कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष खरगे का बयान अक्षम्य, उनका बयान सपा सांसद सुमन को संरक्षण देने वाला:— डॉ राधा मोहन दास अग्रवाल

0
37
- Advertisement -

लोक टुडे न्यूज़ नेटवर्क 

राज्यसभा सांसद और भाजपा प्रदेश प्रभारी डॉ राधा मोहन दास अग्रवाल ने सदन में सांसद सुमन और कांग्रेस को जमकर घेरा, बोले देश से माफी मांगे ‘इंडी ठगबंधन’

जयपुर,।(आर एन सांवरिया) राज्यसभा सांसद और भाजपा के प्रदेश प्रभारी डॉ राधा मोहन दास अग्रवाल ने समाजवादी पार्टी के सांसद रामजीलाल सुमन को नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष खरगे द्वारा सरंक्षण देने का आरोप लगाया। डॉ अग्रवाल ने राज्यसभा की कार्रवाई के दौरान कहा कि आश्चर्य की बात है कि सांसद रामजीलाल सुमन ने राणा सांगा पर विवादित और अर्यादित बयान देने के बाद फिर से बयान दिया कि मैं मरते मरते मर जाउंगा, लेकिन मैं अपनी बात वापस नहीं लूंगा। जब तक जीवित रहूंगा, तब तक मैं इस बात को वापस नहीं लूंगा। यह इस बात को दर्शाता है कि सांसद सुमन ने जो कुछ कहां था, वो सोच समझ कर कहा था, पूर्ण होशोहवास में कहा था, नियोजित तरीके से कहां था। यह संपूर्ण इंडी ठगबंधन की मानसिकता का द्योतक है। एक बार तो सदस्य के कहनामे को तो छोड़ा जा सकता था,लेकिन नेता प्रतिपक्ष कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष होते हुए इस पूरे मामले को दलित से जोड़ रहे है वो अक्षम्य है। वो अपराधियों को पूरी तरह संरक्षण देने वाला है।
राज्यसभा सांसद डॉ राधा मोहन दास अग्रवाल ने कहा कि देश का इतिहास गवाह है, कांग्रेस राष्ट्र विरोधियों के साथ रहने की आदी है। खरगे ने राणा सांगा को जान बूझ कर दलित समाज से जोड़कर के दलित का मुद्दा उठाकर राणा सांगा को दोबारा अपमानित किया है। इन्होंने इस मामले का राजनीतिकरण किया है, यह कांग्रेस की सोची हुई मंशा है। डॉ अग्रवाल ने बताया कि डॉ अम्बेडकर एक दलित थे, डॉ अम्बेडकर ने 25 अप्रैल को कहा था कि चाहे जो भी हो जाए इस देश की कांग्रेस में कभी भी नहीं जाया जा सकता है। आज सदन में खरगे ने अपनी उसी मानसिकता को सिद्ध करने का कार्य किया है। इतिहास गवाह है कि कांग्रेस इरविन के साथ समझौता करती थी, जबकि हमारे देश के लिए संघर्ष करने वालों को फांसी पर चढाने के लिए समझौता किया करती थी।
राज्यसभा सांसद डॉ राधा मोहन दास अग्रवाल ने कहा कि सांसद सुमन ने यह महसूस कर लिया होता कि गलती से कह दिया या भाषण देने के आवेश में उनके मुंह से निकल गया। उन्होंने सदन के अंदर या बाहर भी अगर यह स्पष्टीकरण दे दिया होता कि मैं ऐसा नहीं कहना चाहता था। सांसद ने कह दिया होता कि जो कुछ कहां मैं उसके लिए शर्मिंदगी महसूस करता हूं और पूरे देश से माफी मांगता हूं। तो यह बात उसी दिन समाप्त हो जाती, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। अब जब तक रामजीलाल सुमन और कांग्रेस पार्टी माफी नहीं मांगेगी तब तक इस विषय पर समझौत नहीं किया जाएगा।

- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here