बीजेपी कार्यालय में दिवाली स्नेह मिलन समारोह में छाए भगवा दुपट्टे
सांगानेरी प्रिंट के राम नाम और राधे- राधे के दुपट्टों की मांग बढ़ी
लोक टुडे न्यूज नेटवर्क
जयपुर । विशेष संवाददाता जयपुर के श्रीगोविंद देव जी मंदिर और अन्य मंदिरों में सांगानेरी प्रिंट के दुपट्टे भेंट किए जाते रहे हैं। लेकिन जबसे भजनलाल शर्मा मुख्यमंत्री बने है इस तरह के दुपट्टों की राजनीतिक कार्यक्रमों में मांग बढ़ने लगी है। बीजेपी के साथ- साथ दूसरी राजनीतिक पार्टियां भी इस तरह के दुपट्टे भेंट करने लगे हैं। दो दिन पहले बीजेपी मुख्यालय में दिवाली स्नेह मिलन समारोह में भी सांगानेरी प्रिंट के भगवा दुपट्टे छाये रहे । सबसे खास बात है की आप साफा पहनाओ या फूलों की माला आदमी दो सेकिंड में उतार देता है, लेकिन आप जिसे भी ये दुपट्टा पहनाते है तो वो उसे काफी देर तक शान से पहनता है। यहां तक की मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की पहचान बन गई है राधे- राधे के नाम के दुपट्टे पहनने से । वे हमेशा इस तरह का सांगानेरी प्रिंट का दुपट्टा पहने रहते हैं।
बीजेपी मुख्यालय में भी छाया भगवा दुपट्टा
भाजपा मुख्यालय में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन लाल राठौड़ की अध्यक्षता में दीपावली स्नेह मिलन समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम में पार्टी के पदाधिकारी, कार्यालय के कर्मचारी ,पत्रकारों को दुपट्टे भेंट कर सम्मानित किया गया। सबसे खास बात है की सभी दुपट्टे सांगानेरी प्रिंट के थे । सुरेश कुमार छिपा ने बताया की वे सालों से सांगानेरी प्रिंट का काम करते है।लेकिन कुछ समय से सांगानेरी प्रिंट के दुपट्टों ने मंदिरों के बाद राजनीतिक कार्यक्रमों में भी अपना स्थान बना लिया है। जबकि पहले सिर्फ धार्मिक कार्यक्रमों या मंदिरों में इनकी डिमांड रहती थी। लेकिन जबसे मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के सांगानेर में सार्वजनिक अभिनंदन कार्यक्रम में स्थानीय कपड़ा व्यवसायियों ने उन्हें ये दुपट्टा भेंट किया था। इसके बाद से इस तरह के दुपट्टों की मांग लगातार बढ़ रही है। मानो मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सांगानेरी प्रिंट के दुपट्टों को ब्रांड बना दिया क्योंकि आज इनकी सबसे ज्यादा डिमांड है।
सांगानेरी प्रिंट के दुपट्टे पहली बार मुख्यमंत्री को चुनाव जीतने पर भेंट किए
जब मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा मुख्यमंत्री बनने के बाद इलाके में आए तो हमने सीएम साहब और उनके साथ आए सभी अतिथियों को राधे- राधे लिखे दुपट्टे भेंट किए। इससे पहले ये दुपट्टे श्रीगोविंद देव जी मंदिर और अन्य मंदिरों में ही जाते थे। राजनीतिक पार्टियों के कार्यक्रम में पहली बार भेंट किए गए। ये लोगों को इतने पसंद आए की अब तो अधिकांश कार्यक्रमों में सीएम साहब को सांगानेरी प्रिंट के दुपट्टे ही भेंट किए जाते हैं। दूसरे नेता और राजनीतिक दलों में भी इसकी मांग बढ़ने लगी है।
प्राकृतिक रंगों से बने दुपट्टों की आज देशभर में मांग
सुरेश सोहनिया,(छिपा) ने बताया की अब तो प्रदेश भर से इस तरह के दुपट्टों की मांग आने लगी है।सांगानेर में अब बहुत से लोग अलग- अलग रंगों में इन्हें तैयार करने लगे हैं। ये सूती, प्राकृतिक रंगों से स्पेशल डाय से बने होते है जो किसी भी तरह से नुकसान नहीं करते। जबकि जगदीश छिपा ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और कार्यालय प्रभारी मुकेश पारीक को बताया की हम प्रदेश अध्यक्ष जी और जो भी कार्यालय से जुड़े लोग ,पदाधिकारी और पत्रकार है उन्हें दिवाली पर ये भेंट करना चाहते है तो उन्होंने अनुमति दे दी। इसलिए हमें ये कार्यक्रम करके अच्छा लग रहा है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने भी इस कार्यक्रम को इतना पसंद किया की बड़ी संख्या में पार्टी से जुड़े कार्यकर्ताओं, प्रदेश पदाधिकारियों और पत्रकारों को अपने हाथों से दुपट्टे पहनाए। सुरेश छिपा और जगदीश छिपा ने प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ को दुपट्टी पहनाया। इसके बाद प्रदेश अध्य़क्ष ने भी इन दोनों को दुपट्टे पहनाए। सुरेश सोहनिया (छिपा ) प्रदेश अध्यक्ष का आभार व्यक्त किया कि उन्होंने उन्हें अवसर प्रदान किया।
मुख्यमंत्री की पसंद बने दुपट्टे
सबसे खास बात है कि इन दुपट्टों को मुख्यमंत्री के लगातार पहनने से अब राजनीतिक कार्यक्रमों में इस तरह के दुपट्टों की मांग बढ़ गई। कई कार्यक्रमों में मुख्यमंत्री खुद भी मेहमानों को ये दुपट्टे भेंट करते है। जो देखने में अच्छे और वजन में बिल्कुल हल्के है।राधे- राधे और जय श्रीराम लिखने से इनका धार्मिक महत्व भी बढ़ जाता है।
राष्ट्रीय स्तर पर बनी इन दुपट्टों की पहचान और मांग
सुरेश सोहनिया ने बताया की मुख्यमंत्री जी सांगानेर में आयोजित कार्यक्रम में ये दुपट्टे भेंट किए तो अंदाजा नहीं था की मंदिरों के अलावा इस तरह से ये दुपट्टे राजनीतिक कार्यक्रमों में चलन में आ जाएंगे। आज भजन संध्याओं और चुनावी रैलियों तक में इनकी मांग बढ़ी है। सोहनिया ने बताया की क्योंकि सांगानेर मुख्यमंत्री जी का विधानसभा क्षेत्र है तो उस समय सब सोच रहे थे कि उन्हें क्या भेंट किया जाए तो सबने अलग- अलग सुझाव दिए। सांगानेर की पहचान रंगाई- छपाई से है यहां की बैडशीटस की देश- विदेश में है। लेकिन बैडशीट भेंट करना अच्छा नहीं लग रहा था, तब हमने इन दुपट्टों के बारे में सोचा हमने उस कार्यक्रम के लिए विशेष तौर पर ये तैयार किए तब ये नहीं सोचा था की आज इनकी इस तरह से डिमांड आएगी या लोगों की पसंद बन जाएंगे। लेकिन इसका श्रेय मुख्यमंत्री को जाएगा जिन्होंने इन दुपट्टों को हर कार्यक्रम में पहनना शुरु कर दिया। आज कोई भी कार्यक्रम हो माला के साथ ये दुपट्टे भेंट किया जाना अच्छा लगता है। पहनने वाले को भी अच्छा लगता है और भेंट करने वाले को भी क्योंकि ये प्राकृतिक रंगों से बना सूती , वजन में हल्का और सस्ता भी है । जिससे इसकी लगातार मांग बढ़ने से सांगानेर के लोगों को रोजगार भी मिल रहा है ।