिटर जनरल के आरोपों को निराधार बताया। हाईकोर्ट में जैन द्वारा शर्मा की गिरफ्तारी पर लगी रोक हटाने की मांग की गई। हालांकि न्यायालय का समय समाप्त होने के चलते मामले की बहस पूरी नहीं हो सकी। वहीं अब 18 अक्टूबर को दोपहर 3 बजे मामले की अगली सुनवाई होगी। तब तक CM OSD लोकेश शर्मा को दिल्ली हाई कोर्ट से राहत बरकरार रखते हुए गिरफ्तारी पर 18 अक्टूबर तक रोक जारी रहेगी।
गौरतलब है कि फोन टैपिंग मामले में हाईकोर्ट में जस्टिस विकास महाजन की बेंच ने सुनवाई लगी हुई थी। 9 अगस्त को मामले में सुनवाई होनी थी। लेकिन जस्टिस विकास महाजन के अवकाश पर होने के चलते मामले की सुनवाई अगली तारीख 7 फरवरी 2024 तक के लिए टाल दी गई थी। इस पर दिल्ली पुलिस की ओर से अर्ली हियरिंग की अपील कोर्ट में दाखिल की गई थी, जिस पर 31 अगस्त को सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 11 अक्टूबर को सुनवाई की तारीख तय की गई थी। खास बात यह है कि इससे पहले 7 फरवरी 2024 तक हाईकोर्ट ने लोकेश शर्मा की गिरफ्तारी पर रोक लगाई हुई थी। इसी रोक को हटाने को लेकर दिल्ली पुलिस ने याचिका लगाई थी।
वहीं राजस्थान फोन टेपिंग मामले में सीएम ओएसडी लोकेश शर्मा क्राइम ब्रांच के समक्ष पेश नहीं हुए। मंगलवार की 4 घंटे की कड़ी पूछताछ के बाद उन्हें बुधवार को भी फिर से नोटिस देकर पूछताछ के लिए क्राइम ब्रांच बुलाया गया था। सूत्रों के अनुसार लोकेश शर्मा ने नोटिस का जवाब भिजवा दिया था, जिसमें व्यस्तता के चलते पूछताछ के लिए मौजूद नहीं रह पाने की बात कही गई थी।

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