लोक टुडे न्यूज नेटवर्क
जयपुर,। (आर एन सांवरिया) सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने शुक्रवार को विधानसभा में कहा कि राज्य सरकार द्वारा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के नियंत्रणाधीन राजस्थान राज्य अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास आयोग एवं देवनारायण बोर्ड में अध्यक्ष पद पर नियुक्ति प्रदान की हुई है तथा शेष बोर्ड आयोग में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति राज्य सरकार का नीतिगत निर्णय है।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री प्रश्नकाल के दौरान सदस्य द्वारा इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्न का जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि वर्तमान में राजस्थान राज्य अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास आयोग एवं देवनारायण बोर्ड में विभाग द्वारा बजट आवश्यकतानुसार उपलब्ध कराया गया है और पदाधिकारियों का भी मनोनयन किया है।
गहलोत ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने चुनाव से ठीक पहले वर्ष 2022-2023 में राजनीतिक लाभ लेने की मंशा से 36 बोर्ड और आयोगों के गठन की घोषणा की। इनमें से केवल 17 बोर्ड और आयोगों में ही आनन-फानन में पदाधिकारी मनोनीत किए गए, शेष में अभी तक बाकी हैं। उन्होंने कहा कि 26 बोर्डों का गठन तो चुनाव से ठीक 6 माह पहले ही किया था।
इससे पहले विधायक सी.एल. प्रेमी बैरवा के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में उन्होंने कहा कि विगत राज्य सरकार द्वारा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के नियंत्रणाधीन राजस्थान राज्य बालीनाथ बोर्ड, राजस्थान राज्य मेघवाल कल्याण बोर्ड, राजस्थान राज्य जाटव कल्याण बोर्ड, राजस्थान राज्य वाल्मिकी कल्याण बोर्ड, राजस्थान राज्य केवट कल्याण बोर्ड सहित कुल 36 नवीन बोर्ड/आयोग का गठन किया गया था। तत्कालीन सरकार उनके पदाधिकारियों का मनोनयन भी नहीं किया गया था। उन्होंने इसकी सूची सदन के पटल पर रखी।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने कहा कि वर्तमान में राजस्थान राज्य अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास आयोग एवं देवनारायण बोर्ड में विभाग द्वारा बजट आवश्यकतानुसार उपलब्ध कराया गया है।