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भारत-नेपाल मैत्री में हिन्दी का योगदान

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अनिल माथुर
जोधपुर (राजस्थान)

भारत और नेपाल की मित्रता सदियों पुरानी है। दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक, धार्मिक, और भाषाई संबंध अद्वितीय हैं। नेपाल और भारत के बीच की इस घनिष्ठता में हिन्दी भाषा का महत्वपूर्ण योगदान है, जो दोनों देशों के नागरिकों के बीच संवाद, सहमति और सहयोग का सशक्त माध्यम रही है।

सांस्कृतिक और साहित्यिक आदान-प्रदान


भारत और नेपाल की सांस्कृतिक धरोहरें एक-दूसरे से गहराई से जुड़ी हुई हैं, और हिन्दी भाषा ने इस सांस्कृतिक पुल का निर्माण किया है। नेपाल में हिन्दी साहित्य का आदान-प्रदान सदियों से होता आ रहा है। नेपाल के साहित्यकारों ने हिन्दी में कई महत्वपूर्ण रचनाएँ की हैं, जिनमें से कई ने भारतीय साहित्य को भी समृद्ध किया है। हिन्दी कवि मैथिलीशरण गुप्त, दिनकर, और प्रेमचंद जैसे साहित्यकार नेपाल में भी बेहद लोकप्रिय रहे हैं, और उनके साहित्य का नेपाल में गहरा प्रभाव रहा है।

धार्मिक और आध्यात्मिक संबंध

भारत और नेपाल दोनों ही हिन्दू धर्म का पालन करने वाले बहुसंख्यक देशों में आते हैं। रामायण और महाभारत जैसे हिन्दू ग्रंथ, जो हिन्दी में उपलब्ध हैं, ने दोनों देशों के धार्मिक संबंधों को और मजबूत किया है। काठमांडू स्थित पशुपतिनाथ मंदिर हो या जनकपुर का जानकी मंदिर, भारतीय और नेपाली श्रद्धालुओं के बीच संवाद का एक मुख्य माध्यम हिन्दी भाषा रही है। तीर्थयात्रियों के बीच हिन्दी के कारण आसानी से विचारों और भावनाओं का आदान-प्रदान हो पाता है।

राजनीतिक और कूटनीतिक संबंधों में हिन्दी

भारत-नेपाल के राजनीतिक संबंधों में भी हिन्दी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। दोनों देशों के अधिकारियों और नेताओं के बीच संवाद में हिन्दी का उपयोग कूटनीति के स्तर पर होता है। कई नेपाल के प्रधानमंत्री और अन्य प्रमुख नेता हिन्दी भाषा में अपनी बात रखते हैं, जिससे भारत के साथ संबंधों में सुगमता बनी रहती है। हिन्दी ने दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास और समझ को मजबूत किया है।

शैक्षिक और मीडिया में हिन्दी का प्रसार

नेपाल में हिन्दी को एक प्रमुख भाषा के रूप में पढ़ाया जाता है। विद्यालयों और विश्वविद्यालयों में हिन्दी को पढ़ाने से नेपाल में हिन्दी भाषियों की संख्या बढ़ी है। नेपाल के छात्रों के लिए भारत में शिक्षा प्राप्त करना आसान होता है, क्योंकि हिन्दी के माध्यम से वे बेहतर समझ और संवाद कर पाते हैं। साथ ही, हिन्दी फिल्मों, टीवी सीरियलों, और समाचार चैनलों ने भी नेपाली समाज में हिन्दी के प्रति प्रेम और स्वीकार्यता बढ़ाई है। नेपाल में भारतीय सिनेमा और धारावाहिक बेहद लोकप्रिय हैं, जो हिन्दी को और व्यापक रूप से फैलाने में सहायक साबित हुए हैं।

व्यापार और आर्थिक सहयोग में हिन्दी

भारत और नेपाल के बीच व्यापारिक संबंधों में भी हिन्दी का बड़ा योगदान है। दोनों देशों के व्यापारी हिन्दी का उपयोग करके अपने व्यापारिक सौदों को सुगम बनाते हैं। सीमावर्ती क्षेत्रों में हिन्दी प्रमुख व्यापारिक भाषा है, जिससे दोनों देशों के आर्थिक सहयोग को बढ़ावा मिलता है। नेपाल के कई व्यावसायिक संस्थान और व्यापारिक मंडलियों में हिन्दी का प्रयोग होता है, जिससे दोनों देशों के व्यापारी वर्ग के बीच संवाद आसान हो जाता है।

निष्कर्ष

भारत-नेपाल मैत्री को सुदृढ़ करने में हिन्दी ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह भाषा न केवल सांस्कृतिक और धार्मिक संबंधों को मजबूत करने में सहायक है, बल्कि दोनों देशों के आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक संबंधों को भी सुगम बनाती है। हिन्दी भाषा के कारण भारत और नेपाल के लोग एक-दूसरे के और करीब आ गए हैं, और यह मित्रता समय के साथ और प्रगाढ़ होती जा रही है।

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