IRS अधिकारी का इस्तीफा: क्या यह एक नये भारत के प्रशासनिक युग की दस्तक है?

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लोक टुडे न्यूज नेटवर्क – हेमराज तिवारी वरिष्ठ पत्रकार 

भारतीय राजस्व सेवा (IRS) के अधिकारी कपिल राज का इस्तीफा न केवल प्रशासनिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है, बल्कि यह देश की मौजूदा राजनीतिक-प्रशासनिक संरचना पर भी गहरी टिप्पणी करता है। यह वही अधिकारी हैं जिन्होंने ईडी में रहते हुए दो मुख्यमंत्रियों — अरविंद केजरीवाल और हेमंत सोरेन — की गिरफ्तारी की निगरानी की थी।

ऐसे समय जब सरकारी तंत्र पर राजनीतिक दबाव, एजेंसियों की निष्पक्षता, और अफसरशाही की निष्ठा पर सवाल उठते हैं, कपिल राज का यह कदम — स्वैच्छिक इस्तीफे के रूप में — कई परतों में पढ़ा जा सकता है।

क्या यह एक प्रशासनिक आत्मचिंतन है?
क्या वे सिस्टम के भीतर रहकर अपनी सीमाओं और विवशताओं को पहचान चुके थे?
या फिर यह भविष्य की नई पारी की तैयारी है — जिसमें वे किसी बड़े दायित्व, सार्वजनिक जीवन, या निजी मुहिम की ओर बढ़ सकते हैं?

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा उनके इस्तीफे को त्वरित स्वीकृति देना भी इस निर्णय की गंभीरता को रेखांकित करता है।

यह घटना हमें याद दिलाती है कि लोकतंत्र केवल राजनीतिक वर्ग से नहीं चलता, बल्कि ईमानदार और निर्भीक अफसरों की रीढ़ से टिकता है। यदि ऐसे अफसर व्यवस्था से बाहर जाने का फैसला कर रहे हैं, तो यह एक सिस्टम अलार्म भी हो सकता है।

आज जब हम “न्यू इंडिया” की बात करते हैं, तब कपिल राज जैसे अफसरों की भूमिका यह बताती है कि देश में परिवर्तन की लहर केवल नेताओं से नहीं, बल्कि प्रशासन के भीतर से भी उठ सकती है।

यदि अफसरशाही सवाल पूछने लगे और राजनीतिक आदेशों से ऊपर उठकर सत्य के पक्ष में खड़ी होने लगे — तो समझ लीजिए देश बदल रहा है।

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