जयपुर में निकली भगवान श्री जगन्नाथ, बलभद्र एवं माता सुभद्रा की भव्य रथ यात्रा

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लोक टुडे न्यूज नेटवर्क

तृतीय श्री जगन्नाथ रथ यात्रा – 2025 का भव्य शुभारंभ
 जयपुर। जयपुर शहर में भगवान श्री जगन्नाथ, बलभद्र एवं माता सुभद्रा की अनुपम कृपा और जयपुरवासियों की भक्ति के साथ तृतीय श्री जगन्नाथ रथ यात्रा निकाली गई।  श्री गोविंद देव जी मंदिर से भव्य रूप से संपन्न हुआ।
इस वर्ष रथ यात्रा की विधिवत शुरुआत जयपुर के श्रद्धालु नागरिकों द्वारा परंपरागत ‘चेरा पहरा’ अनुष्ठान के साथ हुई, जिसमें रथ के आगे भूमि को झाड़ू से शुद्ध कर सेवा, विनम्रता और समर्पण की सनातन परंपरा का निर्वहन किया गया।


इस ऐतिहासिक आयोजन में कई  अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति रही, जिनमें प्रमुख रूप से शामिल थे: गोपाल शर्मा – विधायक,, कुसुम यादव – महापौर, जयपुर नगर निगम (हेरिटेज)डॉ. अरुण अग्रवाल – अध्यक्ष, The FORTY, गोमा सागर – चेयरमैन, Sagar Foundation, मुकेश मिश्रा – आयोजक, जयपुर मैराथन,योगाचार्य ढाकाराम- Yog Guru,आचार्य रजनीश पंड्या – प्रतिष्ठित विद्वान एवं सनातन संस्कृति प्रचारक।
शोभायात्रा के दौरान भगवान श्री जगन्नाथ, बलभद्र एवं माता सुभद्रा की भव्य प्रतिमाएं रथ पर विराजमान रहीं।
इन पावन विग्रहों का  सेवक देबज्योति राय एवं  सेविका  ज्योति सागर राय ने परंपरागत रूप से साफा पहनाकर, तिलक कर विधिवत स्वागत किया।
स्काउट्स और गाइड्स की टोली द्वारा रथ को गार्ड ऑफ ऑनर भी प्रदान किया गया।
इस रथ यात्रा की शुरुआत मात्र 250 श्रद्धालुओं के छोटे से समूह से हुई थी, जिसका उद्देश्य सनातन संस्कृति के मूल्यों को पुनर्स्थापित करना था। आज यह आयोजन जयपुर का जन-सांस्कृतिक उत्सव बन चुका है।
पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी हजारों भक्तों की उपस्थिति ने आयोजन को ऐतिहासिक बना दिया।
श्री जगन्नाथ सेवक समिति (SJSS) की विशेषता यह है कि इसमें कोई पदानुक्रम नहीं है — सभी सदस्य श्री सेवक और श्री सेविकाएं हैं, जो समर्पण के साथ सेवा कार्य में संलग्न रहते हैं। समिति के कार्य उप-समितियों के माध्यम से व्यवस्थित रूप से संपन्न किए जाते हैं।
ज्योति सागर राय ने अपने स्वागत भाषण में कहा:
“भगवान श्री जगन्नाथ की महिमा रहस्यमयी और चमत्कारी है। यह आयोजन ऐसा प्रतीत होता है मानो स्वयं भगवान की इच्छा से आकार ले रहा हो।
रथ यात्रा का मार्ग जलेबी चौक, हवा महल रोड, बड़ी चौपड़, छोटी चौपड़ से होते हुए त्रिपोलिया गेट के माध्यम से ब्रिज निधि मंदिर तक रहा, जिसे गुंडिचा मंदिर के रूप में मान्यता दी जाती है।
इस रथ यात्रा को जनमानस तक पहुँचाने में जयपुर की प्रसिद्ध कार्यक्रम संचालक  प्रीति सक्सेना  ने पूरे मार्ग में भगवान श्री जगन्नाथ की कथाएं सुनाकर तथा मार्गदर्शन करते हुए शोभायात्रा को भावनात्मक ऊँचाई प्रदान की।
साथ ही,  सुवाष गोयल के नेतृत्व में व्यापार मंडल महासंघ ने रथ मार्ग के विभिन्न स्थानों पर जल सेवा और पुष्पवर्षा की सुंदर व्यवस्था की, जो भक्तों के लिए अत्यंत सुखद अनुभव रहा।

ब्रिज निधि मंदिर में भगवान श्री जगन्नाथ एवं उनके भ्राता-भगिनी 9 दिनों तक विराजमान रहेंगे। इस अवधि में कथा-कीर्तन, ओडिसी नृत्य, भरतनाट्यम, मोहिनीअट्टम, रासलीला, योग शिविर एवं ध्यान सत्र जैसे अनेक आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
हर संध्या श्री जगन्नाथ महाभोग प्रसाद का वितरण होगा।
जयपुरवासियों से निवेदन है कि वे इस पावन आयोजन में सपरिवार सहभागी बनें और भगवान के दर्शन एवं आशीर्वाद का लाभ लें।
5 जुलाई 2025 को, शाम 5 बजे, वापसी रथ यात्रा ब्रिज निधि मंदिर से प्रारंभ होकर इस महोत्सव का समापन करेगी। इसके पश्चात भगवान श्री जगन्नाथ जी राधा रमन खाटूश्याम मंदिर, सेक्टर 29, प्रतापनगर वापस पधारेंगे, जहाँ वे दर्शनार्थ सुलभ रहेंगे।

 

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