गुप्त वृंदावन धाम के अंतर्राष्ट्रीय गीता ओलंपियाड 2025 का परिणाम घोषित

0
65
- Advertisement -

गुप्त वृंदावन धाम के अंतर्राष्ट्रीय गीता ओलंपियाड 2025 का परिणाम घोषित

विश्व में भगवद गीता की शिक्षा के प्रचार-प्रसार के दिव्य उद्देश्य से जयपुर स्थित गुप्त वृंदावन धाम द्वारा हाल ही में एक अद्वितीय वैश्विक प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें सम्पूर्ण विश्व से प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और अपना ज्ञान प्रस्तुत किया।

यह गर्व की बात है कि गुप्त वृंदावन धाम ने इंटरनेशनल गीता ओलंपियाड 2025 का सफल आयोजन 10 से अधिक देशों में किया, जिसमें 50 से अधिक शहरों के प्रतिभागियों ने भाग लिया। इस प्रतियोगिता में अमेरिका, यूरोप, मध्य-पूर्व, एशिया और ऑस्ट्रेलिया से जुड़े प्रतिभागियों ने श्रीमद्भगवद्गीता के अध्याय 7 से 12 तक के ज्ञान पर आधारित प्रश्नों का उत्तर देकर अपनी प्रतिभा दिखाई। सभी प्रतिभागियों ने प्रेम, अनुशासन और समर्पण के साथ भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षाओं के इस ज्ञान यज्ञ में सहभागी बनकर इस आयोजन को एक नई ऊँचाई दी।

गुप्त वृंदावन धाम के मीडिया प्रभारी सिद्ध स्वरूप दास ने बताया कि यह आयोजन पूरे विश्व में अत्यंत सफल रहा और इससे लाखों लोगों तक गीता का दिव्य संदेश पहुँचा।

इस प्रतियोगिता के विजेताओं में प्रथम स्थान प्राप्त किया आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम शहर की अनुषा कर्नूल ने, जिन्होंने 95% अंक अर्जित किए। द्वितीय स्थान प्राप्त किया राजस्थान के जोधपुर से डॉ. मीनाक्षी सोनी (दीक्षित नाम – मधु मालती देवी दासी) ने, जिन्होंने 91.5% अंक प्राप्त किए। डॉ. मीनाक्षी जी एक निजी चिकित्सालय की संचालिका हैं, जो भगवद्गीता के अध्ययन से गहराई से जुड़ी हुई हैं।

इस प्रतियोगिता का पुरस्कार वितरण समारोह रविवार, 8 जून 2025 को गुप्त वृंदावन धाम, जयपुर में आयोजित किया जाएगा।प्रतिभागियों को निम्न पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे –प्रथम स्थान – ₹1,00,000 (गीता रत्न) द्वितीय स्थान – ₹51,000 (गीता विभूषण) तृतीय स्थान – ₹21,000 (गीता भूषण) सांत्वना पुरस्कार – ₹1,100 (20 विजेताओं को गीता श्री) टॉप 100 प्रतिभागियों को “गीता पुरस्कार” से सम्मानित किया जाएगा।सभी प्रतिभागी अपना मोबाइल नंबर दर्ज कर वेबसाइट https://internationalgitaolympiad.com से अपना रैंक एवं ई-सर्टिफिकेट डाउनलोड कर सकते हैं।यह आयोजन केवल एक प्रतियोगिता ही नहीं बल्कि श्रीकृष्ण की शिक्षाओं को समर्पित एक सेवा भावना थी, जिसने वैश्विक स्तर पर लोगों को सनातन वैदिक संस्कृति से जोड़ने का कार्य किया

- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here